क्या तकनीक से फिर महान बनेगा अमेरिका? S. Jaishankar ने ट्रंप के ‘MAGA’ एजेंडे से जोड़ी तकनीकी शक्ति

क्या तकनीक से फिर महान बनेगा अमेरिका? S. Jaishankar ने ट्रंप के 'MAGA' एजेंडे से जोड़ी तकनीकी शक्ति

विदेश मंत्री S. Jaishankar ने शुक्रवार को ‘कार्नेगी ग्लोबल टेक समिट 2025’ में बोलते हुए उभरते वैश्विक परिदृश्य को संबोधित किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पिछले एक साल में, संयुक्त राज्य अमेरिका के वैश्विक दृष्टिकोण में उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है, जो विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्र में दिखाई देता है। S. Jaishankar ने बताया कि यह बदलाव पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की राजनीतिक विचारधारा, विशेष रूप से ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ (MAGA) कथा से गहराई से जुड़ा हुआ है।

S. Jaishankar ने अमेरिका के तकनीकी प्रभुत्व और उसके MAGA एजेंडे के बीच एक मजबूत संरेखण देखा। उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी केवल अमेरिका की ताकत नहीं है – यह महानता की उसकी आकांक्षाओं का केंद्र है।” उन्होंने कहा कि हालांकि यह लिंक पहले इतना स्पष्ट नहीं था, लेकिन अब यह निर्विवाद हो गया है। उनके अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका प्रौद्योगिकी को आंतरिक प्रगति के लिए एक उपकरण और अपने वैश्विक प्रभाव के स्तंभ के रूप में देखता है।

चीन का स्थिर उदय और यूरोप का बदलता संतुलन

अमेरिका से परे वैश्विक बदलावों पर बात करते हुए S. Jaishankar ने कहा कि पिछले साल चीन की प्रगति अचानक नहीं बल्कि लगातार और सोची-समझी रही है। उन्होंने यूरोप के बदलते भू-राजनीतिक रुख पर भी चर्चा की और कहा कि अमेरिका, रूस और चीन के साथ यूरोप के पहले के संतुलित संबंध अब तनाव में आ गए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “यह बदलाव धीरे-धीरे हो सकता है, लेकिन यह गहरा रहा है और अंततः वैश्विक गतिशीलता को नया आकार देगा।”

S. Jaishankar ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि शिखर सम्मेलन का फोकस ‘टी’ शब्द- प्रौद्योगिकी पर था, लेकिन एक और महत्वपूर्ण ‘टी’ तस्वीर में आ गया है: टैरिफ। उन्होंने मौजूदा वैश्विक माहौल में प्रौद्योगिकी और व्यापार बाधाओं के बीच बढ़ते संबंध की ओर इशारा किया। शिखर सम्मेलन की थीम ‘संभावना’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह वैश्विक बदलावों को खतरों के बजाय अवसरों के रूप में देखने के भारत के नजरिए को दर्शाता है।