State Bank Of India (SBI) ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए होम लोन की ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कमी किए जाने के बाद बैंक ने यह फैसला लिया है। अब SBI से होम लोन लेने वाले ग्राहकों की मासिक ईएमआई में कमी आएगी, जिससे लाखों ग्राहकों को राहत मिलेगी।
रेपो रेट में कटौती के बाद लिया गया फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 6.50% से घटाकर 6.25% करने का निर्णय लिया था। इसके बाद, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट (EBLR) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में कटौती करने की घोषणा की। हालांकि, बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR), बेस रेट और बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) को यथावत रखा है।
होम लोन ग्राहकों को कितना फायदा मिलेगा?
SBI द्वारा ब्याज दरों में की गई इस कटौती का सीधा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा, जिनका होम लोन EBLR (External Benchmark Lending Rate) या RLLR (Repo Linked Lending Rate) से जुड़ा हुआ है।
पहले SBI का EBLR = 9.15% + CRP + BSP था, जिसे अब घटाकर 8.90% + CRP + BSP कर दिया गया है। यानी, EBLR में 0.25% (25 बेसिस पॉइंट) की कटौती हुई है।
ईएमआई में कितनी होगी कमी?
अगर किसी ग्राहक ने SBI से 50 लाख रुपये का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए लिया है, तो पहले वह 9.15% ब्याज दर पर हर महीने ₹45,470 की ईएमआई चुका रहा था। अब जब बैंक ने ब्याज दर को घटाकर 8.90% कर दिया है, तो उसकी ईएमआई घटकर ₹44,665 हो जाएगी। यानी, हर महीने ₹805 की बचत होगी और सालाना ₹9,660 का फायदा मिलेगा।
ब्याज दरों में कटौती से जुड़ी अहम बातें
- नई दरें 15 फरवरी 2025 से लागू होंगी।
- ब्याज दरों में कटौती का फायदा केवल फ्लोटिंग रेट होम लोन पर मिलेगा।
- MCLR आधारित लोन लेने वाले ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
- बेस रेट और BPLR में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
क्या है EBLR और RLLR?
1. एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR)
EBLR वह ब्याज दर है, जिससे SBI और अन्य बैंक अपने फ्लोटिंग रेट होम लोन की दरें निर्धारित करते हैं। इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तय किए गए बाहरी मानकों (जैसे रेपो रेट) के आधार पर बदला जाता है।
2. रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR)
RLLR, RBI के रेपो रेट पर आधारित होता है। जब भी RBI रेपो रेट में बदलाव करता है, तो इसका सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ता है, जिनका होम लोन RLLR से जुड़ा होता है।
किन ग्राहकों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा?
- जो ग्राहक पहले से फ्लोटिंग रेट होम लोन पर हैं।
- नए ग्राहक जो कम ब्याज दर पर लोन लेने की सोच रहे हैं।
- वे ग्राहक जिनका लोन EBLR और RLLR से लिंक है।
SBI का यह कदम बाजार में कैसे असर डालेगा?
SBI का यह फैसला न सिर्फ ग्राहकों को राहत देगा बल्कि इससे होम लोन लेने वालों की संख्या भी बढ़ सकती है। ब्याज दरों में कटौती के बाद होम लोन अब पहले से सस्ता हो गया है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में भी तेजी आने की उम्मीद है।
कैसे करें नए होम लोन के लिए आवेदन?
अगर आप भी SBI से होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आप बैंक की आधिकारिक वेबसाइट www.sbi.co.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, नजदीकी SBI शाखा में जाकर भी आप होम लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
जरूरी दस्तावेज
होम लोन के लिए आवेदन करते समय आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होगी:
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट)
- पता प्रमाण (राशन कार्ड, बिजली बिल, बैंक स्टेटमेंट)
- आय प्रमाण (सैलरी स्लिप, आईटीआर, बैंक स्टेटमेंट)
- प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज (बिक्री अनुबंध, नक्शा, रजिस्ट्री आदि)
SBI द्वारा की गई इस ब्याज दर कटौती से लाखों ग्राहकों को राहत मिलेगी, खासकर वे लोग जो पहले से होम लोन चुका रहे हैं। यह फैसला न सिर्फ ग्राहकों की जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि उन्हें कम ईएमआई के साथ वित्तीय स्थिरता भी देगा। अगर आप भी होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है।