शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया Akhilesh Yadav पार्टी सांसद रामजी लाल सुमन के घर पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। अखिलेश ने कहा कि रामजी लाल सुमन के घर पर हमला कोई अकेली घटना नहीं बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। हमले के बाद सुमन के घर में तोड़फोड़ की गई और अखिलेश का मानना है कि इस हिंसा के पीछे मकसद पब्लिक डेमोक्रेटिक अलायंस (PDA) को डराना था। उन्होंने दावा किया कि सरकार पिछड़े वर्गों, दलितों और अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश कर रही है, जबकि उसे पता है कि पीडीए का समर्थन समाजवादी पार्टी के साथ है।
यूपी सरकार पर गंभीर आरोप
मीडिया को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हिंसा में सरकार की फंडिंग की भूमिका थी। उन्होंने कहा कि हमलावरों को सरकार का संरक्षण प्राप्त था, क्योंकि वे किसी कानूनी कार्रवाई से डरते नहीं थे। अखिलेश ने आगे दावा किया कि आगरा में तलवारें लहराई गईं, जो लखनऊ और दिल्ली के बीच चल रहे राजनीतिक तनाव का नतीजा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह हमला महज हिंसा का मामला नहीं था, बल्कि विपक्ष को धमकाने और जनता में डर पैदा करने के उद्देश्य से एक सुनियोजित चाल थी।
#WATCH | Agra, UP | After meeting the party's MP Ramji Lal Suman, Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav says, "The Samajwadi Party will move ahead following the Constitution of Babasaheb Ambedkar and the rights that we have under it. Action will be taken against those who waved… pic.twitter.com/WXoroQTcpd
— ANI (@ANI) April 19, 2025
Akhilesh Yadav ने सरकार की आलोचना करने के अलावा धमकियों के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि उन्हें भी गोली मारने की धमकी दी गई थी, ठीक वैसे ही जैसे पूर्व सांसद फूलन देवी की हत्या की गई थी। अखिलेश ने इन धमकियों को मौजूदा राजनीतिक माहौल का नतीजा बताया, जहां ताकतवर और प्रभावशाली समूहों को लगता है कि उन्हें सरकार का समर्थन हासिल है। धमकियों के बावजूद अखिलेश अपने रुख पर अड़े रहे और कहा कि अत्याचार और मनमानी का दौर जारी नहीं रहेगा। उन्होंने दोहराया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का संविधान, जो समानता और न्याय को कायम रखता है, सर्वोच्च रहेगा और हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करेगा।
Akhilesh Yadav का भविष्य के लिए विजन
रामजी लाल सुमन से मुलाकात के अंत में Akhilesh Yadav ने संविधान के अनुसार आगे बढ़ने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाजवादी पार्टी बाबा साहब अंबेडकर के संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है। अखिलेश ने हिंसक कृत्यों में शामिल लोगों, खासकर तलवार लहराने वालों और नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने इतिहास के प्रति एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला, जो विभाजन के बजाय एकता को बढ़ावा देता है। अखिलेश ने लोगों से इतिहास के उन हिस्सों को पीछे छोड़ने का आग्रह किया जो नुकसान पहुंचाते हैं और इसके बजाय सभी के लिए सामंजस्यपूर्ण भविष्य बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
Akhilesh Yadav और रामजी लाल सुमन के बीच हुई बैठक में उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं उजागर हुईं। अखिलेश की टिप्पणी राजनीतिक तनाव की बढ़ती भावना और राज्य में विपक्षी नेताओं के सामने आने वाली चुनौतियों को दर्शाती है। भाजपा और राज्य सरकार की कड़ी आलोचना के साथ, अखिलेश के शब्द लचीलेपन और संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता का संदेश देते हैं। उनके अनुसार, यूपी की राजनीति का भविष्य न्याय, समानता और एकता को बनाए रखने पर निर्भर करेगा, यह सुनिश्चित करते हुए कि हिंसा या धमकियों के सामने कोई भी पीछे न छूटे।