Share Market: लगातार 5 महीने की गिरावट से निवेशकों को 92 लाख करोड़ का झटका

Share Market: लगातार 5 महीने की गिरावट से निवेशकों को 92 लाख करोड़ का झटका

Share Market: भारतीय शेयर बाजार पिछले पांच महीनों से बुरे दौर से गुजर रहा है, जिसकी चर्चा दुनियाभर में हो रही है। इससे पहले 1996 में ऐसा हुआ था जब बाजार में लगातार पांच महीनों तक गिरावट देखी गई थी। इस बार निफ्टी में 12.65 प्रतिशत और सेंसेक्स में 11.54 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट के कारण बीएसई का बाजार पूंजीकरण भी घट गया है, जिससे निवेशकों को 92 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

अक्टूबर से बिगड़ने लगा बाजार का रुख

शेयर बाजार में इस गिरावट का सबसे अधिक असर फरवरी में देखने को मिला, जब निवेशकों को 40.80 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 31 जनवरी को बीएसई का बाजार पूंजीकरण 4,24,02,091.54 लाख करोड़ रुपये था, जो 28 फरवरी को घटकर 3,84,01,411.86 लाख करोड़ रुपये रह गया। इस गिरावट की शुरुआत अक्टूबर से हुई थी, जब निवेशकों ने 29.63 लाख करोड़ रुपये गंवाए। हालांकि, नवंबर में बाजार में सुधार हुआ और निवेशकों को 1.97 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ। लेकिन दिसंबर में फिर से 4.73 लाख करोड़ रुपये और जनवरी में 17.93 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

Share Market: लगातार 5 महीने की गिरावट से निवेशकों को 92 लाख करोड़ का झटका

बाजार में गिरावट के मुख्य कारण

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के कई कारण हैं। इनमें सबसे प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों (FPI) द्वारा भारी बिकवाली है। अक्टूबर से अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2.13 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। इसके अलावा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने का निर्णय भी बाजार पर नकारात्मक असर डाल रहा है।

एशियाई बाजारों की मंदी का असर

एशियाई बाजारों में गिरावट भी भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित कर रही है। जापान का निक्केई इंडेक्स 3 प्रतिशत गिरा है, दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 2.7 प्रतिशत और हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1.5 प्रतिशत गिरा है। वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी के कारण भारतीय बाजार में भी गिरावट देखी जा रही है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

विशेषज्ञों का मानना है कि इस मंदी के दौर में निवेशकों को धैर्य बनाए रखना चाहिए और जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए। बाजार में गिरावट के बाद उछाल आने की संभावना बनी रहती है। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह समय अच्छे शेयरों को सस्ते दाम पर खरीदने का अवसर हो सकता है।

भारतीय शेयर बाजार में पिछले पांच महीनों से जारी गिरावट ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली, वैश्विक बाजार की अस्थिरता और अमेरिका की नीतियों का असर बाजार पर साफ दिखाई दे रहा है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और बाजार में जल्द ही सुधार देखने को मिल सकता है।