Stock market में हाल ही में आई बड़ी गिरावट के बाद निवेशकों का जोखिम उठाने की प्रवृत्ति कम हो रही है। इस कारण, इंडेक्स फंड्स (Index Funds) और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है। ये दोनों ही पारंपरिक म्यूचुअल फंड योजनाओं की तुलना में अधिक सुरक्षित माने जाते हैं। खासतौर पर, बाजार की अस्थिरता के बीच इंडेक्स फंड्स निवेशकों के बीच लोकप्रिय होते जा रहे हैं। ऐसे में, यदि आप भी बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए इंडेक्स फंड्स या ईटीएफ में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इनके बीच के अंतर और सही विकल्प को समझना जरूरी है।
ETFs और Index Funds में बुनियादी अंतर
1. ट्रेडिंग मैकेनिज्म
ईटीएफ (Exchange-Traded Funds) शेयर बाजार में स्टॉक्स की तरह ट्रेड किए जाते हैं। इन्हें दिनभर किसी भी समय बाजार मूल्य पर खरीदा या बेचा जा सकता है। दूसरी ओर, इंडेक्स फंड्स केवल एक बार, शेयर बाजार बंद होने के बाद, उनकी नेट एसेट वैल्यू (NAV) के आधार पर खरीदे या बेचे जा सकते हैं।
2. निवेश में लचीलापन
ईटीएफ निवेशकों को इंट्राडे ट्रेडिंग का फायदा देता है, जिससे वे दिनभर के उतार-चढ़ाव का लाभ उठा सकते हैं। वहीं, इंडेक्स फंड्स इस मामले में कम लचीले होते हैं, क्योंकि इनका लेन-देन केवल दिन के अंत में ही किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि निवेशक वास्तविक समय के बाजार अवसरों से वंचित रह सकते हैं।
3. डीमैट अकाउंट की आवश्यकता
ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है क्योंकि ये स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होते हैं और वहीं पर ट्रेड होते हैं। दूसरी ओर, इंडेक्स फंड्स में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती, जिससे वे उन निवेशकों के लिए सुविधाजनक बनते हैं जो म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं लेकिन बाजार में सीधे भाग नहीं लेना चाहते।
4. एसआईपी के माध्यम से निवेश
इंडेक्स फंड्स में एसआईपी (SIP – Systematic Investment Plan) के माध्यम से निवेश किया जा सकता है, जिससे निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि निवेश कर सकते हैं। ईटीएफ के मामले में यह विकल्प उपलब्ध नहीं होता, जिससे नियमित निवेश करने वाले निवेशकों को परेशानी हो सकती है।
5. व्यय अनुपात (Expense Ratio)
ईटीएफ आमतौर पर इंडेक्स फंड्स की तुलना में सस्ते होते हैं क्योंकि वे पैसिव मैनेजमेंट रणनीति का पालन करते हैं और उनका खर्च अनुपात (Expense Ratio) कम होता है। यही कारण है कि लंबी अवधि के निवेशक, जो फंड मैनेजर को अधिक शुल्क नहीं देना चाहते, ईटीएफ को प्राथमिकता देते हैं।
कौन सा विकल्प बेहतर है?
यदि आप शेयर बाजार में प्रत्यक्ष रूप से निवेश करने और दिनभर ट्रेडिंग करने में रुचि रखते हैं, तो ईटीएफ आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। इसके विपरीत, यदि आप बाजार में बिना डीमैट अकाउंट के निवेश करना चाहते हैं और नियमित रूप से निवेश करना पसंद करते हैं, तो इंडेक्स फंड्स अधिक उपयुक्त होंगे।
बाजार विशेषज्ञों की राय
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी हेड, अनुज गुप्ता का मानना है कि “बाजार की अस्थिरता को देखते हुए, इंडेक्स फंड्स और ईटीएफ में निवेश करना एक समझदारी भरा निर्णय हो सकता है। यह उन निवेशकों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है जो कम जोखिम में बेहतर रिटर्न चाहते हैं।”
बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए, निवेशकों को अपने निवेश विकल्पों को समझदारी से चुनना चाहिए। यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और कम खर्च में निवेश करना चाहते हैं, तो ईटीएफ एक अच्छा विकल्प हो सकता है। वहीं, यदि आप नियमित निवेशक हैं और एसआईपी के जरिए निवेश करना चाहते हैं, तो इंडेक्स फंड्स बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। निवेश से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें।