Rahul Gandhi की अपील: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती रद्द होने का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है और राजनीतिक सुर भी तेज हो रहे हैं। भाजपा ममता बनर्जी की अगुआई वाली सरकार पर निशाना साध रही है, वहीं कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को राज्य में स्कूल शिक्षक के तौर पर काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
न्यायालय के फैसले के बाद योग्य शिक्षकों की नौकरी जा रही है
राहुल गांधी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि न्यायपालिका द्वारा भर्ती प्रक्रिया रद्द किए जाने के बाद हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों ने अपनी नौकरी खो दी है। उनके अनुसार, प्रभावित शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले शिक्षक शिक्षा अधिकार मंच (IX-X) के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी शिकायतों के साथ उनसे संपर्क किया। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पहले भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई थीं और इसे अमान्य घोषित कर दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को इस फैसले को बरकरार रखा। तब से, कई प्रभावित शिक्षक अनिश्चित भविष्य का सामना करते हुए बिना किसी उम्मीद के रह गए हैं।
I have written to the Honourable President of India, Smt. Droupadi Murmu ji, seeking her kind intervention in the matter of thousands of qualified school teachers in West Bengal who have lost their jobs following the judiciary's cancellation of the teacher recruitment process.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 8, 2025
न्याय और निष्पक्षता का आह्वान
अपने पत्र में राहुल गांधी ने न्यायालय के निर्णय को स्वीकार किया, लेकिन निष्पक्षता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने कुछ उम्मीदवारों को अनुचित प्रक्रिया से लाभ उठाने का दोषी पाया, लेकिन यह भी पाया कि अन्य उम्मीदवारों का चयन स्वच्छ और पारदर्शी तरीके से किया गया। उन्होंने लिखा, “किसी भी गलत काम के लिए दंडित किया जाना चाहिए, और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।” “हालांकि, साफ-सुथरे उम्मीदवारों को दागी उम्मीदवारों के साथ मिलाना और उन्हें एक साथ बर्खास्त करना बहुत अन्यायपूर्ण है।” उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे इस बात पर विचार करें कि इस तरह की सामूहिक बर्खास्तगी का न केवल शिक्षकों पर बल्कि राज्य की शिक्षा प्रणाली पर भी क्या प्रभाव पड़ेगा।
छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा की अपील
राहुल गांधी ने इस फैसले के व्यापक परिणामों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने चेतावनी दी कि बेदाग शिक्षकों को बर्खास्त करने से लाखों छात्रों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ेगा, जो अब बिना पर्याप्त शिक्षण स्टाफ के रह सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों और उनके परिवारों की आजीविका खतरे में पड़ रही है, क्योंकि उनमें से कई पूरी तरह से इस आय पर निर्भर हैं। स्थिति को “मानवीय संकट” बताते हुए, उन्होंने राष्ट्रपति से दयालु दृष्टिकोण अपनाने की अपील की। उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वे सरकार से आग्रह करें कि वे बेदाग उम्मीदवारों को उनकी भूमिकाओं में बने रहने दें, ताकि उनके करियर और छात्रों का भविष्य अनावश्यक रूप से प्रभावित न हो।
अंत में, राहुल गांधी के हस्तक्षेप से इस मुद्दे पर राष्ट्रीय ध्यान आकृष्ट हुआ है, तथा इससे भविष्य में लिए जाने वाले निर्णयों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है, क्योंकि यह एक अत्यधिक संवेदनशील मामला बन गया है, तथा इससे हजारों लोगों के जीवन पर असर पड़ रहा है।