Hamas ने चार बंधकों के शव रेड क्रॉस को सौंपे, बदले में फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई

Hamas ने चार बंधकों के शव रेड क्रॉस को सौंपे, बदले में फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई

Hamas: गाजा पट्टी में संघर्ष विराम समझौते के पहले चरण की समाप्ति से कुछ दिन पहले हमास ने गुरुवार तड़के चार इसराइली बंधकों के शव रेड क्रॉस को सौंप दिए। इसराइली सुरक्षा अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। इसके बदले में इसराइल ने सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की।

बंधकों की पहचान की प्रक्रिया शुरू

इसराइली अधिकारियों ने बताया कि इन शवों को मिस्र के मध्यस्थों की मदद से इसराइली सीमा तक लाया गया और अब उनकी पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दूसरी ओर, जिस समय हमास ने इन शवों को सौंपा, लगभग उसी समय रेड क्रॉस का एक काफिला इसराइल के ओफर जेल से कई दर्जन रिहा किए गए फिलिस्तीनी कैदियों को लेकर रवाना हुआ।

इसराइल ने रोकी थी कैदियों की रिहाई

इससे पहले, इसराइल ने शनिवार को 600 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की योजना बनाई थी, लेकिन इसराइली सरकार ने यह स्पष्ट किया कि जब तक गाजा में बंधकों की और रिहाई सुनिश्चित नहीं हो जाती और बंधकों की “अपमानजनक सौंपने की प्रक्रिया” बंद नहीं होती, तब तक कैदियों की रिहाई नहीं की जाएगी।

हमास की कार्रवाई पर विवाद

दरअसल, शनिवार को हमास ने छह इसराइली बंधकों को रिहा किया था, जिनमें से पांच को मंच पर लाकर भीड़ के सामने प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद उन्हें छोड़ा गया। इस प्रक्रिया की संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने निंदा की थी। इस घटना के बाद इसराइली सरकार ने कहा कि बंधकों की इस तरह की सार्वजनिक रिहाई अस्वीकार्य है और इसे रोकने के लिए कैदियों की रिहाई को रोका गया था।

हमास ने इसराइल के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे संघर्ष विराम का गंभीर उल्लंघन बताया और कहा कि जब तक फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक वार्ता के दूसरे चरण को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

पहले चरण के समझौते के तहत बंधकों की रिहाई

इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बुधवार को कहा कि इस बार बंधकों के शव सौंपते समय कोई सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही संघर्ष विराम समझौते के पहले चरण की शर्तें पूरी हो जाएंगी।

पहले चरण के तहत हमास ने 33 इसराइली बंधकों को रिहा किया, जबकि इसराइल ने लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा, जिनमें आठ शव भी शामिल थे।

संघर्ष विराम और भविष्य की संभावनाएं

संघर्ष विराम समझौते के तहत इसराइल और हमास के बीच हुई यह अदला-बदली अगले दौर की वार्ता का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। हालांकि, इसराइली अधिकारियों का कहना है कि जब तक हमास के कब्जे में मौजूद सभी बंधकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित नहीं होती, तब तक संघर्ष विराम की अवधि को और आगे बढ़ाना मुश्किल होगा।

दूसरी ओर, हमास का कहना है कि यदि इसराइल संघर्ष विराम की शर्तों का पालन नहीं करता है, तो वार्ता का दूसरा चरण असंभव होगा। हमास ने यह भी आरोप लगाया कि इसराइल जानबूझकर कैदियों की रिहाई में देरी कर रहा है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने संघर्ष विराम की सफलता पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसराइल और हमास दोनों से अपील की है कि वे संघर्ष विराम की शर्तों का पालन करें और हिंसा से बचें।

अमेरिका और मिस्र जैसे देशों ने भी दोनों पक्षों से अपील की है कि वे शांति वार्ता को जारी रखें और किसी भी तरह के आक्रामक कदमों से बचें।

क्या संघर्ष विराम बना रहेगा?

विश्लेषकों का मानना है कि इस संघर्ष विराम को बनाए रखना कठिन होगा क्योंकि दोनों पक्षों के बीच अविश्वास बना हुआ है।

  • इसराइल चाहता है कि उसके सभी बंधकों को जल्द से जल्द मुक्त किया जाए।
  • हमास चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाए और इसराइल की सैन्य कार्रवाई रोकी जाए।

अगर दोनों पक्ष अपनी मांगों पर अड़े रहे, तो संघर्ष विराम टूटने की आशंका बनी रहेगी।

गुरुवार को हमास द्वारा चार इसराइली बंधकों के शव सौंपे जाने और बदले में फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई से संघर्ष विराम के पहले चरण की शर्तें पूरी हो गईं। हालांकि, यह संघर्ष विराम आगे कितना जारी रहेगा, यह अभी भी अनिश्चित बना हुआ है। इसराइल और हमास दोनों के बीच गहरी अविश्वास की खाई है, जिसे पाटना मुश्किल होगा। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि क्या दोनों पक्ष दूसरे चरण की वार्ता के लिए तैयार होते हैं या फिर हिंसा का नया दौर शुरू होता है।