Manipur Board Exams के दौरान एक बड़ा मामला सामने आया है। बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन मणिपुर (BOSEM) ने 10वीं कक्षा की चल रही परीक्षा के सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र लीक होने को लेकर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है। यह घटना मंगलवार को हुई, जब परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
बोर्ड ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
BOSEM के सचिव एस. जीतलाल ने इस मामले में गहरी चिंता जताते हुए कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बोर्ड अधिकारियों की एक बैठक भी हुई है, लेकिन मंगलवार को हुई परीक्षा को रद्द करने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
BOSEM सचिव का बयान:
एस. जीतलाल ने कहा, “BOSEM द्वारा संचालित चल रही HSLC परीक्षा के मंगलवार को हुए प्रश्न पत्र लीक मामले को लेकर बोर्ड परीक्षा की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्य कर रहा है। कुछ तत्वों ने BOSEM की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्न पत्र लीक कर दिया।”
पहले भी हो चुका है पेपर लीक का मामला
यह पहली बार नहीं है जब मणिपुर में बोर्ड परीक्षा के दौरान पेपर लीक की घटना सामने आई है। इससे पहले भी विज्ञान विषय का प्रश्न पत्र लीक हो चुका है। छात्र संगठनों और अभिभावकों में इसे लेकर गहरी नाराजगी देखी जा रही है। कई छात्रों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करती हैं और छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल सकती हैं।
BOSEM ने दर्ज करवाई शिकायत, जांच जारी
मामले को गंभीरता से लेते हुए BOSEM ने राज्य साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवा दी है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और जल्द ही दोषियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
BOSEM सचिव ने कहा, “हमारी शिकायत पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है और जांच एजेंसियां इस बात की तहकीकात कर रही हैं कि प्रश्न पत्र कैसे लीक हुआ। जो भी लोग इसके पीछे होंगे, उन्हें जल्द ही कानून के कठघरे में लाया जाएगा।”
सोशल मीडिया पर हुआ प्रश्न पत्र वायरल
छात्र संगठन डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स एलायंस ऑफ मणिपुर (DESAM) ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि प्रश्न पत्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लीक हुआ था। संगठन ने दो WhatsApp ग्रुप का भी जिक्र किया, जिनमें परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्न पत्र शेयर किया गया था।
कब हुआ प्रश्न पत्र लीक?
DESAM के महासचिव नोंगथोंबम थोइथोइबा ने बताया कि परीक्षा सुबह 9 बजे शुरू होनी थी, लेकिन प्रश्न पत्र सुबह 8:30 बजे ही WhatsApp ग्रुप में शेयर कर दिया गया था।
उन्होंने कहा, “यह बेहद गंभीर मामला है। परीक्षा से आधे घंटे पहले ही प्रश्न पत्र लीक हो जाना परीक्षा प्रणाली पर गहरा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।”
राज्य में 37,052 छात्र दे रहे हैं परीक्षा
HSLC परीक्षा 2025 में कुल 37,052 छात्र शामिल हो रहे हैं। इन परीक्षाओं का आयोजन राज्य के 155 केंद्रों में किया जा रहा है, जिनमें 93 केंद्र घाटी जिलों में और 62 केंद्र पहाड़ी जिलों में स्थित हैं।
छात्र संगठनों की नाराजगी, निष्पक्ष जांच की मांग
इस घटना के बाद छात्र संगठनों में नाराजगी देखी जा रही है। कई संगठनों ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मणिपुर स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष ने कहा, “हम चाहते हैं कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। इससे पहले भी विज्ञान विषय का प्रश्न पत्र लीक हो चुका है और प्रशासन इसे रोकने में नाकाम साबित हुआ है। अब समय आ गया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।”
सरकार की प्रतिक्रिया, कड़े कदम उठाने के निर्देश
राज्य सरकार ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिक्षा विभाग को इस मामले में तुरंत रिपोर्ट देने और परीक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा मंत्री का बयान:
मणिपुर के शिक्षा मंत्री ने कहा, “हम प्रश्न पत्र लीक मामले को लेकर बेहद गंभीर हैं। यह छात्रों के भविष्य से जुड़ा मामला है। जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।”
BOSEM बोर्ड ने की छात्रों से अपील
BOSEM बोर्ड ने छात्रों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और अपनी परीक्षा की तैयारी जारी रखें। बोर्ड ने यह भी आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने के बाद परीक्षा के संबंध में कोई भी फैसला लिया जाएगा।
BOSEM के अधिकारी ने कहा: “छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। बोर्ड निष्पक्ष परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”
अगले कदम: पेपर लीक पर काबू पाने के लिए नई व्यवस्था
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा विभाग और BOSEM ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है:
- सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाएगी – परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा कैमरे लगाए जाएंगे और परीक्षा केंद्रों की निगरानी बढ़ाई जाएगी।
- प्रश्न पत्र वितरण प्रणाली में बदलाव – प्रश्न पत्रों को ऑनलाइन सुरक्षित तरीके से भेजने पर विचार किया जा रहा है।
- साइबर सिक्योरिटी को मजबूत किया जाएगा – सोशल मीडिया पर परीक्षा से जुड़ी किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जाएगी।
- कड़ी सजा का प्रावधान – प्रश्न पत्र लीक में शामिल दोषियों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा।
मणिपुर में BOSEM बोर्ड की परीक्षा के दौरान सामाजिक विज्ञान का प्रश्न पत्र लीक होने की घटना ने एक बार फिर परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद है।
छात्र संगठन इस घटना को लेकर नाराज हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। सरकार ने भी भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि क्या इस घटना से कोई सबक लिया जाता है और परीक्षा प्रणाली को और अधिक सुरक्षित बनाया जाता है या नहीं।