India ने स्वदेशी पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम में प्राप्त की महत्वपूर्ण सफलता

India ने स्वदेशी पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम में प्राप्त की महत्वपूर्ण सफलता

India ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी सफलता प्राप्त की है। भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 3 फरवरी 2025 को ओडिशा के चांदीपुर में स्वदेशी पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम VSHORDS (Very Short Range Air Defense System) का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल प्रणाली किसी भी दुश्मन ड्रोन या अन्य निचे उड़ते लक्ष्य को सटीक रूप से नष्ट करने की क्षमता रखती है। इस प्रणाली का विकास भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह सफलता भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और देश के हवाई रक्षा तंत्र को और भी मजबूत करेगी।

VSHORDS मिसाइल प्रणाली का महत्व

VSHORDS प्रणाली एक स्वदेशी पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे दुश्मन के ड्रोन, विमान, मिसाइल या अन्य कम ऊंचाई पर उड़ते हुए लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी है और भारतीय सेना की जरूरतों के मुताबिक तैयार की गई है। इसे छोटी दूरी की एयर डिफेंस प्रणाली के रूप में तैयार किया गया है, जिससे यह दुश्मन के ड्रोन या छोटे विमानों को तबाह करने में सक्षम है, जो कि एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बन सकते हैं।

इस प्रणाली की विशेषता यह है कि यह पोर्टेबल है, यानी इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है, और यह फील्ड में तैनात सैनिकों द्वारा आसानी से उपयोग की जा सकती है। इसके माध्यम से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान किसी भी प्रकार के हवा से आने वाले खतरों से निपटने में सक्षम होंगे।

परीक्षण के परिणाम और सफलता

VSHORDS प्रणाली का सफल परीक्षण 3 फरवरी को चांदीपुर, ओडिशा में किया गया। इस परीक्षण में मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्यों को सटीक रूप से नष्ट किया। परीक्षण के दौरान, तीनों मिसाइलों ने उच्च गति से उड़ रहे कम ऊंचाई वाले लक्ष्यों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इन लक्ष्यों को विशेष रूप से इस प्रकार डिज़ाइन किया गया था कि वे कम थर्मल संकेत उत्पन्न करें, जिससे कि इस प्रणाली की प्रभावशीलता को विभिन्न उड़ान परिस्थितियों में परीक्षण किया जा सके।

परीक्षण के दौरान, मिसाइलों ने यह साबित कर दिया कि वे किसी भी प्रकार के कम ऊंचाई वाले उड़ते हुए लक्ष्यों को सटीकता से निशाना बना सकती हैं। यह भारत के हवाई रक्षा तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और आने वाले समय में देश की सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगी।

रक्षा मंत्री का अभिवादन

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और भारतीय सशस्त्र बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह परीक्षण भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनका मानना ​​है कि यह प्रणाली देश के हवाई रक्षा तंत्र को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारा उद्देश्य आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाना है और इस प्रणाली के माध्यम से हम अपने रक्षा क्षेत्र को और भी मजबूत कर रहे हैं। यह परीक्षण हमारी प्रौद्योगिकी में उच्चतम स्तर की सटीकता को दर्शाता है। हम DRDO और भारतीय सशस्त्र बलों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई देते हैं।”

स्वदेशी तकनीकी उन्नति और आत्मनिर्भरता

VSHORDS प्रणाली के सफल परीक्षण से यह साफ जाहिर होता है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, और इसकी सफलता भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम है।

DRDO द्वारा इस प्रणाली का विकास भारतीय सेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। भारतीय सेना को हमेशा से एक ऐसे पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम की आवश्यकता थी, जो न केवल सटीक हो, बल्कि तैनाती में भी आसान हो। इस प्रणाली के विकास से यह साबित हो गया है कि भारतीय रक्षा उद्योग अब न केवल अपने सैन्य बलों के लिए अत्याधुनिक तकनीकी समाधान विकसित करने में सक्षम है, बल्कि वह वैश्विक स्तर पर भी अपनी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है।

VSHORDS का भविष्य में उपयोग

VSHORDS प्रणाली का उपयोग भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के द्वारा किसी भी प्रकार के कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए किया जाएगा। यह ड्रोन, हल्के विमान, और अन्य छोटे आकार के हवाई खतरों के लिए एक अत्यधिक प्रभावी रक्षा उपाय साबित होगी।

इसके अतिरिक्त, यह प्रणाली ऐसे समय में भी बहुत प्रभावी साबित हो सकती है, जब दुश्मन को रोकने के लिए तेजी से प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता हो। चूंकि यह प्रणाली पोर्टेबल है, इसे विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जा सकता है, और यह सीमा से लेकर विभिन्न सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

देश की हवाई रक्षा प्रणाली को और मजबूत करना

VSHORDS प्रणाली का परीक्षण भारतीय सेना और अन्य सशस्त्र बलों की हवाई रक्षा क्षमता को और अधिक मजबूत करेगा। यह प्रणाली ड्रोन युद्ध और अन्य छोटे उड़ने वाले लक्ष्यों के लिए बहुत प्रभावी है, जो कि अब आधुनिक युद्धों में एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। भारत की सीमाओं पर खतरे बढ़ते जा रहे हैं, और ऐसे में स्वदेशी तकनीकों का विकास देश की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

यह स्वदेशी पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम भारत के आत्मनिर्भर रक्षा तंत्र को और सुदृढ़ करने में मदद करेगा और आने वाले समय में भारतीय सेना की युद्धक क्षमता में भी वृद्धि करेगा।

भारत द्वारा विकसित किए गए VSHORDS प्रणाली का सफल परीक्षण न केवल भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, बल्कि यह देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम भी है। इस प्रणाली का समुचित उपयोग भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना द्वारा किया जाएगा, जो देश की रक्षा को मजबूत करेगा। भारतीय रक्षा क्षेत्र की यह सफलता देशवासियों के लिए गर्व की बात है और भविष्य में यह देश की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाएगी।