Tamil Nadu के तिरुनेलवेली जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दलित छात्र पर हमला कर उसकी अंगुलियां काट दी गईं। यह घटना उस समय हुई जब छात्र देवेंद्रन, जो कि कक्षा 11 का छात्र है, अपने स्कूल जा रहा था। देवेंद्रन के पिता, थंगा गणेश, जो कि एक दैनिक मजदूरी करने वाले व्यक्ति हैं, पर भी हमलावरों ने हमला किया और गंभीर रूप से घायल कर दिया।
कभी न भूलने वाली घटना
देवेंद्रन अपने घर से पालयमकोट्टई स्कूल जा रहा था, जहां उसे एक परीक्षा देनी थी। इसी दौरान, तीन हमलावरों ने बस को एक क्रॉसिंग पर रुकवाया और देवेंद्रन को घसीटकर बाहर निकाल लिया। हमलावरों ने देवेंद्रन की बाएं हाथ की अंगुलियां काट दीं और उसके पिता थंगा गणेश पर भी हमला किया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। हमलावरों ने जब देखा कि बस के अन्य यात्री इकट्ठा हो रहे हैं और हस्तक्षेप कर रहे हैं, तो वे मौके से फरार हो गए।
इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया
देवेंद्रन को तुरंत श्रीवैकुंठम सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में उसे तिरुनेलवेली सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी अंगुलियों को फिर से जोड़ने के लिए सर्जरी की जा रही थी।
हमले की वजह क्या है?
देवेंद्रन के परिवार का दावा है कि इस हमले के पीछे एक पिछले कबड्डी मैच की प्रतिशोधी भावना हो सकती है, जिसमें देवेंद्रन ने कास्त हिंदू समुदाय के एक विरोधी टीम को हराने में अहम भूमिका निभाई थी। देवेंद्रन एक बेहद कुशल कबड्डी खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है।
देवेंद्रन के पिता थंगा गणेश ने यह भी कहा कि यह एक जातिवाद पर आधारित अपराध था। उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावरों का संबंध देवर समुदाय से था, जो पड़ोसी गांव से थे। “हम एससी (अनुसूचित जाति) समुदाय से हैं, और यह एक जातिवाद अपराध है,” थंगा गणेश ने कहा।
हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग
देवेंद्रन के चाचा सुरेश, जिन्होंने भी हमले में चोटें खाई हैं, ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। सुरेश ने कहा, “वे तीन दिन तक हमारे आसपास घूमते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। हमें न्याय चाहिए और हमलावरों को हिरासत में लिया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “हम एससी समुदाय से हैं, और कोई नहीं चाहता कि हम आगे बढ़ें।”
सुरेश ने यह भी आरोप लगाया कि हमलावरों के आगे बढ़ने के पीछे कोई साजिश हो सकती है। उन्होंने कहा, “वे भी कक्षा 11 में पढ़ाई कर रहे थे। कोई न कोई तो ऐसा है जिसने उन्हें इस तरह से हिंसा करने का साहस दिया है।”
कौन हैं हमलावर और क्या है पुलिस का बयान?
पुलिस ने तीन नाबालिगों को गिरफ्तार किया है जो इस हमले में शामिल थे। हालांकि, पुलिस के अनुसार यह एक जाती आधारित हमला नहीं था, बल्कि व्यक्तिगत द्वेष और प्रतिशोध का परिणाम था। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की सजा दिलाने की प्रक्रिया जारी है।
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में हुआ यह हमला जातिवाद के मुद्दे को फिर से उजागर करता है। देवेंद्रन और उसके परिवार की पीड़ा इस बात की गवाह है कि जातिवाद और समाज में असमानता की समस्याएं आज भी जीवित हैं। देवेंद्रन जैसे युवाओं को अपनी मेहनत और टैलेंट के कारण न केवल समाज में असहमति और प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है, बल्कि उनकी जान को भी खतरा हो सकता है।
सरकार और पुलिस से यह उम्मीद की जाती है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे और जातिवाद पर आधारित अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।