आज संसद में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने महाकुंभ के दौरान हुए हादसे का मुद्दा उठाया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लेते हुए महाकुंभ में हुए भगदड़ पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने इस घटना के आंकड़े छिपाए हैं। अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर सभी पार्टी नेताओं की बैठक बुलाने की मांग की। वहीं, इस पर भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाकुंभ में सब कुछ ठीक से हुआ था और विपक्ष इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहा है।
अखिलेश यादव का आरोप: सरकार ने आंकड़े छिपाए
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “हम पूछते हैं कि अगर भगदड़ में कोई गलती नहीं थी, तो क्यों आंकड़े छिपाए गए, दबाए गए और नष्ट किए गए?” उन्होंने महाकुंभ में हुई घटना को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला किया। उनका कहना था कि जब यह घटना सामने आई थी और कई लोग मारे गए थे, तब सरकार ने मृतकों के शवों को मॉर्टरी और अस्पताल में छोड़ दिया था, जबकि सरकार ने अपने सरकारी हेलिकॉप्टर में पुष्प वर्षा की। यह किस तरह का सनातनी परंपरा है, अखिलेश ने इस पर सवाल उठाया।
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि यह घटना घटित होने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के प्रति कोई संवेदना व्यक्त नहीं की, जबकि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया था, और राज्य सरकार ने 17 घंटे बाद इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार आज भी सच को स्वीकार नहीं कर पा रही है।
हेमा मालिनी ने दी अपनी प्रतिक्रिया
वहीं, इस पर भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अखिलेश यादव के बयान का जवाब देते हुए कहा, “यह उनका काम है बोलना और जो भी कहना है कहना। हम भी महाकुंभ गए थे, वहां सब कुछ बहुत अच्छे तरीके से संचालित किया गया था। यह दुर्घटना बीच में हो गई, लेकिन विपक्ष इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार इस स्थिति को बहुत अच्छे तरीके से संभाल रही है।”
#WATCH | Delhi: BJP MP Hema Malini says “…We went to Kumbh, we had a very nice bath. It is right that an incident took place, but it was not a very big incident. I don’t know how big it was. It is being exaggerated…It was very well-managed, and everything was done very… pic.twitter.com/qIuEZ045Um
— ANI (@ANI) February 4, 2025
हेमा मालिनी ने यह भी कहा कि महाकुंभ का आयोजन बहुत अच्छे तरीके से हुआ और प्रशासन ने पूरी व्यवस्था पर ध्यान दिया। हालांकि, उन्होंने दुर्घटना को स्वीकार करते हुए कहा कि यह एक अफसोसजनक घटना थी, लेकिन विपक्ष इसके बारे में गलत धारणा बना रहा है।
महाकुंभ हादसा: क्या हुआ था वास्तव में?
महाकुंभ में हुआ हादसा देशभर में चर्चा का विषय बन गया था। जानकारी के अनुसार, इस दौरान भारी भीड़ के कारण एक भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालु घायल हो गए और कुछ की मौत भी हो गई। यह घटना जब मीडिया में आई, तो बहुत बड़ी संख्या में लोग इसके बारे में बात करने लगे।
#WATCH | Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav says “When it was known that some people had lost their lives, their bodies were lying in the mortuary and in the hospital, then the govt filled their government helicopter with flowers and showered flower petals. What kind of… pic.twitter.com/vI2kbLsO6p
— ANI (@ANI) February 4, 2025
इस घटना के बाद राज्य सरकार की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया, जो अखिलेश यादव के आरोपों का आधार बना। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारियों ने मृतकों के सामान जैसे चप्पल, कपड़े और साड़ी को JCB मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठाकर कहीं फेंक दिया। यह सारी घटनाएं अखिलेश के अनुसार इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार इस गंभीर घटना से बचने के प्रयास में थी और सच्चाई को छिपाने की कोशिश की।
अखिलेश का तर्क: संवेदनहीनता का आरोप
अखिलेश यादव ने यह आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में हुए हादसे के बाद मृतकों के परिवारों के प्रति कोई संवेदना व्यक्त नहीं की। उनका कहना था कि जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया, तब राज्य सरकार ने 17 घंटे बाद अपनी चुप्पी तोड़ी। इससे यह संदेश गया कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही थी।
अखिलेश ने कहा, “यह संवेदनहीनता का प्रतीक है कि जब इतने लोग मारे गए, तब भी सरकार इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देती। यह घटना राज्य सरकार की असफलता को उजागर करती है।”
महाकुंभ और प्रशासनिक व्यवस्था
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। लाखों लोग इस आयोजन में शामिल होते हैं और इसे आयोजित करने के लिए राज्य सरकार को बहुत बड़ी व्यवस्था करनी पड़ती है।
इस साल महाकुंभ में कई प्रशासनिक व्यवस्थाएं थीं, जिनमें सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, और यातायात प्रबंधन शामिल थे। बावजूद इसके, भारी भीड़ के कारण यह हादसा हो गया। प्रशासन की ओर से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए कई कदम उठाए गए थे, लेकिन हर कदम के बावजूद इस तरह की दुर्घटनाएं कभी-कभी घटित हो जाती हैं।
विपक्ष और सत्तापक्ष के आरोप-प्रत्यारोप
अखिलेश यादव के बयान के बाद भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि महाकुंभ के आयोजन में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं थी और जो हुआ वह एक अप्रत्याशित घटना थी। उन्होंने इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने का आरोप विपक्ष पर लगाया।
वहीं, विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने इस हादसे पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी और यह घटना संचालन की असफलता को उजागर करती है।
महाकुंभ में हुए हादसे को लेकर समाजवादी पार्टी और भा.ज.पा. के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है। अखिलेश यादव ने जहां सरकार की लापरवाही को उजागर करने की कोशिश की, वहीं हेमा मालिनी ने इसे एक सामान्य घटना बताते हुए विपक्ष पर आरोप लगाया।
महाकुंभ की इस घटना ने साबित कर दिया कि बड़े आयोजनों के दौरान सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर बनाए रखना कितना जरूरी है। यह स्थिति दर्शाती है कि आने वाले समय में इस तरह के आयोजनों के दौरान प्रशासन को और भी सख्त कदम उठाने होंगे ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सके।