Kapil Mishra BJP: 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता और दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा द्वारा किए गए भड़काऊ ट्वीट एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गए हैं। मंगलवार (8 अप्रैल) को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान मिश्रा के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल के बयानों में केवल विपक्षी दलों, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) को निशाना बनाया गया था, न कि किसी धर्म या समुदाय को। मिश्रा अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के लिए पेश हुए। सत्र के दौरान, दिल्ली पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि मामले के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से रिपोर्ट प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
न्यायालय ने स्पष्टीकरण मांगा, सुनवाई स्थगित की
राउज एवेन्यू न्यायालय ने मामले में कुछ कानूनी मुद्दे उठाए, मिश्रा के बयानों पर स्पष्टीकरण मांगा। जवाब में, मिश्रा के वकील ने विस्तृत जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। न्यायालय ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और अगली सुनवाई की तारीख 26 मई तय की। इस कानूनी मामले ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह उन आरोपों से संबंधित है कि चुनाव अभियान के दौरान मिश्रा के बयानों ने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया था।
विवाद के पीछे क्या है?
विवाद 23 जनवरी, 2020 को शुरू हुआ, जब कपिल मिश्रा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान कई ट्वीट किए थे। इन ट्वीट्स पर समाज में विभाजन पैदा करने और चुनावी माहौल को बिगाड़ने का आरोप है। रिटर्निंग ऑफिसर की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई और कोर्ट ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत मामले का संज्ञान लिया। यह धारा विशेष रूप से चुनावों के दौरान वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने वाली कार्रवाइयों को संबोधित करती है, जो चल रही कानूनी कार्यवाही का मूल है।
राजनीतिक नतीजे और आरोप
इस मामले ने दिल्ली में राजनीतिक बहस को फिर से हवा दे दी है, विपक्षी दलों ने भाजपा पर चुनाव से पहले जानबूझकर सांप्रदायिक माहौल बनाने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, कपिल मिश्रा ने इन आरोपों को उनके खिलाफ ‘राजनीतिक बदला’ बताते हुए खारिज कर दिया है। उनका तर्क है कि ये आरोप उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उन्हें निशाना बनाने के प्रयास का हिस्सा हैं। यह मामला अदालत और राजनीतिक क्षेत्र दोनों में ही हलचल मचाता रहेगा, क्योंकि अदालत आने वाले हफ्तों में और दलीलें सुनने की तैयारी कर रही है।