अडानी मामले पर PM Modi का अमेरिका में बयान- ऐसे निजी मामलों पर देशों के प्रमुख नहीं मिलते

अडानी मामले पर PM Modi का अमेरिका में बयान- ऐसे निजी मामलों पर देशों के प्रमुख नहीं मिलते

PM Narendra Modi ने अपने दो दिवसीय अमेरिकी दौरे को सफलतापूर्वक समाप्त करते हुए भारत लौटने के लिए विमान में सवार हो गए। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने 36 घंटे के भीतर छह द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया और कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें रक्षा, व्यापार और अन्य क्षेत्रों से संबंधित समझौते शामिल हैं। इन समझौतों में एफ-35 लड़ाकू विमान और 26/11 हमले के आरोपी को भारत प्रत्यर्पित करने का विषय भी शामिल है। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी से अमेरिका में अदानी के खिलाफ चल रही जांच के बारे में सवाल पूछा गया, जिस पर उन्होंने एक कड़ा और स्पष्ट जवाब दिया।

अदानी मामले पर पीएम मोदी का बयान

PM Modi से अमेरिकी दौरे के दौरान बिजनेसमैन गौतम अदानी के खिलाफ चल रही जांच के बारे में सवाल किया गया। इस सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमारे देश के मूल्य और हमारी संस्कृति ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की हैं, यानी हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं। मैं हर भारतीय को अपना मानता हूँ। दूसरी बात यह है कि इस तरह के व्यक्तिगत मामलों के लिए दो देशों के प्रमुख न तो मिलते हैं, न बैठते हैं, न ही बात करते हैं।” पीएम मोदी के इस बयान से यह साफ हो गया कि वह अदानी मामले को एक व्यक्तिगत मुद्दा मानते हैं और इसे द्विपक्षीय बातचीत का विषय नहीं मानते हैं।

राहुल गांधी ने PM Modi पर किया हमला

प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “अगर देश में सवाल पूछे जाएं तो खामोशी रहती है, अगर विदेश में सवाल पूछे जाएं तो यह व्यक्तिगत मामला बन जाता है! यहां तक कि अमेरिका में भी मोदी जी ने अदानी जी के भ्रष्टाचार को छिपा लिया! जब मोदी जी के लिए किसी दोस्त के जेब में पैसे भरना ‘राष्ट्र निर्माण’ बन जाता है, तो देश की संपत्ति को लूटने और घूस लेने को ‘व्यक्तिगत मामला’ बना दिया जाता है।” राहुल गांधी का यह हमला मोदी सरकार पर उनके दोस्ती और व्यापारिक रिश्तों को लेकर उठाए गए सवालों को लेकर था।

अमेरिका में PM Modi की सफलता

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत करने के लिए कई पहलुओं पर बातचीत की। पीएम मोदी ने रक्षा, व्यापार, जलवायु परिवर्तन और प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दों पर अमेरिकी नेताओं से महत्वपूर्ण समझौते किए। इन समझौतों से भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी और भी मजबूत हुई है।

उनकी इस यात्रा के दौरान एफ-35 लड़ाकू विमान की खरीदारी और 26/11 हमले के आरोपी के भारत प्रत्यर्पण जैसे मुद्दों पर भी ध्यान दिया गया। यह कदम भारत की सुरक्षा को और मजबूती प्रदान करेगा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को समर्थन मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी का ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश

अपने बयान में पीएम मोदी ने एक बार फिर भारत की प्राचीन परंपरा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा, “हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं और हर भारतीय को अपना मानते हैं।” यह संदेश पीएम मोदी ने अपने भारतीय समुदाय से संवाद करते हुए दिया, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनकी सरकार विदेशों में भारतीयों के हितों की रक्षा को लेकर भी प्रतिबद्ध है।

भारत और अमेरिका के रिश्तों में नई ऊँचाई

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को एक नई ऊँचाई तक पहुँचाया है। इस दौरे के दौरान रक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं, जिनसे भारत की सुरक्षा और मजबूती मिलेगी। एफ-35 विमान खरीदने का समझौता भारतीय वायुसेना को अत्याधुनिक तकनीक प्रदान करेगा, जिससे भारत अपनी सुरक्षा को और प्रभावी तरीके से सुनिश्चित कर सकेगा।

इसके अलावा, भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते भी मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए कई नए रास्ते खोले गए हैं, जो आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूती देंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का वैश्विक नेतृत्व और भारत की स्थिति

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। उनके इस दौरे से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है। भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते रिश्ते और रणनीतिक साझेदारी इसका प्रमाण हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह हमेशा भारत के हितों की रक्षा के लिए काम करते हैं, और यही कारण है कि उनके द्वारा किए गए समझौते भारत के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिकी दौरा सफल रहा, जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका के रिश्तों को नई दिशा दी और विभिन्न महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। वहीं, अदानी मामले पर उनके द्वारा दिया गया बयान इस बात को दर्शाता है कि प्रधानमंत्री व्यक्तिगत मामलों को द्विपक्षीय रिश्तों से अलग रखते हैं। राहुल गांधी की आलोचना और पीएम मोदी का स्पष्ट जवाब इस बात को भी दर्शाते हैं कि राजनीति और व्यापारिक मामलों को कैसे अलग-अलग रखा जाता है।