प्रयागराज Maha Kumbh में मची भगदड़ पर Supreme Court की टिप्पणी, PIL खारिज

प्रयागराज Maha Kumbh में मची भगदड़ पर Supreme Court की टिप्पणी, PIL खारिज

Supreme Court ने प्रयागराज Maha Kumbh में हुई भगदड़ को एक “दुर्भाग्यपूर्ण घटना” बताते हुए उस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। साथ ही, कोर्ट ने जनहित याचिका (PIL) में दिए गए अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसमें तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देशों और सुरक्षा उपायों को लागू करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी को यह मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ले जाने का निर्देश दिया।

PIL में क्या मांग की गई थी?

यह जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई थी, जिसमें महाकुंभ मेले के दौरान मौनि अमावस्या के दिन हुई भगदड़ पर कार्रवाई की मांग की गई थी। याचिका में निम्नलिखित प्रमुख मांगें की गई थीं:

  1. स्टेटस रिपोर्ट: मौनि अमावस्या के दिन हुई भगदड़ पर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने की मांग की गई थी, ताकि घटना के कारणों का पता चल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
  2. जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई: याचिका में भगदड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी।
  3. सुविधा केंद्र की स्थापना: यह भी कहा गया था कि महाकुंभ क्षेत्र में सभी राज्यों द्वारा एक सुविधा केंद्र खोला जाए, ताकि गैर-हिंदी भाषी नागरिकों को कोई कठिनाई न हो।

भगदड़ में 30 की मौत, 60 घायल

महाकुंभ में हुई इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए, यह बताया गया कि 29 जनवरी की सुबह, मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ में 30 लोग मारे गए और 60 लोग घायल हो गए। यह घटना महाकुंभ क्षेत्र के उस समय की थी, जब लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने के लिए पहुंचे थे।

इस घटना के बाद, महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठे थे और इसने देशभर में लोगों का ध्यान आकर्षित किया था। हालांकि, इस घटना के बावजूद, महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कोई महत्वपूर्ण गिरावट नहीं आई है और श्रद्धालु अभी भी महाकुंभ में आ रहे हैं।

प्रयागराज Maha Kumbh में मची भगदड़ पर Supreme Court की टिप्पणी, PIL खारिज

भगदड़ के बाद सरकार ने उठाए कदम

इस दुखद घटना के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ में सुरक्षा और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  1. बाहर से आने वाले वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध: महाकुंभ क्षेत्र में ट्रैफिक की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए, बाहर से आने वाले वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  2. VVIP पासों की रद्दीकरण: VVIP और अन्य उच्च अधिकारियों को दिए गए विशेष पासों को रद्द कर दिया गया है, ताकि सामान्य श्रद्धालुओं के लिए अधिक स्थान उपलब्ध हो सके।
  3. सुरक्षा बलों की तैनाती: भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
  4. श्रद्धालुओं के लिए हेल्पलाइन सेवा: तीर्थयात्रियों को किसी भी समस्या का समाधान जल्दी से प्राप्त हो सके, इसके लिए हेल्पलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं।
  5. सार्वजनिक जागरूकता अभियान: श्रद्धालुओं को महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और आगे की राह

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ पर स्थिति की गंभीरता को दरकिनार करता हुआ दिखाई देता है। हालांकि, कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है, लेकिन यह मामला अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुलझाया जाएगा, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है।

महाकुंभ जैसा विशाल आयोजन, जहां करोड़ों लोग एकत्र होते हैं, वहां सुरक्षा को लेकर कई चुनौतियां होती हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भगदड़ जैसी घटनाओं से बचना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। ऐसे में, सरकार के उठाए गए कदमों के बावजूद, सभी पक्षों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

क्या हैं भविष्य के उपाय?

महाकुंभ जैसी बड़ी धार्मिक आयोजनों में भविष्य में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम: महाकुंभ क्षेत्र में एक स्मार्ट ट्रैफिक और पार्किंग सिस्टम लागू किया जा सकता है, ताकि भीड़-भाड़ को नियंत्रित किया जा सके।
  2. तकनीकी समाधान: CCTV कैमरों और ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है, ताकि अधिक प्रभावी निगरानी रखी जा सके और किसी भी घटना पर तत्काल प्रतिक्रिया की जा सके।
  3. श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाइंस: यात्रा से पहले श्रद्धालुओं को सुरक्षा गाइडलाइंस और मार्गदर्शन प्रदान किया जा सकता है, ताकि वे आयोजन स्थल पर सुरक्षित रूप से पहुंच सकें।

महाकुंभ में हुई भगदड़ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, लेकिन सरकार और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं की महत्वपूर्ण आवश्यकता को उजागर किया है, और अब यह सरकार और प्रशासन पर निर्भर करेगा कि वे आगे बढ़कर सुनिश्चित करें कि महाकुंभ जैसे आयोजनों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो।