Kapil Mishra को हाईकोर्ट से झटका, आचार संहिता उल्लंघन मामले में सुनवाई जारी रहेगी

Kapil Mishra को हाईकोर्ट से झटका, आचार संहिता उल्लंघन मामले में सुनवाई जारी रहेगी

दिल्ली सरकार के मंत्री Kapil Mishra को एक बड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

हाईकोर्ट का फैसला: निचली अदालत में जारी रहेगी सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि निचली अदालत में सुनवाई जारी रहेगी और इस पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। हाईकोर्ट ने कपिल मिश्रा की याचिका पर नोटिस जारी किया है, लेकिन अदालत ने कहा कि वह इस समय निचली अदालत में जारी सुनवाई को रोकने के पक्ष में नहीं है।

Kapil Mishra ने दी ये दलीलें

गौरतलब है कि कपिल मिश्रा की ओर से उनके वकील ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। कपिल मिश्रा के वकील ने तर्क दिया कि सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) के तहत तय प्रावधानों और प्रक्रिया का पालन किए बिना ही एफआईआर दर्ज कर ली गई थी।

वकील का दावा था कि सोशल मीडिया पोस्ट जानबूझकर किसी की भावनाओं को आहत करने के लिए नहीं किया गया था। उनके अनुसार, पोस्ट में न तो किसी धर्म या धार्मिक समुदाय का जिक्र किया गया था और न ही उसमें सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) विरोध को लेकर कोई टिप्पणी थी।

निचली अदालत ने नहीं मानी कपिल मिश्रा की अपील

इससे पहले, निचली अदालत ने कपिल मिश्रा के खिलाफ चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग ठुकरा दी थी। अदालत ने कहा था कि मामले में सुनवाई जारी रहेगी।

कपिल मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले भड़काऊ बयानबाजी की थी, जो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। इसी मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

Kapil Mishra को हाईकोर्ट से झटका, आचार संहिता उल्लंघन मामले में सुनवाई जारी रहेगी

कपिल मिश्रा का विवादित बयान

कपिल मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले भड़काऊ बयान दिया था, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता था। उनके बयान को लेकर विपक्ष ने भी जमकर आलोचना की थी। चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला

चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला उस समय सामने आया था जब कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट किया था। इस पोस्ट को लेकर आरोप लगाया गया था कि इससे समाज में भड़काऊ माहौल पैदा हो सकता है।

हालांकि, कपिल मिश्रा का कहना था कि उनका उद्देश्य किसी भी समुदाय को आहत करना नहीं था और पोस्ट में किसी धर्म या धार्मिक समुदाय का उल्लेख नहीं किया गया था।

कपिल मिश्रा का राजनीतिक सफर

कपिल मिश्रा पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता थे, लेकिन बाद में वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। उन्होंने सीएए विरोधी प्रदर्शन को लेकर भी विवादित बयान दिए थे, जिसके कारण उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा था।

हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने कपिल मिश्रा की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह इस पर आगे सुनवाई करेगा, लेकिन फिलहाल निचली अदालत में कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

कपिल मिश्रा के खिलाफ हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद विपक्षी दलों ने इसे सही ठहराया है। विपक्ष का कहना है कि कपिल मिश्रा ने भड़काऊ बयानबाजी करके चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है और उन्हें इसके लिए कानूनी प्रक्रिया का सामना करना चाहिए।

वहीं, बीजेपी का कहना है कि कपिल मिश्रा को राजनीतिक दुर्भावना के तहत फंसाया जा रहा है। पार्टी ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ दर्ज मामला राजनीतिक साजिश है।

कानूनी विशेषज्ञों की राय

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कोर्ट का फैसला काफी महत्वपूर्ण है। यदि कपिल मिश्रा के खिलाफ आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो उन्हें कानूनी सजा का सामना करना पड़ सकता है।

दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई को रोकने से इनकार कर दिया है। अब मामले की सुनवाई जारी रहेगी और कपिल मिश्रा को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा। इस मामले में हाईकोर्ट का अंतिम फैसला महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे यह तय होगा कि क्या कपिल मिश्रा को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में दोषी ठहराया जाएगा या नहीं।