भारत के विदेश मंत्री, S. Jaishankar इस समय ब्रिटेन और आयरलैंड की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। यह यात्रा दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से की जा रही है। यात्रा के दौरान जयशंकर ने कई उच्चस्तरीय मुलाकातें की, लेकिन यात्रा के दौरान एक बड़ी सुरक्षा चूक का मामला सामने आया है, जिसे लेकर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस लेख में हम आपको एस जयशंकर की ब्रिटेन यात्रा, सुरक्षा चूक और भारत सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में विस्तार से बताएंगे।
S. Jaishankar का ब्रिटेन पहुंचना और यात्रा का उद्देश्य
भारत के विदेश मंत्री S. Jaishankar मंगलवार को ब्रिटेन पहुंचे, जहां उनकी छह दिवसीय यात्रा की शुरुआत हुई। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय सहयोग को और सशक्त करना था। इस दौरान जयशंकर ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केयर स्टार्मर से मुलाकात की और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दी।
ब्रिटेन में एस जयशंकर की यात्रा का मुख्य मुद्दा द्विपक्षीय सहयोग, रूस-यूक्रेन युद्ध पर ब्रिटेन का दृष्टिकोण और मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) की बातचीत थी। इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने समकक्ष डेविड लैमी से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रणनीतिक समन्वय और राजनीतिक सहयोग पर चर्चा की।
सुरक्षा में चूक का मामला सामने आना
ब्रिटेन में S. Jaishankar की सुरक्षा में एक बड़ी चूक सामने आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने विदेश मंत्री की ब्रिटेन यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा संबंधी चूक की घटना के फुटेज देखे हैं। हम अलगाववादियों और चरमपंथियों के इस छोटे समूह की उकसावे वाली गतिविधियों की निंदा करते हैं।’’
यह सुरक्षा चूक उस समय सामने आई जब कुछ अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों ने एस जयशंकर की यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान ये तत्व अपने उकसावेपूर्ण कृत्यों के जरिए सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी समस्या खड़ी करने की कोशिश कर रहे थे।
भारत सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस घटना को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है और ब्रिटेन सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हम ऐसे तत्वों द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग किए जाने की निंदा करते हैं। हम अपेक्षा करते हैं कि ऐसे मामलों में मेजबान सरकार अपने कूटनीतिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करेगी।’’
भारत ने यह भी कहा कि इस तरह के घटनाक्रम से द्विपक्षीय रिश्तों में अनावश्यक तनाव उत्पन्न हो सकता है। इसलिए ब्रिटेन सरकार से यह अपेक्षाएं हैं कि वे अपने कूटनीतिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करते हुए, सुरक्षा चूक की जांच करें और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
भारत की तरफ से यह भी कहा गया कि इस मामले की पूरी जांच की जाए और एस जयशंकर की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए।
ब्रिटेन में सुरक्षा चूक पर उठ रहे सवाल
ब्रिटेन में एस जयशंकर की सुरक्षा में हुई चूक पर सवाल उठने लगे हैं। सुरक्षा चूक का यह मामला एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। भारत सरकार ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है, वहीं ब्रिटेन सरकार पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि उन्होंने विदेश मंत्री की सुरक्षा में चूक क्यों की।
आलम यह है कि इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है। ब्रिटेन के अधिकारियों को इस घटना पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न घटें।
ब्रिटेन और आयरलैंड यात्रा का उद्देश्य
विदेश मंत्री एस जयशंकर की यह यात्रा भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए है। भारत सरकार का उद्देश्य ब्रिटेन के साथ रणनीतिक, व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्तों को और सशक्त करना है।
इस यात्रा के दौरान एस जयशंकर ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केयर स्टार्मर से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार किया। इस दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष पर ब्रिटेन का दृष्टिकोण और भारत-ब्रिटेन व्यापारिक सहयोग पर चर्चा की गई।
इसके अलावा, एस जयशंकर ने डेविड लैमी, ब्रिटेन के विदेश मंत्री से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) की बातचीत की। इस पर आगे भी बातचीत जारी रहेगी ताकि भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत किया जा सके।
भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में भविष्य की दिशा
एस जयशंकर की यह यात्रा भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा, और कूटनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं। इस यात्रा में किए गए निर्णयों से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया जा सकता है।
हालांकि, सुरक्षा चूक की घटना ने इस यात्रा को एक अंजान मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, लेकिन भारत सरकार की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि भारत अपने नागरिकों और नेताओं की सुरक्षा को लेकर बहुत गंभीर है।
एस जयशंकर की ब्रिटेन यात्रा एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम है, जो भारत और ब्रिटेन के रिश्तों को और मजबूत करेगा। हालांकि, यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। भारत सरकार ने इस चूक की कड़ी निंदा की है और ब्रिटेन सरकार से इस पर कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा की है। अब यह देखना होगा कि ब्रिटेन इस मामले में क्या कदम उठाता है और भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में यह घटना किस दिशा में आगे बढ़ती है।