Jyeshtha Amavasya: ज्येष्ठ अमावस्या पर छुपे हैं ऐसे राज जिन्हें जानकर आप बन सकते हैं धनवान

Jyeshtha Amavasya: ज्येष्ठ अमावस्या पर छुपे हैं ऐसे राज जिन्हें जानकर आप बन सकते हैं धनवान

Jyeshtha Amavasya: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत ही खास महत्व होता है। साल में कुल 12 अमावस्या आती हैं और मई महीने में पड़ने वाली अमावस्या को ज्येष्ठ अमावस्या कहा जाता है। इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 26 मई को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 27 मई को सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। मतलब 26 मई की रात और 27 मई की सुबह तक अमावस्या का प्रभाव रहेगा। उदयातिथि के हिसाब से 27 मई को भी अमावस्या मानी जाएगी। ऐसे में दोनों दिन रात को कुछ आसान और चमत्कारी उपाय करके जीवन की कई समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। इस लेख में हम आपको ज्येष्ठ अमावस्या पर किए जाने वाले ऐसे खास उपायों की जानकारी देंगे जो धन, सुख और शांति दिला सकते हैं।

मुख्य दरवाजे पर दीपक जलाने का उपाय

अमावस्या की रात घर के मुख्य दरवाजे पर दीपक जलाने का बहुत महत्व है। ऐसा करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह शुरू होता है। इसके साथ ही यह उपाय धन प्राप्ति के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। अगर आपको पैसों की तंगी हो या बार-बार काम में अड़चनें आ रही हों तो मुख्य दरवाजे पर घी या तेल का दीपक जरूर जलाएं। यह एक बेहद सरल उपाय है लेकिन इसके चमत्कारी परिणाम देखे गए हैं। ज्येष्ठ अमावस्या की रात इस दीपक के सामने माता लक्ष्मी का ध्यान करना भी धन वृद्धि में मदद करता है।

Jyeshtha Amavasya: ज्येष्ठ अमावस्या पर छुपे हैं ऐसे राज जिन्हें जानकर आप बन सकते हैं धनवान

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उपाय

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनिदेव का जन्मोत्सव यानी शनि जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सरसों और काले तिल का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। आप रात को किसी मंदिर में जाकर सरसों और काले तिल दान कर सकते हैं। ऐसा करने से शनि से जुड़ी सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और रुके हुए काम बनने लगते हैं। अगर जीवन में लगातार परेशानी चल रही हो या शनि की साढ़ेसाती का असर हो तो यह उपाय बेहद फायदेमंद साबित होता है। ज्येष्ठ अमावस्या की रात शनिदेव का ध्यान करके ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करना भी लाभकारी रहता है।

पितृ दोष से मुक्ति और आध्यात्मिक लाभ के उपाय

ज्येष्ठ अमावस्या पर पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए दक्षिण दिशा में चारमुखी दीपक जलाना चाहिए। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और घर के कई अड़चनों का समाधान होता है। इसके अलावा इस दिन ‘ॐ पितृगणाय विद्महे जगद्धारिणी धीमहि तन्नो पितरो प्रचोदयात्’ मंत्र का जाप करने से भी पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है। यदि संभव हो तो शाम के समय नदी या तालाब जाकर मछलियों को आटे की गोलियां खिलानी चाहिए। इससे बहुत पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में खुशहाली आती है। जो लोग आध्यात्मिक रास्ते पर आगे बढ़ना चाहते हैं उनके लिए भी यह दिन खास होता है। अमावस्या की रात एकांत में बैठकर ध्यान और साधना करने से transcendental अनुभव मिल सकते हैं। मानसिक शांति के लिए योग और मेडिटेशन करना भी इस दिन बेहद फायदेमंद होता है। ज्येष्ठ अमावस्या की रात को साधक लोग विशेष साधनाएं करते हैं क्योंकि इस रात की ऊर्जा बहुत शक्तिशाली मानी जाती है। अगर आप भी अपने जीवन में आध्यात्मिक प्रगति चाहते हैं तो इस दिन ध्यान और योग जरूर करें।