Gold price: इस साल सोने की कीमतों में 11 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जो एक बहुत बड़ी छलांग है। यह बढ़ोतरी सोने को निवेश के लिहाज से एक आकर्षक विकल्प बना रही है, और इसने सेंसेक्स और निफ्टी जैसी प्रमुख शेयर बाजारों को भी पछाड़ दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की इस ऐतिहासिक वृद्धि के बाद, निवेशकों को अब सतर्क और संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी जा रही है। उनका कहना है कि इस समय सोने में निवेश करते समय निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता, निवेश उद्देश्य और समय सीमा का ध्यान रखना चाहिए।
पिछले साल 27% की बढ़ोतरी, इस साल भी जारी है तेजी
सोने की कीमतों में पिछले साल 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी, और इस साल भी सोना लगातार अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचता जा रहा है। इस साल, सोने की कीमतों में 11.20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। मनी मैनेजमेंट कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटी रिसर्च) माणव मोदी ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, “इस साल की शुरुआत से सोने की कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन यह तेज़ वृद्धि होने के कारण नए निवेशकों को सोने में निवेश करते समय सतर्क रहना चाहिए।”
मेहता इक्विटीज के उपाध्यक्ष (कमोडिटी) राहुल कलंत्री का कहना है, “इस साल के पहले 50 दिनों में एमसीएक्स फ्यूचर्स में सोने की कीमतों में 11.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। यह वृद्धि ₹77,500 से ₹86,200 तक हुई है। पिछले साल सोने में करीब 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी, और इस साल जनवरी 2024 से अब तक सोने की कीमत में 38 प्रतिशत से ज्यादा का इज़ाफा हो चुका है। ऐसे में इस समय सोने में नया निवेश करना बहुत अच्छा विचार नहीं हो सकता।”
सोना हमेशा देता है अच्छे रिटर्न्स
कामा ज्वेलरी के मैनेजिंग डायरेक्टर कोलिन शाह ने कहा, “सोना एक ऐसा निवेश है, जिसने हमेशा अच्छा रिटर्न दिया है। चाहे वह महंगाई हो या आर्थिक अस्थिरता, सोने ने हमेशा निवेशकों को नुकसान से बचाने का काम किया है। इस साल के पहले दो महीनों में सोने का प्रदर्शन शानदार रहा है, और इस समय में सोना एक बहुत ही प्रचलित और सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में उभरकर सामने आया है।”
राहुल कलंत्री ने कहा, “हाल के वर्षों में सोने ने शेयर बाजारों और बांड्स को भी पीछे छोड़ा है। वैश्विक अनिश्चितताओं और रुपये की गिरती दरों के कारण, इस ट्रेंड के जारी रहने की संभावना है। हालांकि, निवेश का सही बंटवारा निवेशकों के उद्देश्य और समय सीमा के आधार पर किया जाना चाहिए।”
निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश करना चाहिए
माणव मोदी का कहना है, “निवेशकों को हमेशा अपने निवेशों को विविधीकृत करने की सलाह दी जाती है। इसका मतलब है कि विभिन्न निवेश उत्पादों में निवेश करना। सोना एक सुरक्षित निवेश है और इसमें अपेक्षाकृत कम उतार-चढ़ाव होता है, जो निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखने में मदद करता है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या सोने में निवेश के लिए शारीरिक सोने की खरीदारी, गोल्ड बॉन्ड्स, ईटीएफ या गोल्ड लिंक्ड म्यूचुअल फंड्स में से कौन सा विकल्प बेहतर है, तो मेहता इक्विटीज के कलंत्री ने कहा, “हर विकल्प के अपने फायदे और नुकसान हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक यह समझें कि कौन सा विकल्प उनके उद्देश्यों के अनुरूप है।”
सोने में निवेश के विभिन्न विकल्प
कलंत्री ने कहा, “यदि आपको टैक्स लाभ और ब्याज आय की जरूरत है, तो सरकारी गोल्ड बॉन्ड्स अच्छे हैं (हालांकि सरकार अब इन्हें जारी नहीं कर रही है)। अगर आपको उच्च तरलता और व्यापार में आसानी चाहिए, तो गोल्ड ईटीएफ बेहतर हैं। अगर आप एसआईपी (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए निवेश करना चाहते हैं तो गोल्ड म्यूचुअल फंड्स अच्छा विकल्प हो सकते हैं। यदि आप भौतिक संपत्ति पसंद करते हैं, तो गोल्ड कॉइन्स या बार्स (ज्वेलरी नहीं, क्योंकि ज्वेलरी पर निर्माण शुल्क होता है) बेहतर हैं।”
माणव मोदी ने कहा, “सोने में निवेश करने के लिए कई प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध हैं, जैसे कि गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स), म्यूचुअल फंड्स, डिजिटल गोल्ड या स्पॉट मार्केट में खरीदारी। ये सभी निवेशकों की जोखिम क्षमता और विभिन्न निवेश अवधियों के आधार पर उपयुक्त हैं।”
सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण
माणव मोदी ने कहा, “वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सोने में निवेश बढ़ता है, और यह स्थिति अब भी बनी हुई है। इसके अलावा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा टैरिफ लगाए जाने की चेतावनियों, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा नीति दरों में कटौती की कम संभावना, और दिवाली 2024 के बाद से रुपये की विनिमय दर में तीन प्रतिशत की गिरावट ने भी सोने की कीमतों को बढ़ावा दिया है।”
आपूर्ति और मांग का प्रभाव
उन्होंने आगे कहा, “इस साल की शुरुआत से, सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव में आपूर्ति और मांग की स्थिति का भी महत्वपूर्ण योगदान है। चीन में आर्थिक पुनरुद्धार की उम्मीद, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी का सिलसिला, और निवेश मांग में वृद्धि इन कारकों के कारण सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।”
भविष्य में सोने की कीमतों पर नजर
माणव मोदी ने कहा, “अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापार युद्ध, वैश्विक स्तर पर बढ़ती तनाव, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की लगातार खरीदारी, चीन में सुधार और वैश्विक विकास की धीमी गति जैसी चिंताओं से सोने की कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ये सभी कारक सोने की कीमतों को समर्थन देने का काम करेंगे।”
सोने की कीमतों में इस साल एक जबरदस्त वृद्धि देखी गई है, और आने वाले महीनों में वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के कारण यह ट्रेंड जारी रह सकता है। हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर सोने में निवेश करें। गोल्ड ईटीएफ, म्यूचुअल फंड्स और भौतिक सोने जैसे विभिन्न विकल्पों के बारे में विचार करते हुए, निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्य और समय सीमा के आधार पर सही निर्णय लेना चाहिए।