Bihar – बिहार के मुंगेर जिले में गुरुवार को एक दर्दनाक रेल हादसा हुआ, जहां गया-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई। यह हादसा जमालपुर-बरियारपुर रेलखंड के ऋषिकुंड हॉल्ट के पास हुआ। वहीं, ओडिशा के राउरकेला में बुधवार को एक मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतरकर कॉलोनी में घुस गए, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हालाँकि, राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
बिहार: गया-हावड़ा एक्सप्रेस की चपेट में आने से 3 लोगों की मौत
मुंगेर जिले के जमालपुर-बरियारपुर रेलखंड पर गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब तेज रफ्तार से आ रही गया-हावड़ा एक्सप्रेस (13023 Up) की चपेट में आकर तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जमालपुर रेलवे पुलिस अधीक्षक रमन चौधरी ने पीटीआई-भाषा को जानकारी देते हुए बताया कि इस हादसे में 65 वर्षीय रामरुचि देवी, उनके बेटे 41 वर्षीय अमित कुमार और 60 वर्षीय उषा देवी की मौत हो गई। ये तीनों मृतक बरियारपुर थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव के रहने वाले थे।
कैसे हुआ हादसा?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, तीनों मृतक रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे, तभी अचानक गया-हावड़ा एक्सप्रेस आ गई और वे उसकी चपेट में आ गए। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज थी कि वे खुद को बचा नहीं सके और मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलते ही बरियारपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए मुंगेर सदर अस्पताल भेज दिया गया।
शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
बरियारपुर थाना पुलिस ने सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस रेलवे लाइन पर आए दिन इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
स्थानीय लोगों में गुस्सा, प्रशासन से की गई मांग
इस दर्दनाक हादसे के बाद स्थानीय लोग रेलवे प्रशासन के खिलाफ आक्रोशित दिखे। ग्रामीणों ने मांग की कि रेलवे ट्रैक पर फाटक या फुट ओवर ब्रिज बनाया जाए, जिससे इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके। लोगों ने आरोप लगाया कि पहले भी इस जगह पर कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
ओडिशा: राउरकेला में मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतरे, कॉलोनी में घुसे
ओडिशा के राउरकेला जिले में बुधवार को एक बड़ा रेल हादसा हुआ, जब एक मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतरकर मालगोदाम बस्ती क्षेत्र में घुस गए। इस हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे।
कैसे हुआ हादसा?
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि यह हादसा रेलवे की तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुआ। राउरकेला एसपी के अनुसार, जब खाली कंटेनर रेक को राउरकेला रेलवे यार्ड से हटाया जा रहा था, तब अचानक बफर ज़ोन और डेड एंड टूट गया और डिब्बे कॉलोनी में घुस गए।
किसी के हताहत होने की सूचना नहीं
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि गनीमत रही कि हादसे के समय कोई व्यक्ति कॉलोनी में उस स्थान पर मौजूद नहीं था, वरना बड़ा नुकसान हो सकता था। डिब्बे करीब 10 मीटर तक आगे बढ़ते हुए कॉलोनी में घुस गए, जिससे कई घरों को मामूली नुकसान पहुंचा।
सड़क मार्ग हुआ बाधित, लोगों को हुई परेशानी
इस हादसे के कारण मालगोदाम रेलवे गेट और बसंती रोड के बीच सड़क मार्ग बाधित हो गया, जिससे राहगीरों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मुख्य सड़क को बंद कर दिया गया और प्रशासन ने लोगों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी।
रेलवे प्रशासन ने शुरू की जांच
दुर्घटना के बाद रेलवे और प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू कर दिया। दक्षिण-पूर्व रेलवे के सीपीआरओ के अनुसार, रेलवे ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटना से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है और जल्द ही ट्रैक की मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाएगा।
स्थानीय प्रशासन का बयान
राउरकेला रेलवे प्रशासन का कहना है कि यह हादसा रेलवे यार्ड के अंदर तकनीकी ऑपरेशन के दौरान हुआ। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने शुरुआती जांच में बताया कि कंटेनर को गलत दिशा में मोड़ने के कारण यह हादसा हुआ। रेलवे ने कहा कि फिलहाल किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है, लेकिन मामले की गहराई से जांच की जाएगी।
रेल हादसों पर बढ़ता खतरा, सुरक्षा इंतजामों की मांग
बिहार और ओडिशा में हुए ये रेल हादसे एक बार फिर रेलवे सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बिहार में जहां लोग रेलवे ट्रैक पार करते समय हादसे का शिकार हो रहे हैं, वहीं ओडिशा में तकनीकी खामियों के कारण रेलगाड़ियां पटरी से उतर रही हैं।
रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर हर साल नई घोषणाएं की जाती हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता। एक्सप्रेस ट्रेनों की तेज़ रफ्तार, ओवरब्रिज और अंडरपास की कमी, तथा रेलवे ट्रैक पार करने की मजबूरी जैसे कारण आम लोगों की जान के लिए खतरा बने हुए हैं।
रेलवे प्रशासन को क्या कदम उठाने चाहिए?
- ओवरब्रिज और अंडरपास: रेलवे ट्रैक पार करने के लिए सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग बनाए जाएं।
- सुरक्षा दीवारें: संवेदनशील क्षेत्रों में ट्रैक के दोनों ओर दीवारें लगाई जाएं, ताकि लोग ट्रैक पर न जाएं।
- तकनीकी सुधार: मालगाड़ियों के संचालन में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
- अलर्ट सिस्टम: रेलवे को एक ऐसा अलर्ट सिस्टम विकसित करना चाहिए, जो लोगों को ट्रेन के आने से पहले सचेत कर सके।
- कड़ी निगरानी: रेलवे प्रशासन को हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा मानकों को लागू करने पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
बिहार और ओडिशा में हुए ये दो अलग-अलग रेल हादसे रेलवे की सुरक्षा खामियों को उजागर करते हैं। एक तरफ लोग ट्रेनों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं, तो दूसरी तरफ मालगाड़ियों के पटरी से उतरने जैसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। रेलवे प्रशासन को इन हादसों से सीख लेकर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
रेल हादसों की संख्या को कम करने के लिए प्रशासन को चाहिए कि वे यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता दें और जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाएं, जिससे देश में रेल यात्रा और भी सुरक्षित हो सके।