Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने प्रतिबंधित ई-सिगरेट की तस्करी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। शाहदरा पुलिस ने एक बाइक सवार को पकड़कर उसके पास से 10 पैकेट प्रतिबंधित ई-सिगरेट बरामद किए। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने दुर्गापुरी चौक के पास जाल बिछाया और संदिग्ध बाइक सवार को रोकने की कोशिश की। पुलिस को देखते ही आरोपी भागने लगा, लेकिन सतर्क पुलिसकर्मियों ने उसे नाथू कॉलोनी चौक के पास दबोच लिया।
बाइक सवार से मिली जानकारी, ई-सिगरेट का अड्डा पकड़ा गया
पुलिस ने जब संदिग्ध के पास रखे डिब्बे की तलाशी ली तो उसमें 10 पैकेट प्रतिबंधित ई-सिगरेट पाए गए। पूछताछ के दौरान आरोपी की पहचान 20 वर्षीय आदित्य सुंदर के रूप में हुई। जब पुलिस ने गहराई से पूछताछ की तो पता चला कि उसने यह ई-सिगरेट पश्चिम ज्योति नगर से खरीदी थी। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने पश्चिम ज्योति नगर में स्थित गोदाम पर छापा मारा, जहां से 820 पैकेट प्रतिबंधित ई-सिगरेट बरामद किए गए।
इस मामले में पुलिस ने एक और आरोपी की पहचान की, जिसका नाम 22 वर्षीय प्रियांशु है। पुलिस ने ई-सिगरेट निषेध अधिनियम, 2019 के तहत मामला दर्ज किया और पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी।
ई-सिगरेट तस्करी का संगठित रैकेट बेनकाब
पूछताछ के दौरान आदित्य ने पुलिस को ई-सिगरेट तस्करी के पूरे नेटवर्क की जानकारी दी। जांच में खुलासा हुआ कि इस पूरे गिरोह का सरगना प्रियांशु है। प्रियांशु इस रैकेट का मास्टरमाइंड था और वह ई-सिगरेट की खरीद और आपूर्ति का पूरा प्रबंधन करता था।
पुलिस के अनुसार, प्रियांशु ने एक सुव्यवस्थित आपूर्ति श्रृंखला तैयार कर रखी थी, जिसके माध्यम से प्रतिबंधित ई-सिगरेट का अवैध व्यापार किया जाता था। यह कारोबार पूरी तरह गुप्त तरीके से संचालित हो रहा था, जिसमें खरीद, भंडारण और परिवहन तीनों प्रक्रियाओं को गोपनीय तरीके से अंजाम दिया जाता था।
दिल्ली में फैला था अवैध कारोबार
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि प्रियांशु की रणनीति के कारण दिल्ली में यह अवैध व्यापार तेजी से फैल चुका था। इस नेटवर्क में आदित्य की भूमिका सहायक की थी। आदित्य का काम प्रतिबंधित ई-सिगरेट का परिवहन और भंडारण करना था।
पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने लक्जरी लाइफस्टाइल जीने के लिए इस अवैध धंधे में कदम रखा था। कॉलेज के दोस्तों की आलीशान जिंदगी देखकर उन्होंने जल्दी अमीर बनने के लिए यह शॉर्टकट अपनाया, लेकिन कानून के शिकंजे में फंस गए।
कैसे काम करता था ई-सिगरेट तस्करी का नेटवर्क?
पुलिस जांच में पता चला कि यह नेटवर्क बहुत ही गोपनीय तरीके से संचालित हो रहा था। इसमें निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाती थी—
- ई-सिगरेट की खरीदारी – प्रियांशु चीन और अन्य विदेशी बाजारों से ई-सिगरेट गुप्त तरीके से आयात करता था।
- गुप्त गोदामों में भंडारण – प्रतिबंधित सामान को दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित छोटे गोदामों में छिपाकर रखा जाता था।
- स्थानीय संपर्कों के माध्यम से बिक्री – स्थानीय विक्रेताओं और एजेंटों के माध्यम से गुप्त रूप से ग्राहकों तक ई-सिगरेट पहुंचाई जाती थी।
- ऑनलाइन माध्यम से ऑर्डर – कुछ मामलों में ऑनलाइन सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्स के जरिए भी ऑर्डर लिए जाते थे।
- तेजी से डिलीवरी – पुलिस को पता चला कि ग्राहकों तक ई-सिगरेट बाइक या निजी वाहनों के जरिए पहुंचाई जाती थी ताकि पुलिस की नजर से बचा जा सके।
ई-सिगरेट पर प्रतिबंध और कानून का उल्लंघन
भारत सरकार ने ई-सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, वितरण और विज्ञापन पर 2019 में प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध ई-सिगरेट के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों को देखते हुए लगाया गया था। लेकिन इसके बावजूद दिल्ली सहित कई अन्य बड़े शहरों में इसका अवैध व्यापार तेजी से बढ़ रहा था।
ई-सिगरेट निषेध अधिनियम, 2019 के तहत—
- ई-सिगरेट का उत्पादन, आयात, निर्यात, बिक्री, परिवहन, भंडारण और विज्ञापन पूरी तरह अवैध है।
- कानून का उल्लंघन करने पर पहली बार दोषी पाए जाने पर एक साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
- दोबारा अपराध करने पर तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
आरोपियों की गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
- प्रियांशु को मुख्य आरोपी बनाया गया है, क्योंकि वही पूरे रैकेट का संचालन कर रहा था।
- आदित्य इस रैकेट में सहायक के रूप में काम कर रहा था और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
- पुलिस अब अन्य संभावित आरोपियों की तलाश कर रही है, जो इस गिरोह का हिस्सा हो सकते हैं।
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई से एक बड़े ई-सिगरेट तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। यह मामला यह भी दर्शाता है कि कैसे युवाओं को त्वरित अमीरी की चाहत अपराध की दुनिया में धकेल रही है।
ई-सिगरेट पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद इसकी अवैध बिक्री जारी थी, लेकिन पुलिस की इस मुहिम से तस्करों को बड़ा झटका लगा है। अब पुलिस इस अवैध व्यापार के अन्य तारों को खंगालने में जुटी है ताकि दिल्ली में इस गैर-कानूनी गतिविधि पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।
इस मामले से युवाओं को सबक लेने की जरूरत है कि अवैध धंधों से पैसा कमाने की कोशिश अंततः जेल की सलाखों तक पहुंचा सकती है।