Chardham Yatra 2025: उत्तराखंड में अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर इस बार प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ अहम बदलाव किए हैं। अब ऑनलाइन पंजीकरण के साथ-साथ ऑफलाइन पंजीकरण की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे उन श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी जो इंटरनेट का उपयोग करने में असमर्थ हैं। प्रशासन ने यह फैसला बीते वर्षों में सामने आई कठिनाइयों को देखते हुए लिया है। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में यात्रा ट्रांजिट कैंप परिसर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
ऑनलाइन के साथ 40% ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा
बैठक में यह तय किया गया कि इस बार 40 प्रतिशत पंजीकरण ऑफलाइन किए जाएंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो। बीते वर्षों में केवल ऑनलाइन पंजीकरण होने के कारण तीर्थयात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। इसी के मद्देनजर इस बार ऑफलाइन पंजीकरण को भी जोड़ा गया है।
इसके साथ ही, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रियों को यात्रा के दौरान निर्धारित ‘स्लॉट’ के अनुसार यात्रा करनी होगी। उदाहरण के लिए, जो यात्री चारों धामों की यात्रा पर निकलेंगे, उन्हें पहले यमुनोत्री, फिर गंगोत्री, उसके बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ की यात्रा करनी होगी। यह व्यवस्था यात्रा को सुगम बनाने और भीड़ नियंत्रण में मदद करेगी।
सुरक्षा के लिए हर 10 किलोमीटर पर चीता पुलिस की तैनाती
चारधाम यात्रा के दौरान यातायात और सुरक्षा व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए इस बार खास कदम उठाए गए हैं। गढ़वाल मंडल के पुलिस महानिरीक्षक राजीव स्वरूप के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि यात्रा मार्ग पर हर 10 किलोमीटर की दूरी पर चीता पुलिस या ‘हिल पेट्रोलिंग यूनिट’ की तैनाती की जाएगी। यह दल किसी भी जाम या दुर्घटना की स्थिति में तुरंत सक्रिय होगा और स्थिति को संभालेगा।
इसके अलावा, चारधाम यात्रा के मार्ग पर विशेष यातायात नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे, जिससे यात्रा की निगरानी बेहतर तरीके से की जा सकेगी। सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में यात्रा मार्ग की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
चारधाम यात्रा 2025 का शेड्यूल
इस वर्ष चारधाम यात्रा की शुरुआत अक्षय तृतीया के पर्व पर 30 अप्रैल से होगी। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। वहीं, बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे। केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि महाशिवरात्रि के अवसर पर घोषित की जाएगी।
यात्रा की शुरुआत से पहले सभी यात्रा मार्गों की मरम्मत और अन्य आवश्यक कार्य 15 अप्रैल तक पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) को सड़कों की मरम्मत और अन्य सुविधाओं को समय से पूरा करने का आदेश दिया गया है।
यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त उपाय
चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई अन्य उपाय भी किए गए हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- विशेष चिकित्सा केंद्रों की स्थापना: यात्रा मार्गों पर विभिन्न स्थानों पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, गंभीर परिस्थितियों के लिए नजदीकी अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा जाएगा।
- भोजन और पेयजल की व्यवस्था: सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा यात्रा मार्गों पर पर्याप्त मात्रा में भोजन और पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- विशेष सफाई अभियान: यात्रा मार्गों को स्वच्छ रखने के लिए विशेष सफाई अभियान चलाए जाएंगे, ताकि तीर्थयात्रियों को स्वच्छ वातावरण मिल सके।
ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण प्रक्रिया
यात्रियों को चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण दो तरीकों से किया जा सकता है:
- ऑनलाइन पंजीकरण: उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण किया जा सकता है।
- ऑफलाइन पंजीकरण: यात्रा मार्गों पर विभिन्न पंजीकरण केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां यात्री ऑफलाइन पंजीकरण करा सकेंगे।
पंजीकरण के दौरान यात्रियों को अपनी पहचान संबंधी दस्तावेज और स्वास्थ्य प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।
चारधाम यात्रा 2025 के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना होगा:
- निर्धारित पंजीकरण स्लॉट के अनुसार यात्रा करनी होगी।
- यात्रा के दौरान सरकार द्वारा जारी किए गए COVID-19 और अन्य स्वास्थ्य सुरक्षा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
- उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, इसलिए वरिष्ठ नागरिकों और हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
- पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक उपयोग को कम करने और कचरा उचित स्थान पर डालने की अपील की गई है।
चारधाम यात्रा 2025 को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। साथ ही, चीता पुलिस की तैनाती और चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार से यात्रा अधिक सुरक्षित होगी।
यात्रा की शुरुआत से पहले सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। चारधाम यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह खबर राहत देने वाली है, क्योंकि इस बार प्रशासन ने उनकी सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा है।