Snow Moon 2025: आज रात यानी 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा के अवसर पर स्नो मून (Snow Moon) की खगोलीय घटना देखने को मिलेगी। स्नो मून एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जिसे विशेष रूप से इस मौसम में भारी बर्फबारी के कारण देखा जाता है। NASA के अनुसार, इसे ‘स्नो मून’ इसलिये कहा जाता है क्योंकि फरवरी माह में भारी बर्फबारी होती है। इस घटना को “हंगर मून” भी कहा जाता है क्योंकि सर्दी के इस मौसम में भोजन की कमी हो जाती है। इसके अलावा, इसे आइस मून और स्टॉर्म मून के नाम से भी जाना जाता है, जो सेल्टिक और पुरानी अंग्रेज़ी परंपराओं से जुड़े हैं।
स्नो मून क्या है?
स्नो मून, यानी बर्फीला चाँद, एक ऐतिहासिक नाम है जिसे उत्तर अमेरिकी जनजातियों ने सर्दियों के दूसरे पूर्ण चाँद के लिए रखा था। इसे स्नो मून इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस समय में बर्फबारी अधिक होती है। इसके साथ ही, सर्दी के मौसम में भोजन की कमी के कारण इसे हंगर मून भी कहा गया है। इसके अन्य नामों में आइस मून और स्टॉर्म मून भी शामिल हैं। स्नो मून का नाम मुख्य रूप से अमेरिकी और यूरोपीय परंपराओं से आया है और यह इन क्षेत्रों में बहुत प्रसिद्ध है।
स्नो मून कब और कहाँ देखा जा सकता है?
स्पेस.कॉम के अनुसार, स्नो मून 12 फरवरी को बुधवार शाम से दिखाई देना शुरू हो जाएगा और इसकी पूर्ण चमक 8:53 AM EST (7:23 AM IST) पर होगी। इस समय आकाश पूरा चमकते हुए दिखाई देगा। चाँद पूर्वी दिशा में सूर्यास्त के आसपास उगेगा और मध्यरात्रि तक अपनी पूर्णता को प्राप्त करेगा। यदि आप इसे बुधवार को देखना मिस कर देते हैं, तो आपको गुरुवार की रात भी इसे देखने का अवसर मिल सकता है।
क्या यह भारत में दिखाई देगा?
भारत में खगोलशास्त्रियों के लिए आज रात एक खास अवसर है क्योंकि 12 फरवरी को भारत में भी स्नो मून देखा जाएगा। भारतीय समय अनुसार, यह चाँद रात 7:23 PM IST को आकाश में देखा जाएगा। खास बात यह है कि इस साल का स्नो मून सिंह राशि में दिखाई देगा, जो इसे खगोलशास्त्रियों और ज्योतिषियों के लिए और भी विशेष बना देता है।
स्नो मून के साथ अन्य ग्रहों की भी होगी झलक
आज रात स्नो मून के अलावा आप आकाश में शुक्र, गुरु और मंगल ग्रह को भी नंगी आंखों से देख सकते हैं। इन ग्रहों को आप सूर्योदय के समय पूरब दिशा में देख सकते हैं। यह नजारा खगोलशास्त्रियों के लिए एक दुर्लभ दृश्य साबित हो सकता है, क्योंकि एक ही समय में इतने ग्रहों और चाँद का एक साथ दिखाई देना एक शानदार खगोलीय घटना है।
स्नो मून का आधिकारिक समय और स्थान
स्पेस.कॉम के मुताबिक, स्नो मून का आकाश में दिखना 12 फरवरी की शाम 6:41 PM के आसपास शुरू होगा। भारतीय समय के अनुसार, यह 7:23 PM IST पर आकाश में दिखाई देगा। इस चाँद को हल्की दूधिया रोशनी से नहाया हुआ देखा जाएगा, और रात बढ़ने के साथ इसकी चमक अपने चरम पर पहुँच जाएगी। इस स्नो मून को देखना एक अद्भुत अनुभव होगा, खासकर उन लोगों के लिए जो आकाश में खगोलशास्त्र के प्रति रुचि रखते हैं।
स्नो मून का महत्व
स्नो मून का खगोलीय महत्व केवल इस तथ्य तक सीमित नहीं है कि यह एक सुंदर दृश्य है। यह खगोलशास्त्र और भारतीय ज्योतिष शास्त्र में भी एक विशेष स्थान रखता है। माघ पूर्णिमा के दिन चाँद की पूर्णता हिंदू धर्म में खास महत्व रखती है, और इसे पूजा-अर्चना और धार्मिक क्रियाओं के लिए एक शुभ दिन माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने की परंपरा भी प्रचलित है, और बहुत से लोग इसे पुण्य कमाने के अवसर के रूप में मानते हैं। माघ पूर्णिमा पर स्नो मून के साथ पूजा और स्नान करने से विशेष लाभ की संभावना जताई जाती है।
स्नो मून की अगली बार कब होगी दृश्यता?
स्नो मून 2025 के बाद अगली बार 2 फरवरी 2026 को दिखाई देगा। इसलिए अगर आप इस बार इसे देखना चूक जाते हैं तो आपको अगले साल तक इंतजार करना होगा।
आज रात, 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा के अवसर पर स्नो मून का दृश्य खगोलशास्त्रियों और सामान्य दर्शकों दोनों के लिए एक दुर्लभ अवसर है। यह न केवल एक अद्भुत खगोलीय घटना है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। अगर आप इस चाँद को देखना चाहते हैं तो आपको अपनी आंखें आकाश की ओर उठानी होंगी और शहरों की हलचल से दूर, एक शांत स्थान पर इसे देख सकते हैं।