America में नए निर्वासन कानून पर बवाल, कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के फैसले पर लगाई रोक

America में नए निर्वासन कानून पर बवाल, कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के फैसले पर लगाई रोक

यह कानून 1798 में अमेरिका में बनाया गया था और इसे “एलिएन एनेमीज एक्ट” (Alien Enemies Act) के नाम से जाना जाता है। यह कानून America के राष्ट्रपति को युद्ध के समय विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार करने और निर्वासित करने का अधिकार देता है। ट्रंप प्रशासन ने इसे एक बार फिर से लागू करने का निर्णय लिया था। राष्ट्रपति ने यह दावा किया था कि वेनेजुएला का गैंग ‘ट्रेन डे अरागुआ’ अमेरिका में घुसपैठ कर रहा है और उसे बाहर निकालने के लिए इस कानून का इस्तेमाल किया जा सकता है।

यह कानून अब तक केवल तीन बार अमेरिकी इतिहास में इस्तेमाल किया गया है। इसे पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लागू किया गया था, जब जर्मन, इटालियन और जापानी अमेरिकी नागरिकों को देश से बाहर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद से इस कानून का कभी भी इस तरह से प्रयोग नहीं हुआ था, और अब ट्रंप प्रशासन ने इसे फिर से सक्रिय किया।

फेडरल कोर्ट का आदेश और ट्रंप प्रशासन की योजना

America के डिस्ट्रीकट कोर्ट के चीफ जज, जेम्स ई. बोसबर्ग ने इस मामले की सुनवाई करते हुए तुरंत आदेश जारी किया कि ट्रंप प्रशासन इस योजना को लागू नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि “मैं और अधिक इंतजार नहीं कर सकता और मुझे तुरंत कार्रवाई करनी होगी,” और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार पहले ही प्रवासियों को एल सल्वाडोर और होंडुरास भेज रही है। ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, इस नए आदेश के तहत, ऐसे प्रवासियों को फिर से निर्वासित किया जा सकता है और उन्हें इन देशों में बंदी बना लिया जाएगा।

America में नए निर्वासन कानून पर बवाल, कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के फैसले पर लगाई रोक

हालांकि, बोसबर्ग के आदेश के बाद, ट्रंप प्रशासन को इस कानून के लागू होने पर अस्थायी रोक लगानी पड़ी।

वेनेजुएला गैंग पर ट्रंप प्रशासन का दावा

ट्रंप प्रशासन ने यह दावा किया था कि ‘ट्रेन डे अरागुआ’ नामक वेनेजुएला गैंग अमेरिका के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। प्रशासन का कहना था कि इस गैंग ने अमेरिका में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया है और इसके सदस्य अब अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं। इसके तहत, 300 प्रवासियों को जो गैंग के सदस्य माने गए थे, एल सल्वाडोर द्वारा इस सप्ताह स्वीकार किए जाने की बात कही गई।

ट्रंप प्रशासन ने इन प्रवासियों को देश से बाहर करने के लिए इस कानून का उपयोग किया, हालांकि न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी और इसे लागू करने के खिलाफ आदेश जारी किया।

कानूनी जटिलताएँ और भविष्य की दिशा

यह मामला अब अमेरिकी न्यायपालिका में एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जिसमें ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई और इससे संबंधित कानूनी सवालों पर बहस हो रही है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से प्रवासी समुदाय के अधिकारों को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जबकि अन्य का कहना है कि यह सरकार का सख्त रुख अपनाने का प्रयास है।

इसके बावजूद, इस मामले में अगला कदम क्या होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। यदि ट्रंप प्रशासन इस फैसले को चुनौती देता है, तो यह एक लंबी कानूनी लड़ाई में बदल सकता है।

अमेरिका में इस तरह के कड़े प्रवासन नीतियों को लेकर राजनीतिक बहस लगातार जारी रहती है और यह मामला अब एक जटिल मुद्दा बन चुका है। ट्रंप प्रशासन ने जिस 18वीं सदी के कानून का इस्तेमाल किया है, वह निश्चित रूप से अमेरिका के इतिहास में एक दुर्लभ और विवादास्पद कदम साबित हो सकता है।

ट्रंप प्रशासन का 18वीं सदी के “एलिएन एनेमीज एक्ट” का इस्तेमाल कर प्रवासियों को तेजी से निर्वासित करने की योजना एक ऐतिहासिक कदम था, जिसे कोर्ट ने अस्थायी रूप से रोक दिया है। हालांकि, यह निर्णय केवल एक प्रारंभिक कदम था और अब यह देखना होगा कि आगे यह मामला किस दिशा में जाएगा। इस बीच, यह सवाल भी उठता है कि क्या इस तरह की नीतियां अमेरिका के प्रवासी समुदाय और उनके अधिकारों को प्रभावित करेंगी, या फिर यह केवल एक अस्थायी प्रशासनिक निर्णय साबित होगा।