New Delhi रेलवे स्टेशन भगदड़ हादसा, 18 की मौत, सरकार और रेलवे पर उठे सवाल

New Delhi रेलवे स्टेशन भगदड़ हादसा, 18 की मौत, सरकार और रेलवे पर उठे सवाल

New Delhi रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भगदड़ की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 9 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज दिल्ली के लेडी हार्डिंग और LNJP अस्पताल में किया जा रहा है। हादसे को लेकर सरकार और रेलवे प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं।

कैसे हुआ हादसा?

शनिवार रात करीब 9:30 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 16 पर अचानक भगदड़ मच गई। बताया जा रहा है कि प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की भारी भीड़ स्टेशन पर उमड़ी थी। अव्यवस्था के कारण प्लेटफॉर्म पर अफरातफरी मच गई और देखते ही देखते भगदड़ में कई लोग दबकर गिर गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, रेलवे प्रशासन की ओर से भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे, जिसके चलते यह दर्दनाक हादसा हुआ।

घटनास्थल पर मची चीख-पुकार

हादसे के बाद रेलवे स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। चश्मदीदों के अनुसार, कई यात्री जमीन पर गिर गए और लोगों की भीड़ उन्हें कुचलती चली गई। घायलों को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक कई लोगों की मौत हो चुकी थी। रेलवे पुलिस और आरपीएफ ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन काफी देर हो चुकी थी।

सरकार और रेलवे पर उठे सवाल

इस भयावह घटना के बाद रेलवे प्रशासन और केंद्र सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्षी नेताओं ने सरकार पर लापरवाही और कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“इस हादसे में कई लोगों की मौत और घायल होने की खबर बेहद दुखद है। सरकार को ऐसे हादसों से सबक लेना चाहिए और रेलवे व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।”

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा,
“नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ के कारण हुई भगदड़ से महिलाओं और बच्चों समेत कई लोगों की मौत की खबर बेहद दुखद है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”

रेल मंत्री ने दिए जांच के आदेश

हादसे के बाद रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा,
“यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, और इसकी जांच कराई जाएगी। रेलवे प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में इस तरह की घटना न हो।”

NDRF की टीम को भी रेलवे स्टेशन पर तैनात कर दिया गया है, ताकि हालात को नियंत्रित किया जा सके। रेलवे ने इस हादसे की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित कर दी है, जो हादसे के कारणों का पता लगाएगी।

प्रशासन की लापरवाही पर जनता में आक्रोश

इस हादसे के बाद यात्रियों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ होने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस व्यवस्था नहीं की थी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया,
“स्टेशन पर काफी भीड़ थी, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इसे नियंत्रित करने की कोशिश नहीं की। अचानक भगदड़ मची और लोग एक-दूसरे पर गिरते गए। अगर सही समय पर सुरक्षा व्यवस्था होती, तो यह हादसा नहीं होता।”

भगदड़ से बचाव के लिए क्या होना चाहिए?

विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए रेलवे प्रशासन को पहले से तैयार रहना चाहिए। भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए, जिसमें शामिल हैं:

  1. यात्रियों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए उचित गेट सिस्टम
  2. भीड़ को मैनेज करने के लिए पर्याप्त संख्या में रेलवे पुलिस और सुरक्षाकर्मी
  3. सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के माध्यम से निगरानी
  4. यात्रियों के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश और मार्गदर्शन
  5. संभावित आपातकालीन स्थितियों के लिए ट्रेनिंग और मॉक ड्रिल्स

मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है। इसके अलावा, गंभीर रूप से घायलों को 5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई यह दर्दनाक भगदड़ प्रशासनिक लापरवाही और अव्यवस्था का नतीजा है। हर साल रेलवे स्टेशनों पर भीड़ की वजह से हादसे होते हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि रेलवे व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी न हो।