हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले से एक भयावह वीडियो सामने आया है। शनिवार को स्पीति घाटी में एक विशाल हिमखंड गिरा, जो सीधे इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) कैंप के सामने आ गिरा। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पहाड़ के ऊपर से हिमस्खलन (Avalanche) गिरते हुए देखा जा सकता है।
ITBP कैंप के पास हुआ हिमस्खलन
यह पूरी घटना स्पीति घाटी के ग्यू गांव की है, जहां इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) का स्थायी कैंप स्थित है। अचानक पहाड़ के ऊपरी हिस्से से हिमस्खलन शुरू हो गया। भारी बर्फीले पत्थर और बर्फ गिरते देख लोग दहशत में आ गए और इधर-उधर भागने लगे। राहत की बात यह रही कि यह हिमखंड आईटीबीपी कैंप से महज 200 मीटर पहले ही रुक गया।
बता दें कि ग्यू में स्थित आईटीबीपी कैंप में जवान सड़क से बर्फ हटाने का काम कर रहे थे, तभी पहाड़ों से बर्फ का गिरना शुरू हो गया। हिमस्खलन की रफ्तार इतनी तेज थी कि पूरा इलाका धुंध से भर गया। इस दौरान जवानों ने सतर्कता दिखाते हुए खुद को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
लाहौल घाटी में झील बनी, डूबा जोवरंग पुल
शनिवार को ही लाहौल घाटी के जोवरंग में भी एक विशाल हिमखंड गिरा। यह हिमखंड चंद्रभागा नदी में गिरा, जिससे नदी का प्रवाह रुक गया और वहां एक बड़ी झील बन गई। इस झील के कारण जोवरंग पुल पूरी तरह से नदी में डूब गया। यह पुल क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग था, लेकिन अब यह पानी में समा गया है।
रविवार को रोहतांग सुरंग (Rohtang Tunnel) के मुहाने पर भी एक छोटा हिमस्खलन हुआ, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं हुआ।
तीन दिनों में दर्जनों हिमस्खलन की घटनाएं
लाहौल स्पीति घाटी में बीते तीन दिनों में दर्जनों हिमस्खलन की घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं के पीछे मुख्य कारण हाल ही में हुई भारी बर्फबारी है। क्षेत्र में 4 से 5 फीट तक नई बर्फ गिरी है, जिससे पहाड़ों से हिमखंड टूटकर गिर रहे हैं।
हिमस्खलन के कारण कई स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और स्थानीय लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और राहत कार्यों में जुटी हुई है।
उत्तराखंड के चमोली में भी हिमस्खलन, 54 मजदूर फंसे
लाहौल स्पीति की तरह ही उत्तराखंड के चमोली जिले में भी हिमस्खलन की घटना घटी। यहां सीमा सड़क संगठन (BRO) के कैंप में हिमस्खलन हुआ, जिसमें 54 मजदूर बर्फ में फंस गए।
इन मजदूरों को बचाने के लिए प्रशासन ने बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। करीब 60 घंटे तक चले इस बचाव अभियान में 46 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन 8 मजदूरों की मौत हो गई। इस घटना से इलाके में मातम पसर गया।
हिमस्खलन से बचाव के लिए प्रशासन अलर्ट
भारी हिमपात और लगातार हो रहे हिमस्खलन के कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। लाहौल स्पीति और चमोली जैसे दुर्गम क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जा रही है।
बचाव एवं सुरक्षा उपाय:
- संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही सीमित कर दी गई है।
- आईटीबीपी और बीआरओ के जवान राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
- स्थानीय प्रशासन ने पर्यटकों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने से मना किया है।
- हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
लाहौल स्पीति और चमोली में हिमस्खलन की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं। लगातार हो रही बर्फबारी से हालात और खराब हो सकते हैं। ऐसे में प्रशासन और स्थानीय लोगों को पूरी सतर्कता बरतनी होगी। आईटीबीपी और अन्य सुरक्षा बल अपनी जान जोखिम में डालकर राहत कार्यों में लगे हुए हैं। सरकार को भी इन इलाकों में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।