Yashwant Verma: गुजरात हाई कोर्ट, केरल हाई कोर्ट, कर्नाटक हाई कोर्ट, लखनऊ बार एसोसिएशन और इलाहाबाद हाई कोर्ट समेत छह बार एसोसिएशन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना को पत्र लिखकर दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। यह पत्र वर्मा के घर से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के बाद लिखा गया है। एसोसिएशन ने तबादले का कोई भी फैसला लेने से पहले मामले की उचित जांच की मांग की है।
मुख्य न्यायाधीश ने बार एसोसिएशन के नेताओं से मुलाकात की
पत्र के बाद, CJI संजीव खन्ना ने दिल्ली में बार एसोसिएशन के प्रमुखों से मुलाकात की। बार नेताओं ने वर्मा के 30, तुगलक क्रिसेंट स्थित आवास से नकदी की बरामदगी के संबंध में जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग की। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से इस घटना पर दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का भी आग्रह किया। एसोसिएशन मामले से निपटने में अधिक न्यायिक जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।
#WATCH | Presidents of Bar Associations of High Court of Allahabad, Lucknow bench, Gujarat, Karnataka, and Jabalpur bench of Madhya Pradesh have come to Supreme Court to meet Chief Justice of India Sanjiv Khanna and other senior judges on the issue of Justice Yashwant Varma.… pic.twitter.com/JuX6sLgsl3
— ANI (@ANI) March 27, 2025
ट्रांसफर की सिफारिश वापस लेने की मांग
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि CJI खन्ना ने बार नेताओं को आश्वासन दिया है कि वर्मा के ट्रांसफर के लिए कॉलेजियम की सिफारिश वापस लेने की उनकी मांग पर विचार किया जाएगा। बार एसोसिएशन ने यह भी अनुरोध किया कि जस्टिस वर्मा को सौंपे गए सभी प्रशासनिक कार्य वापस ले लिए जाएं, उनके चल रहे न्यायिक कर्तव्यों को छोड़कर। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में एकजुटता बैठक करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की समिति जस्टिस वर्मा से मुलाकात करेगी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय इन-हाउस समिति इस सप्ताह जस्टिस यशवंत वर्मा से मुलाकात करने वाली है। समिति अपनी जांच आगे बढ़ाने से पहले वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल, मेनका गुरुस्वामी, अरुंधति काटजू और अधिवक्ता तारा नरूला से कानूनी राय ले रही है। इस बैठक के नतीजे वर्मा के तबादले और नकदी बरामदगी की घटना की जांच के संबंध में भविष्य की कार्रवाई को प्रभावित कर सकते हैं।