UP News: NCERT के नाम पर घोटाला! 8 गिरफ्तार, गिरोह का सरगना फिर पहुंचा जेल

UP News: NCERT के नाम पर घोटाला! 8 गिरफ्तार, गिरोह का सरगना फिर पहुंचा जेल

UP News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली कोतवाली पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की संयुक्त टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस टीम ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है जो नकली NCERT किताबें छापकर कई राज्यों में सप्लाई कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही एक लाख से ज्यादा नकली किताबें, दो प्रिंटिंग प्रेस, कई वाहन और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए हैं। मेरठ के ADG ने इस टीम को एक लाख रुपये का इनाम दिया है, जबकि SSP ने 25,000 रुपये का पुरस्कार घोषित किया है।

जानकारी के मुताबिक, रविवार को खतौली कोतवाली पुलिस और SOG ने भैसी गांव में छापेमारी की। इस दौरान पुलिस को भारी मात्रा में नकली NCERT किताबों का भंडार मिला। यहां से आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में आदिल मेवाती, अनिल चौहान, राहुल राणा, राजू शर्मा, ताराचंद, सत्येंद्र सिंगल, जावेद अख्तर और अमित सैनी शामिल हैं। इनके पास से 1,33,092 नकली किताबें, महिंद्रा थार और होंडा अमेज़ कार, कंटेनर, 23 फार्मा डाई, 10,000 कवर, 170 पेपर रोल, दो प्रिंटिंग मशीन, दो कटर मशीन, 2,500 प्रिंटिंग प्लेट, 20 लीटर स्याही, 9 रिमूवर वैल्स और 5 लाख परफेक्ट बाइंडिंग मटेरियल भी जब्त किया गया है।

UP News: NCERT के नाम पर घोटाला! 8 गिरफ्तार, गिरोह का सरगना फिर पहुंचा जेल

हरियाणा के पानिपत और समालखा में लगती थी प्रिंटिंग मशीनें

पुलिस के अनुसार यह गिरोह हरियाणा के पानिपत और समालखा में प्रिंटिंग प्रेस लगाकर नकली NCERT किताबें छापता था। छपी हुई किताबें भैसी गांव में स्थित गोदाम में रखी जाती थीं। इसके बाद ये किताबें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे गाजियाबाद, मेरठ, शामली और करनाल में सप्लाई की जाती थीं। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह कई वर्षों से इस गैरकानूनी धंधे में सक्रिय था।

सरकारी राजस्व को हुआ भारी नुकसान, गुणवत्ता भी थी घटिया

एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि इस गिरोह ने सरकार को भारी राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। इस संबंध में कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। नकली किताबें कक्षा 9वीं से 12वीं तक की थीं, जिनकी गुणवत्ता असली NCERT किताबों से बहुत नीचे थी। इनमें वाटरमार्क और स्याही की गुणवत्ता अलग थी और 80 GSM के बजाय कम गुणवत्ता वाला कागज इस्तेमाल किया गया था। इस गिरोह के मुख्य आरोपी आदिल मेवाती पहले भी मेरठ जेल जा चुका है एक समान मामले में। पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है ताकि अन्य आरोपी भी पकड़े जा सकें।