Market Update: शेयर बाजार में जारी गिरावट को लेकर निवेशकों में चिंता बनी हुई है। हालांकि, वित्तीय कंपनी प्रभुदास लीलाधर (Prabhudas Lilladher) के अनुसार, यह गिरावट इसी महीने के अंत तक रुक सकती है। इसके अलावा, चालू वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के अंत तक बाजार में स्थिरता लौटने की संभावना है। यह जानकारी कंपनी के पीएल कैपिटल (PL Capital) की रिपोर्ट में दी गई है।
एफपीआई भारत लौटेंगे!
पीएल कैपिटल ने अपनी ताजा इंडिया स्ट्रेटजी रिपोर्ट (India Strategy Report) जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, निकट भविष्य में बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के अंत तक इसमें स्थिरता लौट सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) में वृद्धि के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (Foreign Portfolio Investment – FPI) भारत में वापसी कर सकता है।
इसके अलावा, आयकर दरों में कमी और उपभोक्ता मांग में सुधार से विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर विश्वास बढ़ेगा। इस वजह से प्रभुदास लीलाधर ने अगले 12 महीनों में निफ्टी (Nifty) को 25,689 के स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य दिया है।
मांग और खपत में सुधार
पीएल कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू मांग में सुधार देखने को मिलेगा। इसके पीछे मुख्य कारण खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) में गिरावट है, जो अक्टूबर 2024 में 10.9% थी और अब घटकर 6% रह गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो दर (Repo Rate) में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, जिससे अगले 3-6 महीनों में खुले बाजार परिचालन (OMO) के माध्यम से बाजार में नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी।
इसके अलावा, बजट में आयकर की दरें घटाई गई हैं, जिससे करदाताओं को ₹1 लाख करोड़ रुपये की राहत मिली है। इससे खपत में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। धार्मिक पर्यटन (Religious Tourism) से भी अर्थव्यवस्था को लाभ होने की उम्मीद है। सरकार के पूंजीगत व्यय आवंटन में 17% की वृद्धि हुई है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (PSU) और राज्यों को भी शामिल किया गया है।
PL कैपिटल का मॉडल पोर्टफोलियो
बाजार में अपेक्षित उछाल को देखते हुए पीएल कैपिटल ने अपना मॉडल पोर्टफोलियो (Model Portfolio) जारी किया है। कंपनी उपभोक्ता से जुड़े शेयरों पर अधिक निवेश कर रही है, क्योंकि टैक्स में कटौती, मुद्रास्फीति में गिरावट और ब्याज दरों में कमी के कारण मांग में वृद्धि की संभावना है। इसके अलावा, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े शेयरों पर भी पीएल कैपिटल का झुकाव बढ़ा है।
इन शेयरों पर बुलिश है पीएल कैपिटल
पीएल कैपिटल ने अपने पोर्टफोलियो में निम्नलिखित शेयरों को शामिल किया है:
- सिप्ला (Cipla)
- एस्ट्रल पॉली (Astral Poly)
- मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki)
- आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
- कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)
- एबीबी (ABB)
- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (Bharat Electronics)
- इंटरग्लोब एविएशन (IndiGo)
- आईटीसी (ITC)
- भारती एयरटेल (Bharti Airtel)

इन शेयरों से घटाया निवेश
पीएल कैपिटल ने निम्नलिखित शेयरों में अपना निवेश घटा दिया है:
- लार्सन एंड टूब्रो (L&T)
- टाइटन (Titan)
- हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL)
- रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries)
- एचसीएल टेक (HCL Tech)
- एचडीएफसी एएमसी (HDFC AMC)
इन स्टॉक्स पर भी पीएल कैपिटल की नजर
इसके अलावा, पीएल कैपिटल को निम्नलिखित शेयर भी पसंद हैं:
- चैलेट होटल्स (Chalet Hotels)
- इंगर्सोल रैंड (Ingersoll Rand)
- कैन्स टेक (Keynes Tech)
विदेशी निवेशक क्यों निकाल रहे हैं पैसा?
पीएल कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वैश्विक अनिश्चितता (Global Uncertainty) और कमजोर रुपये (Weak Rupee) के कारण विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। अक्टूबर 2024 से अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी और बॉन्ड मार्केट से कुल $20.2 बिलियन डॉलर की निकासी की है, जो हाल के वर्षों में सबसे अधिक है।
भारत से कुल $8.2 बिलियन डॉलर का पूंजी प्रवाह बाहर गया है। पीएल कैपिटल ने FII निवेशों की बाधा दर (Hurdle Rate) की गणना की है और पाया कि:
- रुपये की 4% कमजोरी के कारण विदेशी निवेशकों की लागत बढ़ी है।
- कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gains Tax) और 10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी दर (US Treasury Rate) 4.5% होने के कारण भारत में निवेश आकर्षक नहीं लग रहा।
- इस वजह से FII निवेश की कटऑफ दर 10.5% तक बढ़ गई है।
प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार में अभी कुछ समय के लिए उतार-चढ़ाव बना रहेगा, लेकिन चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) के अंत तक इसमें स्थिरता आ सकती है।
बाजार में स्थिरता लौटने के प्रमुख कारण:
- विदेशी निवेशकों की वापसी – पूंजीगत व्यय में वृद्धि और कर दरों में कटौती के कारण।
- खपत में वृद्धि – आयकर में छूट और आरबीआई की नीतियों के कारण।
- ब्याज दरों में कटौती – जिससे बाजार में नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी।
- धार्मिक पर्यटन और सरकारी निवेश – जो अर्थव्यवस्था को गति देगा।
पीएल कैपिटल ने अपने मॉडल पोर्टफोलियो में उपभोक्ता, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के स्टॉक्स पर ज्यादा भरोसा जताया है, जबकि L&T, HUL, Reliance जैसे बड़े शेयरों में निवेश घटाया है। हालांकि, विदेशी निवेशकों की निकासी अभी भी एक चुनौती बनी हुई है, लेकिन भविष्य में बाजार में स्थिरता लौटने की संभावना है।
निवेशकों के लिए यह रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है कि उन्हें अपने पोर्टफोलियो में किन स्टॉक्स पर ध्यान देना चाहिए और बाजार में संभावित सुधार का लाभ कैसे उठाना चाहिए।