New Delhi रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात को हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए। घायलों का इलाज जारी है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। मृतकों में सबसे अधिक संख्या महिलाओं और बच्चों की है। मृतकों में नौ लोग बिहार से, आठ दिल्ली से और एक हरियाणा से हैं। यह दर्दनाक हादसा रात करीब 10 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 पर हुआ, जब हजारों श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए ट्रेन में सवार होने की कोशिश कर रहे थे।
मृतकों की सूची:
- आहा देवी (79 वर्ष) पत्नी रविन्द्र नाथ, निवासी बक्सर, बिहार
- पूनम देवी (40 वर्ष) पत्नी मेघनाथ, निवासी सारण, बिहार
- ललिता देवी (35 वर्ष) पत्नी संतोष, निवासी पराना, बिहार
- सुरूचि (11 वर्ष) पुत्री मनोज शाह, निवासी मुजफ्फरपुर, बिहार
- कृष्णा देवी (40 वर्ष) पत्नी विजय शाह, निवासी समस्तीपुर, बिहार
- विजय शाह (15 वर्ष) पुत्र राम सरूप शाह, निवासी समस्तीपुर, बिहार
- नीरज (12 वर्ष) पुत्र इंद्रजीत पासवान, निवासी वैशाली, बिहार
- शांति देवी (40 वर्ष) पत्नी राज कुमार मांझी, निवासी नवादा, बिहार
- पूजा कुमार (8 वर्ष) पुत्री राज कुमार मांझी, निवासी नवादा, बिहार
- पिंकी देवी (41 वर्ष) पत्नी उपेंद्र शर्मा, निवासी संगम विहार, दिल्ली
- शीला देवी (50 वर्ष) पत्नी उमेश गिरी, निवासी सरिता विहार, दिल्ली
- व्योम (25 वर्ष) पुत्र धर्मवीर, निवासी बवाना, दिल्ली
- मनोज (47 वर्ष) पुत्र पंचदेव कुशवाहा, निवासी नांगलोई, दिल्ली
- पूनम (34 वर्ष) पत्नी वीरेंद्र सिंह, निवासी महावीर एन्क्लेव, दिल्ली
- ममता झा (40 वर्ष) पत्नी विपिन झा, निवासी नांगलोई, दिल्ली
- रिया सिंह (7 वर्ष) पुत्री ओपिल सिंह, निवासी सागरपुर, दिल्ली
- बेबी कुमारी (24 वर्ष) पुत्री प्रभु साह, निवासी बिजवासन, दिल्ली
- संगीता मलिक (34 वर्ष) पत्नी मोहित मलिक, निवासी भिवानी, हरियाणा
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भारी भीड़ के कारण स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। हजारों श्रद्धालु प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 पर मौजूद थे, और सभी एक ही ट्रेन में सवार होने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान अचानक धक्का-मुक्की शुरू हो गई और देखते ही देखते भगदड़ मच गई।
कुछ यात्रियों ने बताया कि स्टेशन पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी और रेलवे प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ।
जांच और मुआवजे की घोषणा
रेलवे बोर्ड के सूचना और प्रचार के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने रविवार को बताया कि इस घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है, जो हादसे के कारणों की जांच करेगी।
पीड़ितों के परिजनों और घायलों के लिए रेलवे द्वारा मुआवजे की घोषणा की गई है:
- मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख का मुआवजा
- गंभीर रूप से घायलों को ₹2.5 लाख की सहायता राशि
- मामूली रूप से घायलों को ₹1 लाख की सहायता राशि
प्रशासन की प्रतिक्रिया
दिल्ली पुलिस और रेलवे प्रशासन का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में विशेष उपाय किए जाएंगे। रेलवे ने दावा किया कि प्लेटफॉर्म पर यातायात नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त स्टाफ मौजूद था, लेकिन अचानक बढ़ी भीड़ के कारण स्थिति बेकाबू हो गई।
रेलवे मंत्री ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।
पीड़ितों के परिजनों का रोष
मृतकों के परिवारवालों ने रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर समय रहते सुरक्षा इंतजाम किए जाते तो यह हादसा टाला जा सकता था।
बिहार के मुख्यमंत्री ने भी इस हादसे पर गहरा शोक जताया और कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता करेगी।
भविष्य की सुरक्षा व्यवस्था
रेलवे प्रशासन ने घोषणा की है कि भीड़भाड़ वाले मौकों पर प्लेटफॉर्म पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाई जाएगी।
रेलवे बोर्ड की जांच समिति 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसमें हादसे के असली कारणों का पता लगाया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
इस दर्दनाक घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और रेलवे प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं।