ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कीट University (Kalinga Institute of Industrial Technology – KIIT) में एक नेपाली छात्रा की मौत का मामला सामने आया है। 16 फरवरी को इस विश्वविद्यालय के छात्रावास में नेपाल की रहने वाली एक छात्रा मृत पाई गई। मृतका बी.टेक तृतीय वर्ष की छात्रा थी। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए सभी नेपाली छात्रों के लिए विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, कीट यूनिवर्सिटी को नेपाल के सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है और उन्हें तुरंत विश्वविद्यालय परिसर खाली करने के लिए कहा गया है। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया कि 17 फरवरी को ही सभी नेपाली छात्रों को छात्रावास से बाहर निकलने का आदेश दिया गया।
नेपाली छात्रों का आरोप: जबरन निकाला गया हॉस्टल से
इस घटना के बाद नेपाल के कई छात्रों ने आरोप लगाए कि उन्हें जबरदस्ती हॉस्टल से बाहर कर दिया गया और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया।
नेपाल से आए छात्र अनिल प्रसाद यादव ने कहा, “आज हमें हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया। कल एक नेपाली लड़की मृत पाई गई थी। जब हमने इस मामले की जानकारी के लिए इंटरनेशनल ऑफिस का रुख किया, तो हमें कोई जानकारी नहीं दी गई। हम पूरी रात धरने पर बैठे रहे, लेकिन हमें वापस हॉस्टल भेज दिया गया। अंत में हमें कहा गया कि अपना सामान पैक करें और एक घंटे के भीतर यहां से निकल जाएं। हमारे पास कुछ भी नहीं है, हमें नहीं पता कि हम यहां से कैसे जाएंगे। हमने अभी तक खाना भी नहीं खाया है… हम टिकट का इंतजाम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
वहीं, नेपाल के एक अन्य छात्र, राजन गुप्ता ने कहा, “हम मृत लड़की के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। हमें नहीं पता कि प्रशासन की मंशा क्या थी, लेकिन हमें जबरन हॉस्टल से निकाल दिया गया। यहां से जाने के लिए कोई निश्चित ट्रेन शेड्यूल नहीं है, मेरे पास पैसे भी नहीं हैं। हमें खाने तक को नहीं मिला। हम पूरी तरह असहाय हैं। हमें एक नोटिस मिला कि सभी नेपाली छात्रों को निलंबित कर दिया गया है और उन्हें तुरंत हॉस्टल खाली करना होगा। स्टाफ के लोग हॉस्टल में घुस आए, हमें जबरन बाहर निकाला और जो छात्र जल्दी नहीं निकले, उन्हें मारा भी गया।”
विश्वविद्यालय प्रशासन का निर्णय सवालों के घेरे में
कीट यूनिवर्सिटी के इस फैसले पर कई सवाल उठ रहे हैं। नेपाली छात्रा की मौत की पूरी जांच किए बिना ही पूरे नेपाली छात्र समुदाय को विश्वविद्यालय से बाहर निकालने का निर्णय उचित नहीं माना जा रहा है।
- मौत की सच्चाई क्या है? – अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि छात्रा की मौत का कारण क्या था। क्या यह आत्महत्या थी, कोई हादसा या फिर कोई साजिश?
- नेपाली छात्रों को क्यों निकाला गया? – यदि एक छात्रा की मौत हुई है, तो पूरे नेपाली छात्र समुदाय को क्यों बाहर निकाला गया?
- प्रशासन का रवैया कैसा रहा? – छात्रों के अनुसार, उन्हें बिना किसी ठोस वजह के तुरंत हॉस्टल छोड़ने को कहा गया, उनके साथ बदसलूकी की गई और यहां तक कि कुछ छात्रों पर हाथ भी उठाया गया।
नेपाली छात्राओं में भय का माहौल
इस घटना के बाद से कीट यूनिवर्सिटी में पढ़ रही नेपाली छात्राओं में भय और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। कई छात्राओं का कहना है कि वे इस फैसले से स्तब्ध हैं और डर में जी रही हैं।
नेपाल की एक छात्रा ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हम सब बहुत डरे हुए हैं। हमें समझ नहीं आ रहा कि प्रशासन ने ऐसा कदम क्यों उठाया। यदि किसी एक छात्रा की मृत्यु हुई है, तो उसके कारणों की जांच होनी चाहिए, लेकिन पूरे नेपाली समुदाय को निशाना बनाना गलत है। हम असहाय महसूस कर रहे हैं। हमें इस देश में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आए हुए कई साल हो चुके हैं, लेकिन आज हमें बाहरी समझकर निकाला जा रहा है।”
नेपाली सरकार और दूतावास की भूमिका
नेपाल सरकार और भारत में स्थित नेपाली दूतावास को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। नेपाली छात्रों के अचानक निष्कासन को लेकर नेपाल में भी तीखी प्रतिक्रिया हो सकती है।
नेपाल सरकार को चाहिए कि वह –
- कीट यूनिवर्सिटी प्रशासन से संपर्क करे और इस निर्णय के पीछे के कारणों को स्पष्ट करने को कहे।
- मृत नेपाली छात्रा की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग करे।
- छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं करे।
छात्रों के सामने चुनौतियां
कीट यूनिवर्सिटी से निकाले गए नेपाली छात्रों के सामने कई चुनौतियां हैं –
- आवास की समस्या – वे अचानक हॉस्टल से बाहर कर दिए गए, अब वे कहां रहेंगे?
- यात्रा की समस्या – कई छात्रों के पास वापसी के लिए टिकट या पैसे नहीं हैं।
- भोजन की समस्या – छात्रों ने बताया कि उन्हें बिना भोजन के ही बाहर निकाल दिया गया।
- मानसिक दबाव – इस अचानक फैसले से छात्र मानसिक रूप से परेशान हैं और खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
समाधान क्या हो सकता है?
- विश्वविद्यालय प्रशासन को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।
- मृत छात्रा की मौत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
- नेपाली छात्रों को तुरंत सुरक्षा दी जानी चाहिए।
- नेपाली सरकार को अपने छात्रों के लिए दूतावास स्तर पर बात करनी चाहिए।
- यदि विश्वविद्यालय में रहना संभव नहीं है, तो छात्रों के लिए सुरक्षित वापसी का इंतजाम किया जाना चाहिए।
कीट यूनिवर्सिटी में नेपाली छात्रा की मौत एक गंभीर मामला है, लेकिन इससे भी अधिक गंभीर विश्वविद्यालय प्रशासन का रवैया है। किसी भी घटना की पूरी जांच किए बिना, पूरे नेपाली छात्र समुदाय को बाहर निकालने का फैसला न केवल अनैतिक है बल्कि भेदभावपूर्ण भी है।
नेपाली छात्रों को इस कठिन समय में समर्थन की जरूरत है। विश्वविद्यालय प्रशासन, भारतीय सरकार और नेपाल सरकार को मिलकर इस मामले का हल निकालना चाहिए ताकि छात्रों को न्याय मिले और वे अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रख सकें।