China सागर के उत्तरी क्षेत्र में स्थित टोंकिन की खाड़ी में चीन ने सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। इस बात की जानकारी चीनी अधिकारियों ने दी है। चीन की समुद्री सुरक्षा प्रशासन ने बताया कि यह सैन्य अभ्यास मुख्य रूप से बेइबू खाड़ी क्षेत्र में चीनी सीमा के पास केंद्रित रहेगा और गुरुवार शाम तक चलेगा। इस सैन्य अभ्यास के पीछे चीन की मंशा को समझने की जरूरत है।
वियतनाम ने किया यह बड़ा ऐलान
चीन ने यह सैन्य अभ्यास ऐसे समय में शुरू किया है जब कुछ ही दिनों पहले वियतनाम ने दक्षिण चीन सागर में अपने दावे वाले जल क्षेत्र में एक नई सीमा रेखा घोषित की है। वियतनाम सरकार के आधिकारिक समाचार पत्र ‘वियतनाम न्यूज़’ के अनुसार, यह नई सीमा संयुक्त राष्ट्र के समुद्री कानून संधि के अनुरूप है। यह नई सीमा वियतनाम की संप्रभुता और अधिकार क्षेत्र की सुरक्षा तथा उसे लागू करने के लिए एक मजबूत कानूनी आधार प्रदान करती है। हालांकि, वियतनाम ने चीन के सैन्य अभ्यास पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
चीन और वियतनाम के बीच समुद्री विवाद
चीन और वियतनाम के बीच टोंकिन की खाड़ी को लेकर एक समुद्री समझौता लंबे समय से चला आ रहा है। हालांकि, दोनों देश स्प्रैटली और पारासेल द्वीप समूह और इससे सटे दक्षिण चीन सागर के कुछ जल क्षेत्रों पर दावा करते रहे हैं। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना अधिकार जताता है और इसे लेकर वह लगातार आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। अक्टूबर में चीन ने पारासेल द्वीप के पास 10 वियतनामी मछुआरों पर हमला भी किया था।
इन देशों से भी चीन के रिश्तों में तनाव
वियतनाम के अलावा चीन के संबंध फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के साथ भी तनावपूर्ण हैं। इंडोनेशिया के नटूना द्वीप के आसपास के जल क्षेत्र में भी चीनी तटरक्षक बल और इंडोनेशियाई मछुआरों के बीच हिंसक झड़पें हो चुकी हैं।
फिलीपींस के साथ चीन का तनाव विशेष रूप से अधिक है और दोनों देशों के बीच नियमित रूप से झड़पें होती रहती हैं। हाल ही में चीन और फिलीपींस के जहाजों के बीच टकराव की घटनाएं सामने आई थीं, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया।
सैन्य अभ्यास का उद्देश्य क्या?
चीन द्वारा टोंकिन की खाड़ी में किए जा रहे सैन्य अभ्यास को क्षेत्र में अपनी सैन्य शक्ति प्रदर्शित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। चीन यह दिखाना चाहता है कि वह दक्षिण चीन सागर में अपनी संप्रभुता के दावे को लेकर गंभीर है। इसके अलावा, यह सैन्य अभ्यास वियतनाम के नए सीमा दावे के जवाब में एक संदेश देने के रूप में भी देखा जा रहा है।
क्षेत्रीय स्थिरता पर असर
चीन के इस सैन्य अभ्यास से पूरे दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार और समुद्री परिवहन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। चीन के बढ़ते प्रभाव और सैन्य गतिविधियों से अन्य पड़ोसी देश चिंतित हैं। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश भी इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और चीन के दावों का विरोध कर चुके हैं।
आगे की स्थिति क्या होगी?
वियतनाम, फिलीपींस और अन्य प्रभावित देश इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा सकते हैं। चीन के इस कदम पर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह तनाव और बढ़ेगा या फिर कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से इस पर कोई समाधान निकलेगा।