Panchang of 17 March 2025: 17 मार्च 2025, सोमवार के दिन चैत्र कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि रहेगी। यह तिथि शाम 7:34 बजे तक प्रभावी रहेगी, इसके बाद चतुर्थी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। इस दिन ध्रुव योग दोपहर 3:45 बजे तक रहेगा, वहीं चित्रा नक्षत्र दोपहर 2:47 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, इस दिन संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत भी रखा जाएगा। आइए जानते हैं सोमवार के पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त के समय की पूरी जानकारी।
17 मार्च 2025 का शुभ मुहूर्त और तिथि
- तृतीया तिथि (चैत्र कृष्ण पक्ष) – शाम 7:34 बजे तक, इसके बाद चतुर्थी तिथि आरंभ होगी।
- ध्रुव योग – दोपहर 3:45 बजे तक रहेगा।
- चित्रा नक्षत्र – दोपहर 2:47 बजे तक रहेगा।
- संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत – 17 मार्च 2025 को रखा जाएगा।
इस दिन गणपति उपासना का विशेष महत्व होगा। भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त गण इस दिन व्रत रखते हैं और रात्रि के समय चंद्रदर्शन कर व्रत का पारण करते हैं।
राहुकाल का समय (शहरवार विवरण)
राहुकाल को कोई भी शुभ कार्य करने के लिए अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ, नए कार्यों की शुरुआत या यात्रा करने से बचना चाहिए। नीचे 17 मार्च 2025 के विभिन्न शहरों के राहुकाल समय दिए गए हैं:
- दिल्ली – सुबह 08:00 बजे से 09:30 बजे तक
- मुंबई – सुबह 08:17 बजे से 09:47 बजे तक
- चंडीगढ़ – सुबह 08:02 बजे से 09:32 बजे तक
- लखनऊ – सुबह 07:45 बजे से 09:15 बजे तक
- भोपाल – सुबह 07:58 बजे से 09:29 बजे तक
- कोलकाता – सुबह 07:15 बजे से 08:45 बजे तक
- अहमदाबाद – सुबह 08:18 बजे से 09:48 बजे तक
- चेन्नई – सुबह 07:46 बजे से 09:17 बजे तक
राहुकाल में किसी भी शुभ कार्य को करने से बचें, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है और कार्यों में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
17 मार्च 2025 को सूर्योदय और सूर्यास्त के समय इस प्रकार रहेंगे:
- सूर्योदय – सुबह 6:28 बजे
- सूर्यास्त – शाम 6:30 बजे
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय को धार्मिक कार्यों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस समय ध्यान, प्रार्थना और सूर्य उपासना करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत का महत्व
17 मार्च 2025 को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का पावन व्रत रखा जाएगा। यह व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की उपासना करने से संकटों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
व्रत करने की विधि:
- प्रातः स्नान कर भगवान गणेश की पूजा करें।
- दिनभर निर्जला व्रत रखें या फलाहार करें।
- शाम के समय गणेश जी को दूर्वा, मोदक और फूल अर्पित करें।
- रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत का पारण करें।
संकष्टी चतुर्थी व्रत के लाभ:
- यह व्रत सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करता है।
- बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है।
- जीवन में शांति और सफलता मिलती है।
- भगवान गणेश की कृपा से सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
विशेष ध्यान दें: इस दिन गणेश जी की आरती और मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
17 मार्च 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगा। इस दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत, ध्रुव योग, चित्रा नक्षत्र, और शुभ मुहूर्त का विशेष संयोग बन रहा है। राहुकाल का ध्यान रखते हुए कार्यों की योजना बनानी चाहिए। साथ ही, भगवान गणेश की उपासना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। शुभ कार्यों के लिए यह दिन अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है।