Illegal betting and gambling: IPL 2024 से पहले सट्टे का बाजार गर्म, अरबों में पहुंचेगा दांव

Illegal betting and gambling: IPL 2024 से पहले सट्टे का बाजार गर्म, अरबों में पहुंचेगा दांव

Illegal betting and gambling: भारतीय प्रीमियर लीग (IPL) 2025 का शेड्यूल हाल ही में जारी किया गया है। आईपीएल का आगाज 22 मार्च से होगा और इसका फाइनल 25 मई को खेला जाएगा। इस दौरान विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एक बार फिर आईपीएल सीज़न के दौरान अवैध सट्टेबाजी और जुए की गतिविधियां अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच सकती हैं। डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर साल अवैध सट्टेबाजी और जुए से 100 बिलियन डॉलर से अधिक की रकम जुटाई जाती है और यह हर साल 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।

अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म पर ट्रैफिक की स्थिति

डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 की चौथी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) के बीच चार प्रमुख सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म जैसे Parimatch, Stake, 1xBet और Battery Bet पर कुल 1.6 बिलियन विज़िट्स हुईं। इस दौरान, इन प्लेटफॉर्म्स की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook, Meta और Telegram से 42.8 मिलियन विज़िट्स हुईं। यह ट्रैफिक मुख्य रूप से पेड एडवरटाइजिंग के माध्यम से आता है, जैसे कि फेसबुक एड नेटवर्क, प्रमोटेड कंटेंट, मार्केटिंग और सोशल मीडिया प्रचार के जरिए।

कैसे होती है इन सट्टेबाजी साइट्स की प्रोमोशन?

अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के ऑपरेटर अपनी साइट्स का प्रचार करने के लिए ‘बेस्ट आईपीएल सट्टेबाजी साइट’ या ‘ऑनलाइन कैसीनो बिना KYC’ जैसे टैगलाइन का इस्तेमाल करते हैं। ये ऑपरेटर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) का उपयोग करके लोगों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा, वे व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसी ऐप्स का भी व्यापक उपयोग करते हैं। इसके अलावा, जो लोग सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स रखते हैं, वे भी अपने अकाउंट्स के जरिए इन सट्टेबाजी ऐप्स का प्रचार करते हैं।

अवैध सट्टेबाजी के दुष्प्रभाव

अर्विंद गुप्ता, जो कि डिजिटल इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक हैं, ने CNBC-TV से बात करते हुए कहा कि इन सट्टेबाजी ऐप्स का उपयोग केवल पैसे की निवेश गतिविधियों तक सीमित नहीं है। इनमें से कई ऐप्स का इस्तेमाल विदेशों में चुनावी अभियान चलाने या मनी लॉन्ड्रिंग जैसी अवैध गतिविधियों में भी किया जाता है। उनका कहना था कि भारत में लोग अक्सर इन सट्टेबाजी साइट्स के झांसे में आकर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, जो एक गंभीर समस्या है।

Illegal betting and gambling: IPL 2024 से पहले सट्टे का बाजार गर्म, अरबों में पहुंचेगा दांव

गुप्ता ने यह भी बताया कि ऐसे अवैध प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ऐसे प्लेटफॉर्म्स के लिए विज्ञापन शुल्क लेने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इस तरह की विज्ञापन नीति ने इन अवैध सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है।

अवैध सट्टेबाजी और जुए के कारण समाज पर प्रभाव

अवैध सट्टेबाजी और जुए का प्रभाव न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी देखा जा सकता है। यह गतिविधियां समाज में अपराध, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध लेन-देन को बढ़ावा देती हैं। इन ऐप्स के जरिए बड़े पैमाने पर धन का लेन-देन होता है, जो सरकारी नियमों और कानूनों से बचने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, सट्टेबाजी के कारण लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। कई बार यह आदत लोग अपनी पूरी जिंदगी पर भारी बना लेते हैं, जिसके परिणामस्वरूप परिवारों में भी असहमति और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

सट्टेबाजी पर नियंत्रण और कानून की आवश्यकता

सट्टेबाजी और जुए की अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए कड़े कानूनों की आवश्यकता है। डिजिटल इंडिया फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का सुझाव दिया है कि इन प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा देने वाली सोशल मीडिया साइट्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके अलावा, ऐसे विज्ञापनों के लिए नियम बनाना और उन्हें पूरी तरह से बंद करना भी जरूरी है। अगर इन गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो आने वाले समय में यह और भी अधिक फैल सकती है और युवा वर्ग को अधिक प्रभावित कर सकती है।

इसके साथ ही, सरकार को इन अवैध प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी निगरानी और जांच करने की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की गतिविधियों को पूरी तरह से रोका जा सके। यदि इस पर सही तरीके से नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह देश की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

आईपीएल 2025 के दौरान अवैध सट्टेबाजी और जुआ की गतिविधियों का बढ़ना एक गंभीर समस्या बन सकती है। डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि इस क्षेत्र में हर साल लाखों डॉलर की अवैध रकम जुटाई जा रही है। इसके साथ ही, इन प्लेटफॉर्म्स की प्रोमोशन सोशल मीडिया के जरिए हो रही है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। भारत में सट्टेबाजी और जुआ को नियंत्रित करने के लिए कड़े कानूनों की आवश्यकता है ताकि इस समस्या का हल निकाला जा सके और समाज पर इसके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके।