अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भारत पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। साथ ही, भारत को विशेष चिंता वाले देश (Country of Particular Concern – CPC) घोषित करने की सिफारिश भी की है।
हालांकि, भारत ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा कि यह रिपोर्ट पक्षपाती और राजनीतिक मंशा से प्रेरित है।
USCIRF की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
अमेरिकी आयोग की वार्षिक रिपोर्ट 2025 में कहा गया है कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है। आयोग ने आरोप लगाया कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का हनन हो रहा है और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।
रिपोर्ट में खासतौर पर भारत की खुफिया एजेंसी RAW पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है। USCIRF का आरोप है कि RAW न केवल देश के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाती है। आयोग का दावा है कि RAW की गतिविधियां मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ी हैं, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
भारत ने रिपोर्ट को खारिज किया
भारत ने USCIRF की रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे पूर्वाग्रह से प्रेरित बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा, “हमने अमेरिकी आयोग की हालिया रिपोर्ट देखी है, जो एक बार फिर पक्षपाती और राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित आकलन जारी करने की अपनी परंपरा को जारी रखे हुए है।”
उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्ट में भारत की बहुसांस्कृतिक समाज व्यवस्था को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। “USCIRF की यह कोशिश भारत के लोकतंत्र और सहिष्णुता को कमजोर करने का प्रयास है, जो सफल नहीं होगा। वास्तव में, USCIRF को ही एक चिंता का विषय माना जाना चाहिए।”
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर क्या है USCIRF का दावा?
USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में मुस्लिम, ईसाई और सिख समुदायों के लोगों को निशाना बनाया जाता है। रिपोर्ट में धर्मांतरण विरोधी कानूनों, गौ रक्षा कानूनों और भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाओं का जिक्र किया गया है।
आयोग ने आरोप लगाया कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभावपूर्ण नीतियां अपनाई जा रही हैं। USCIRF का कहना है कि धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के कारण भारत को विशेष चिंता वाले देश (CPC) की सूची में डाला जाना चाहिए।
MEA Official Spokesperson, Randhir Jaiswal says, "We have seen the recently released 2025 Annual Report of the U.S. Commission on International Religious Freedom (USCIRF), which once again continues its pattern of issuing biased and politically motivated assessments. The USCIRF's… pic.twitter.com/8YwKk9yEtp
— ANI (@ANI) March 26, 2025
RAW पर प्रतिबंध की सिफारिश क्यों?
USCIRF ने RAW पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करते हुए आरोप लगाया कि यह एजेंसी धार्मिक समूहों के खिलाफ गतिविधियों में शामिल है। आयोग ने दावा किया कि RAW की कार्रवाई धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
हालांकि, रिपोर्ट में इन आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया है। भारत ने USCIRF के इन आरोपों को झूठा और निराधार बताया है।
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव
USCIRF की इस रिपोर्ट के बाद भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक तनाव बढ़ सकता है। भारत पहले भी USCIRF की रिपोर्टों को पक्षपाती और अविश्वसनीय करार देता रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस रिपोर्ट के बाद दोनों देशों के संबंधों में तल्खी आ सकती है। हालांकि, अमेरिका की सरकार ने अभी तक USCIRF की सिफारिशों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भारत की प्रतिक्रिया क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत ने USCIRF की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट भारत की लोकतांत्रिक और बहुलतावादी छवि को खराब करने की कोशिश है।
विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां सभी धर्मों के लोगों को बराबरी का अधिकार प्राप्त है। रिपोर्ट में लगाए गए आरोप झूठे और भ्रामक हैं।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि USCIRF की रिपोर्ट का उद्देश्य भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना हो सकता है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह रिपोर्ट भारत की वैश्विक छवि को धूमिल करने की साजिश का हिस्सा हो सकती है।
वहीं, अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह रिपोर्ट भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित कर सकती है। यदि अमेरिकी प्रशासन इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेता है, तो भारत पर कूटनीतिक दबाव बढ़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष
भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट कर दिया है कि वह धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत हमेशा यह दोहराता रहा है कि देश में सभी धर्मों और समुदायों को समान अधिकार प्राप्त हैं।
अमेरिकी आयोग USCIRF की रिपोर्ट ने भारत की खुफिया एजेंसी RAW पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है और भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की मांग की है। हालांकि, भारत ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और इसे पक्षपाती और राजनीतिक मंशा से प्रेरित बताया है।
भारत का कहना है कि USCIRF का यह प्रयास भारत की लोकतांत्रिक छवि को धूमिल करने का प्रयास है, जो सफल नहीं होगा। अब देखना होगा कि अमेरिकी प्रशासन इस रिपोर्ट पर क्या रुख अपनाता है और यह रिपोर्ट भारत-अमेरिका संबंधों को किस हद तक प्रभावित करती है।