DoT का ऐलान: अब ट्रेन में चोरी हुआ फोन तुरंत मिलेगा वापस, DoT और RPF ने मिलाया हाथ!

DoT का ऐलान: अब ट्रेन में चोरी हुआ फोन तुरंत मिलेगा वापस, DoT और RPF ने मिलाया हाथ!

DoT का ऐलान: आज के दौर में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। यह सिर्फ कॉलिंग के लिए ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन पेमेंट से लेकर मनोरंजन और अन्य जरूरी कामों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में अगर ट्रेन यात्रा के दौरान आपका मोबाइल चोरी हो जाए या खो जाए, तो यह एक बड़ी परेशानी बन सकता है। इसके साथ ही आपके निजी डेटा पर भी खतरा मंडराने लगता है। लेकिन अब इस चिंता से राहत मिलने वाली है, क्योंकि दूरसंचार विभाग (DoT) ने यात्रियों की सुविधा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।

RPF और DoT मिलकर खोजेंगे गुम हुआ फोन

अगर ट्रेन यात्रा के दौरान आपका मोबाइल फोन चोरी हो जाता है या गुम हो जाता है, तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस समस्या से निपटने के लिए हाथ मिलाया है। अब दोनों विभाग मिलकर यात्रियों के गुम हुए मोबाइल को खोजने में मदद करेंगे। DoT के इस कदम से रोजाना यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। अब ट्रेन और रेलवे स्टेशन पर खोए हुए मोबाइल फोन को जल्द से जल्द ट्रैक किया जा सकेगा।

CEIR पोर्टल से होगा मोबाइल ब्लॉक और ट्रैक

अब ट्रेन में सफर करने वाले यात्री अपने खोए हुए फोन को Central Equipment Identity Register (CEIR) पोर्टल के जरिए ब्लॉक भी कर सकते हैं। इस पोर्टल की मदद से फोन को ट्रैक करना भी आसान हो गया है। अगर किसी यात्री का मोबाइल खो जाता है, तो वह CEIR के जरिए फोन को तुरंत ब्लॉक कर सकता है, जिससे उसका डेटा गलत हाथों में जाने से बच जाएगा। इसके अलावा, इस सुविधा की मदद से चोरी हुआ फोन वापस पाने की संभावना भी बढ़ गई है।

Sanchar Saathi ऐप से मिलेगी और भी सुविधाएं

दूरसंचार विभाग ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर जानकारी दी है। DoT के अनुसार, अगर आपका मोबाइल रेलवे स्टेशन या ट्रेन में खो जाता है, तो RPF और संचार ऐप की मदद से इसे ट्रेस किया जा सकता है। यदि फोन नहीं मिलता, तो इसे ब्लॉक भी किया जा सकता है। इसके लिए Sanchar Saathi ऐप को भी लॉन्च किया गया है, जिससे यात्री अपने खोए हुए फोन को ब्लॉक कर सकते हैं, यह भी पता कर सकते हैं कि उनके नाम पर कितने मोबाइल नंबर एक्टिव हैं और इंटरनेट कॉल्स से आने वाली धोखाधड़ी भरी कॉल्स की शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं। इस सरकारी ऐप के जरिए नागरिकों को धोखाधड़ी से बचाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है।