Hardoi News: हर्डोई जिले की पुलिस ने मानव तस्करी के शिकार एक 3 वर्षीय बच्चे को आंध्र प्रदेश राज्य से बरामद किया है। यह बच्चा फरवरी महीने में सीतापुर जिले से अगवा किया गया था और उसे एक मानव तस्करी गिरोह ने पांच लाख रुपये में बेच दिया था। पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश जारी है।
सीतापुर से अगवा हुआ बच्चा, आंध्र प्रदेश में बेचा गया
हर्डोई पुलिस ने 3 वर्षीय मासूम को आंध्र प्रदेश से बरामद किया, जिसे 10 फरवरी को सीतापुर जिले से एक मानव तस्करी गिरोह ने अगवा कर लिया था। गिरोह ने बच्चे को उसकी तस्वीर दिखाकर पांच लाख रुपये में बेच दिया। यह गिरोह बच्चों को अगवा करने के बाद उनकी तस्वीरें बेचने के लिए भेजता था, जिससे बच्चों की कीमत तय की जाती थी। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने बच्चों को शादी समारोहों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से लालच देकर अगवा किया था, और फिर उनकी तस्वीरें गिरोह के मुख्य आरोपियों को भेजी जाती थीं, जो उनका मूल्यांकन कर खरीददारी करते थे।
अधिकारियों ने गिरफ्तारी की, मास्टरमाइंड की तलाश जारी
पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जिनका नाम पथान मुमताज़ उर्फ़ हसीना और विकोल बिजली है। ये महिलाएं आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं। पुलिस ने बताया कि हसीना और बिजली ने 3 वर्षीय बच्चे हृतिक को सीतापुर जिले के अटेरिया थाना क्षेत्र से अगवा किया था। घटना के समय हृतिक अपनी मां गुड़िया के साथ अपने मामा शशिकांत के घर शादी के तिलक समारोह में शामिल होने आया था। जब परिवारवाले कार्यक्रम में व्यस्त थे, तभी बच्चा अचानक गायब हो गया। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में कई टीमों का गठन किया और हृतिक को लगभग एक महीने बाद तेलंगाना राज्य से बरामद किया।
मुलायम और खतरनाक गिरोह के तार, पुलिस ने की अहम खुलासा
पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने इस मामले में खुलासा करते हुए कहा कि यह गिरोह बच्चों की तस्करी के लिए एक सक्रिय अंतरराज्यीय गैंग है। इस गिरोह में कई महिलाएं और पुरुष शामिल हैं, जो बच्चों को अगवा करके उन्हें दूसरे राज्यों में बेचने का काम करते हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ जांच की जा रही है और गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है।
आरोपियों द्वारा बच्चों को अगवा करने की प्रक्रिया में यह महिलाएं उन्हें मोबाइल फोन दिखाकर और चॉकलेट देकर लुभाती थीं। इसके बाद, बच्चों को ले जाकर उनकी तस्वीरें गिरोह के मुख्य आरोपी सोनिया उर्फ़ सुनिता को भेजी जाती थीं, जो बच्चों की कीमत तय करती थीं। पुलिस ने कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है और इस गिरोह के नेटवर्क को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई, मासूम बच्चों को बचाने के प्रयास
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की और पीड़ित बच्चों को सुरक्षित बरामद किया। हर्डोई पुलिस ने इस मानव तस्करी के गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की, और अब वे गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रहे हैं। हर्डोई पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और इसे एक बड़ी सफलता के रूप में पेश किया है।
पुलिस ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता चले तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस ने यह भी कहा कि इस तरह के गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।