UP News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में रविवार को एक बड़ी घटना सामने आई, जब दिल्ली-देहरादून हाईवे पर निर्माणाधीन पुल का एक गियर गिर गया। इस हादसे में दो मजदूर घायल हो गए, जिनमें से एक का पैर टूट गया है। पुलिस अधिकारी ने इस घटना की जानकारी दी।
देवबंद के सीओ रविकांत पराशर ने बताया, “एक गियर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर मशीन के जरिए शिफ्ट किया जा रहा था, तभी यह गियर गिर गया और दो मजदूर घायल हो गए। उनमें से एक मजदूर का पैर टूट गया है।” जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई अन्य व्यक्ति गियर के नीचे दबा तो पराशर ने कहा, “एनएचएआई (राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण) अधिकारियों का कहना है कि कोई भी व्यक्ति गियर के नीचे नहीं दबा है, लेकिन फिर भी हम इसकी जांच करेंगे।”
क्या था घटना का कारण?
रविवार रात को राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक नरेंद्र सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस घटना का कारण एक तकनीकी खराबी थी। सिंह ने कहा, “दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारे परियोजना के तहत देवबंद नहर पर एक फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा था, जो सहारनपुर जिले में स्थित है। इसके तहत मार्च 13 से नहर को 15 दिन के लिए बंद किया गया था। 23 मार्च को गियर लॉन्चिंग की प्रक्रिया चल रही थी, तभी क्रेन का तार टूट गया और एक गियर गिर गया, साथ ही चार अन्य गियर भी गिर गए, जिनका पहले ही लॉन्च किया जा चुका था। इस हादसे में सभी पांच गियर क्षतिग्रस्त हो गए और गिर गए।”
सिंह ने यह भी कहा कि यह घटना क्रेन के तार के टूटने के कारण हुई है, न कि गियर की गुणवत्ता में कोई कमी के कारण। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि परियोजना के ठेकेदार ने पहले ही यातायात डायवर्जन के लिए उचित इंतजाम किए थे, जिससे किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई।
#WATCH सहारनपुर, उत्तर प्रदेश: देवबंद सर्किल के थाना बड़गांव के मोरा गांव के पास निर्माणाधीन दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पिलर गिर गया। (23.03)
वीडियो सोर्स: सहारनपुर पुलिस pic.twitter.com/hJc8oUkKvy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 23, 2025
मजदूरों का इलाज जारी
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश इस घटना में दो मजदूर घायल हुए हैं, जिनका इलाज ठेकेदार द्वारा अपनी लागत से किया जा रहा है।” इस घटना के बाद, राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो घटनास्थल पर जाकर इस दुर्घटना के कारणों की विस्तृत तकनीकी जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंपेगी।
यातायात व्यवस्था पर असर
सिंह ने आगे कहा कि इस घटना के कारण कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि प्राधिकरण ने पहले से ही यातायात डायवर्जन के लिए उचित व्यवस्था की थी। इस समय, न तो कोई व्यक्ति हताहत हुआ और न ही किसी प्रकार की दुर्घटना के कारण सार्वजनिक सुरक्षा में कोई संकट आया।
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के तहत दिल्ली और देहरादून के बीच परिवहन को बेहतर बनाने के लिए एक आर्थिक गलियारा विकसित किया जा रहा है, जिससे यातायात की गति बढ़ने की संभावना है। हालांकि, इस तरह के हादसे से परियोजना की समयसीमा और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
घटना के बाद से इस परियोजना के लिए सुरक्षा उपायों पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण ने विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि इस दुर्घटना के कारणों की सही जानकारी सामने आएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण और ठेकेदार की ओर से इस दुर्घटना के बाद की जांच को लेकर हर संभव कदम उठाने का वादा किया गया है, ताकि इस प्रकार की दुर्घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
सहारनपुर में दिल्ली-देहरादून हाईवे पर हुई यह दुर्घटना एक चेतावनी के रूप में सामने आई है, जो निर्माण कार्यों में तकनीकी खामियों और सुरक्षा उपायों की गंभीरता को उजागर करती है। हालांकि, इस हादसे में जनहानि नहीं हुई, लेकिन दो मजदूरों को चोटें आई हैं। अब देखना यह है कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति अपनी जांच के बाद क्या सुझाव देती है और क्या भविष्य में इस प्रकार के हादसों से बचने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे।