लखनऊ में समाजवादी पार्टी (SP) कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें स्पष्ट रूप से Akhilesh Yadav की तस्वीर दिखाई जा रही है। इस पोस्टर में यह दावा किया जा रहा है कि 2027 में समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी और अखिलेश यादव सत्ता में वापस आएंगे। इसके बाद, अखिलेश यादव द्वारा 2032 में एक भव्य अर्धकुंभ का आयोजन भी किया जाएगा।
पोस्टर में क्या संदेश दिया गया है?
पोस्टर में Akhilesh Yadav की तस्वीर के साथ लिखा गया है, “अखिलेश 27 में आएंगे, 32 में भव्य अर्धकुंभ का आयोजन करेंगे।” यह संदेश SP पार्टी का आगामी चुनावों में सत्ता में वापसी का दावा कर रहा है। पार्टी यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि अखिलेश यादव 2027 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से सत्ता में आएंगे। इसके बाद, 2032 में एक भव्य अर्धकुंभ का आयोजन करने की योजना है।
मिल्कीपुर उपचुनाव और चुनाव आयोग पर निशाना
यह पोस्टर उस समय सामने आया है जब हाल ही में मिल्कीपुर उपचुनाव संपन्न हुआ। अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर धांधली का आरोप लगाया था। इसके बाद से उन्होंने आयोग को लेकर कई विवादित बयान दिए थे। उनका कहना था कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है और चुनावों में धोखाधड़ी की जा रही है। उन्होंने कहा था कि बीजेपी चुनाव में धोखाधड़ी की रणनीति अपनाती है और इसी तरीके से चुनावों में जीत हासिल करती है।
अखिलेश यादव का विवादित बयान
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उसे ‘मृत’ करार दिया था। उन्होंने चुनाव आयोग के खिलाफ यह भी कहा था कि उसे कफन लाकर उस पर डाल देना चाहिए। उनका आरोप था कि चुनाव आयोग ने अयोध्या में समाजवादी पार्टी के सदस्यों को धमकाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की। अखिलेश ने यह भी कहा था कि बीजेपी नेताओं को मिल्कीपुर उपचुनाव में उनके द्वारा किए गए धोखाधड़ी के कारण महाकुंभ में डुबकी लगानी चाहिए।
सपा कार्यकर्ताओं ने शोक पत्र के साथ विरोध प्रदर्शन किया
इसके बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लोकसभा में एक श्वेत पत्र के साथ विरोध प्रदर्शन किया, जिस पर ‘चुनाव आयोग’ लिखा हुआ था। यह श्वेत पत्र चुनाव आयोग के खिलाफ उनके विरोध को प्रकट करने का एक तरीका था। इस दौरान जगदंबिका पाल, जो कि एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष हैं, ने अखिलेश यादव के बयानों का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब समाजवादी पार्टी चुनाव जीतती है, तो क्या यह चुनाव आयोग की निष्पक्षता के कारण नहीं होता? अब जब पार्टी हार रही है, तो वे धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं, जो कि निंदनीय है।
#WATCH उत्तर प्रदेश: लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर '27 में आएंगे अखिलेश, 32 में भव्य अर्धकुंभ कराएंगे विशेष' स्लोगन वाले पोस्टर लगाए गए। pic.twitter.com/5cPWg0Em7T
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 7, 2025
सपा को चुनाव आयोग से माफी की मांग
जगदंबिका पाल ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी एक संवैधानिक पार्टी है और उसे अपने बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब समाजवादी पार्टी ने अयोध्या में जीत हासिल की, तब चुनाव आयोग बिल्कुल सही था, लेकिन अब जब पार्टी हार रही है तो वे धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने अखिलेश यादव से अपील की कि उन्हें अपने बयानों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
अखिलेश यादव का 2027 और 2032 का दावा
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस विरोध को और मजबूत करते हुए लखनऊ में पोस्टर लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि “अखिलेश 27 में आएंगे, 32 में भव्य अर्धकुंभ का आयोजन करेंगे।” यह पोस्टर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का गुस्सा और चुनाव आयोग के खिलाफ उनकी निराशा को दिखाता है। साथ ही यह संदेश देता है कि पार्टी 2027 में विधानसभा चुनावों में सत्ता में वापसी करेगी और उसके बाद एक बड़ा आयोजन करेगी, जो 2032 में होने की उम्मीद है।
राजनीतिक विवादों से निकलने की कोशिश?
पोस्टर में अखिलेश यादव का यह संदेश राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। उनका यह दावा कि वे 2027 में सत्ता में वापस आएंगे और 2032 में अर्धकुंभ का आयोजन करेंगे, यह दर्शाता है कि वे अपनी पार्टी की भविष्यवाणी को लेकर आश्वस्त हैं। हालांकि, उनके द्वारा चुनाव आयोग और बीजेपी पर उठाए गए सवालों को लेकर उनके बयान विवादों का हिस्सा बने हुए हैं। इस विवाद से यह सवाल उठता है कि क्या समाजवादी पार्टी राजनीतिक रूप से मजबूत स्थिति में है या फिर यह केवल एक बयानबाजी है।
भविष्य की रणनीति और चुनावी समीकरण
समाजवादी पार्टी के लिए आने वाले चुनाव चुनौतीपूर्ण होंगे, और इन विवादों के बीच उनका यह प्रयास पार्टी के समर्थकों के बीच अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने का हो सकता है। अखिलेश यादव का 2027 और 2032 के बारे में बयान उनकी आगामी रणनीति का हिस्सा प्रतीत हो सकता है, जिसमें वे पार्टी के चुनावी मैदान में उतारने के लिए समर्थकों को प्रेरित करना चाहते हैं। यह भविष्य के चुनावों को लेकर उनकी रणनीति का अहम हिस्सा हो सकता है।
लखनऊ में लगाए गए पोस्टर और अखिलेश यादव के बयानों ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर पार्टी 2027 में सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग और बीजेपी के खिलाफ उनके आरोप राजनीति में गहरे राजनीतिक उलझाव की स्थिति को उत्पन्न कर रहे हैं। इस समय उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी प्रमुख दल अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं, और अखिलेश यादव का यह दावा उनकी राजनीतिक सक्रियता का एक हिस्सा बन चुका है।