Pakistan: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में गुरुवार सुबह एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने बहादुर खेड़ पुलिस चेकपोस्ट पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी, जिसमें तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। घायलों में से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें पेशावर रेफर किया गया है।
घटना के बाद पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। फिलहाल, किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस हमले के लिए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को जिम्मेदार ठहराया है।
हमले की पूरी घटना: आतंकियों ने पुलिस चेकपोस्ट को बनाया निशाना
पुलिस के अनुसार, गुरुवार सुबह करक जिले की बहादुर खेड़ चेकपोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मी रोजमर्रा की तरह ड्यूटी कर रहे थे। तभी अचानक भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया। आतंकियों ने पुलिसकर्मियों को संभलने का मौका नहीं दिया और सीधे गोलियां बरसानी शुरू कर दीं।
हमले में मौके पर ही तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हमला इतना घातक था कि पुलिस को जवाबी कार्रवाई करने में मुश्किल आई। हालांकि, पुलिस ने बहादुरी दिखाते हुए जवाबी गोलीबारी की, जिसके बाद आतंकी वहां से फरार हो गए।
घायलों का इलाज जारी, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
हमले में घायल हुए पुलिसकर्मियों को करक जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनमें से तीन की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें पेशावर रेफर कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन ने हमले के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
जिला पुलिस अधिकारी के अनुसार, हमले के बाद इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर बनाए हुए है और आतंकियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
किसने किया हमला? शक के घेरे में TTP
फिलहाल, किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पाकिस्तान सरकार और पुलिस प्रशासन को शक है कि इस हमले के पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का हाथ हो सकता है।
गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने मारे गए पुलिसकर्मियों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा कि सरकार आतंकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाएगी।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने भी इस हमले की निंदा की और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आतंकियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें।
पाकिस्तान में लगातार बढ़ते आतंकवादी हमले
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में पिछले कुछ महीनों से लगातार आतंकवादी हमले हो रहे हैं।
पिछले महीने ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को आतंकवाद से मुक्त करना उनकी सरकार की प्राथमिकता होगी।
पाकिस्तानी पुलिस और सेना के लिए चुनौती
इस तरह के हमले पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में आतंकी हमलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे पुलिस और सुरक्षाबलों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान को अपनी आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है। इस तरह के हमले तब तक नहीं रुक सकते, जब तक आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।
सरकार के सामने सवाल: कब तक चलेगा आतंक का यह खेल?
इस हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार लगातार आतंकवाद को खत्म करने की बात कर रही है, लेकिन जमीन पर स्थितियां कुछ और ही बयां कर रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पाकिस्तान को आतंकवाद पर काबू पाना है तो उसे न केवल सुरक्षाबलों की ताकत बढ़ानी होगी, बल्कि उन संगठनों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई करनी होगी, जो आतंकियों को समर्थन देते हैं।
हमले के बाद पाकिस्तान में बढ़ी सुरक्षा
इस हमले के बाद पाकिस्तान में सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है। करक जिले के अलावा खैबर पख्तूनख्वा के अन्य इलाकों में भी पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस और सेना संयुक्त रूप से ऑपरेशन चला रही हैं, ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
गृह मंत्रालय ने भी सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है और आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: क्या कहता है विश्व समुदाय?
पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमलों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी नजर बनाए हुए है। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र पहले ही पाकिस्तान को चेतावनी दे चुके हैं कि वह अपने देश में आतंकी संगठनों पर लगाम लगाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पाकिस्तान ने समय रहते आतंकवाद पर नियंत्रण नहीं किया तो यह देश की आंतरिक शांति और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
पाकिस्तान में आतंकी हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। करक जिले में हुआ यह हमला दर्शाता है कि पाकिस्तान की पुलिस और सुरक्षाबल आतंकियों के निशाने पर हैं।
सरकार को अब सख्त कदम उठाने होंगे और आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी। नहीं तो आने वाले दिनों में पाकिस्तान को और भी गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
फिलहाल, करक जिले में पुलिस ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है और आतंकियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। देशभर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।