मलेशिया पहुंच पता चली सच्‍चाई, तो पैरों तले खिसकी जमीन, हाथों की कठपुतली बनी यह महिला, 2 साल तक भोगा नर्क और अब…

IGI Airport: बातों ही बातों में वीरपाल कौर को इस बात का अंदाजा हो गया था कि अब दर्शन कौर के दिल में भी विदेश जाने के अरमान पलना शुरू हो चुके है. पंजाब के बरनाला शहर में रहने वाली दर्शन के दिल में पल रहे अरमानों की आहट मिलते ही वीरपाल ने अपनेपन का जाल बिछाना शुरू कर दिया. वीरपाल को जब मौका मिलता, वह दर्शन के अरमानों को हवा देने लगती. दर्शन अब किसी भी कीमत पर विदेश तो जाना चाहती थी, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि उसका यह अरमान कैसे पूरा होगा. 

वीरपाल को बस इसी वक्‍त का इंतजार था. मौका मिलते ही उसने दर्शन से कह दिया कि वह उसकी विदेश भेजने में मदद कर सकती है. चूंकि वीरपाल का बेटा और बेटी पहले से मलेशिया में रह रहे थे, लिहाजा दर्शन ने भी बेहद आसानी से उसकी बातों पर भरोसा कर लिया. कुछ दिन चक्‍कर लगवाने के बाद एक दिन वीरपाल ने अपनापन दिखाते हुए दर्शन से कह दिया कि रुपया खर्च किए बिना यह काम पूरा नहीं होगा. वीरपाल ने बेहद अहसान दिखाते हुए सौदा करीब एक लाख रुपए में तय कर दिया. 

वहीं, विदेश जाने को लेकर बेचैन दर्शन कौर ने एक लाख रुपए लाकर वीरपाल को दे दिए. बदले में वीरपाल वह तारीख बता दी, जिस दिन वीरपाल को मलेशिया रवाना होना था. वादे के मुता‍बिक, वीरपाल कौर ने 22 अक्‍टूबर को इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट से दर्शन कौर को थाईलैंड के लिए रवाना कर दिया. थाईलैंड पहुंचने के बाद वीरपाल के साथियों ने दर्शन कौर को मलेशिया भेज दिया. दर्शन मलेशिया में कुछ दिन ही चैन से रही थी, तभी उसको वहां की सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ कर दिल्‍ली के लिए डिपोर्ट कर दिया. 

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आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, मलेशिया से बतौर डिपोर्टी आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचने के बाद दर्शन कौर को हिरासत में ले लिया गया. जांच में पता चला कि दर्शन कौर के पासपोर्ट में लगा मलेशिया इमीग्रेशन का वीजा फर्जी है. जिसके बाद, दर्शन कौर को आईजीआई एयरपोर्ट पु‍लिस के हवाले कर दिया गया. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने दर्शन कौर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420/468/471 और पासपोर्ट एक्‍ट की धारा 12 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. 

पूछताछ में दर्शन कौर ने बताया कि वह रोजी-रोटी कमाने के लिए विदेश जाना चाहती थी. वीरपाल कौर नामक महिला एजेंट ने उसकी मलेशिया जाने में मदद की थी. इस काम के एवज में उसने वीरपाल कौर को एक लाख रुपए का भुगतान किया था. उसे 7 अक्‍टूबर 2022 को दिल्ली एयरपोर्ट से थाईलैंड भेज गया था. थाइलैंड पहुंचने के बाद वीरपाल के सहयोगियों ने उसके लिए जाली मलेशियाई इमीग्रेशन स्‍टैंप की व्यवस्था करने के साथ-साथ अवैध रूप से मलेशियाई सीमा भी पार कराई. 

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डीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि मलेशिया पहुंचने के बाद वह वीजा और वर्क परमिट के बिना अवैध रूप से वहां रुकी रही. दर्शन कौर के कबूलनामे के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्‍टेशन के एसएचओ विजेंद्र राणा के नेतृत्‍व में एक टीम गठित की गई, जिसमें सब इंस्‍पेक्‍टर विनोद के साथ महिला हेडकॉन्‍स्‍टेबल प्रमोद भी शामिल थीं. इस टीम ने इस मामले की मास्‍टर माइंड वीरपाल कौर की गिरफ्तारी के लिए पंजाब के कई ठिकानों में छापेमारी की गई और आखिर में संगरूर से गिरफ्तार कर लिया गया.  

पूछताछ में आरोपी वीरपाल कौर ने अपना अपराध कबूल करते हुए बताया कि वह अनपढ़ गृहिणी है. कुछ साल पहले उसने अपने बेटे और बेटी को मलेशिया भेजा था. उसी दौरान वह कुछ अन्य एजेंटों के संपर्क में आई. इसके बाद वह उनके साथ कमीशन के आधार पर काम करने लगी. उसने लोगों को विदेश भेजने के बहाने लुभाना शुरू कर दिया. आरोपी महिला ने आगे खुलासा किया कि अमीर बनने की चाहत में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को धोखा देने का काम करती थी.

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