भारत में आधुनिक परिवहन व्यवस्था को एक नई ऊंचाई देने के उद्देश्य से शुरू की गई मुंबई-अहमदाबाद Bullet Train परियोजना अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रही है। देश की पहली हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर बनने जा रही यह ट्रेन न केवल देशवासियों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी बल्कि भारतीय रेलवे के इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति
हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 360 किमी का काम पूरा हो चुका है। हालांकि, इस परियोजना में दो साल से अधिक की देरी हुई, जिसका मुख्य कारण महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार द्वारा समय पर अनुमति न देना था। इस देरी के कारण परियोजना की लागत में भी बढ़ोतरी हुई है।
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की परियोजना पर प्रतिक्रिया
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने इस परियोजना का निरीक्षण किया और इसे देश की आधारभूत संरचना के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधुनिक रेलवे नेटवर्क के दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो देशभर में लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करेगा। उन्होंने इस परियोजना के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे एक बहुत ही अच्छी पहल करार दिया।
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat | Railway Minister Ashwini Vaishnaw says, “Work of almost 360 km of Bullet train has been completed, and the loss of two and half years that we had due to the permission denied by (Uddhav) Thackeray, we are trying to make up that as well. The… pic.twitter.com/a7tvrMClnX
— ANI (@ANI) March 1, 2025
परियोजना की विस्तृत जानकारी
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के अंतर्गत कुल 508 किमी लंबा रेल कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1.08 लाख करोड़ रुपये है, लेकिन परियोजना में देरी के कारण इसकी लागत बढ़ने की संभावना है।
इस रेलमार्ग पर 13 नदियों के ऊपर पुल बनाए गए हैं। इसके अलावा, पांच स्टील ब्रिज और दो पीएसएसी ब्रिज के माध्यम से कई रेलवे लाइनों और हाईवे को पार किया गया है। गुजरात में ट्रैक निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
निर्माण कार्य और संरचना
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य अब तक पूरे हो चुके हैं:
- 253 किमी वायाडक्ट का निर्माण
- 290 किमी गार्डर कास्टिंग का काम
- 358 किमी पियर निर्माण
- 112 किमी तक शोर अवरोधक (Noise Barrier) की स्थापना
इसके अलावा, मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) और ठाणे के बीच 21 किमी लंबी सुरंग बनाई जा रही है। महाराष्ट्र के पालघर जिले में सात पर्वतीय सुरंगों का निर्माण नैचुरल टनलिंग मैथड (NATM) से किया जा रहा है। गुजरात के वलसाड जिले में एक पर्वतीय सुरंग पहले ही तैयार हो चुकी है।
परियोजना के प्रमुख स्टेशन और ट्रायल रन
बुलेट ट्रेन का ट्रायल रन वर्ष 2026 में शुरू होने की संभावना है। गुजरात में सूरत और अहमदाबाद बुलेट ट्रेन स्टेशनों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इसके अतिरिक्त, साबरमती मल्टीमॉडल ट्रांजिट हब भी पूरी तरह से तैयार हो चुका है।
यात्रा की विशेषताएँ
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की अधिकतम गति 350 किमी प्रति घंटा होगी। यह ट्रेन 508 किमी की दूरी मात्र 3 घंटे में तय करेगी। इस दौरान यह ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकेगी। इसकी तुलना में, वर्तमान में मुंबई से अहमदाबाद के बीच ट्रेन से सफर करने में लगभग 7 से 8 घंटे लगते हैं।
परियोजना के लाभ
इस हाई-स्पीड रेल परियोजना से देश को कई महत्वपूर्ण लाभ होंगे:
- समय की बचत – मौजूदा रेलवे और सड़क मार्ग की तुलना में यात्रा का समय आधे से भी कम हो जाएगा।
- रोजगार के अवसर – इस परियोजना से लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
- आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर – देश में पहली बार अत्याधुनिक रेलवे तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे रेलवे का विकास होगा।
- पर्यावरणीय लाभ – यह परियोजना प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी क्योंकि बुलेट ट्रेन बिजली से चलेगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी।
- आर्थिक विकास – इससे गुजरात और महाराष्ट्र के औद्योगिक और व्यापारिक शहरों को आपस में जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी।
बुलेट ट्रेन से जुड़ी चुनौतियाँ
हालांकि, यह परियोजना कई चुनौतियों से भी घिरी रही है। भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय मंजूरी, तकनीकी जटिलताएँ और राजनीतिक गतिरोध इसके प्रमुख कारण रहे हैं। परियोजना की लागत में वृद्धि भी एक चिंता का विषय है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो देश की परिवहन व्यवस्था को एक नई दिशा प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब हाई-स्पीड रेल नेटवर्क की ओर बढ़ रहा है, जो देश की आर्थिक और बुनियादी ढाँचा विकास को मजबूती प्रदान करेगा। यदि यह परियोजना निर्धारित समय में पूरी होती है, तो यह भारत के रेलवे इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।
देशवासियों के लिए यह ट्रेन एक सपने के सच होने जैसी होगी, जो उन्हें न केवल समय बचाने में मदद करेगी बल्कि अत्याधुनिक रेलवे अनुभव भी प्रदान करेगी।