Manipur Violence: 22 मार्च को मणिपुर में राहत शिविरों का निरीक्षण करेंगे सुप्रीम कोर्ट के छह जज

Manipur Violence: 22 मार्च को मणिपुर में राहत शिविरों का निरीक्षण करेंगे सुप्रीम कोर्ट के छह जज

Manipur Violence: मणिपुर में जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों की स्थिति का जायजा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जजों का एक प्रतिनिधिमंडल 22 मार्च को राहत शिविरों का दौरा करेगा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने इसकी जानकारी दी है। इस दौरे का उद्देश्य हिंसा पीड़ित लोगों को कानूनी और मानवीय सहायता प्रदान करना है।

राहत शिविरों का करेंगे दौरा

NALSA ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, जो NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के राहत शिविरों का दौरा करेगा। उनके साथ सर्वोच्च न्यायालय के अन्य जज जस्टिस सूर्यकांत, विक्रम नाथ, एमएम सुंदरश, केवी विश्वनाथन और एन. कोटिस्वर सिंह भी शामिल होंगे।

यह दौरा मणिपुर हाईकोर्ट की द्विशताब्दी (200वीं वर्षगांठ) के अवसर पर किया जाएगा। इस दौरान न्यायाधीश प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी स्थिति का जायजा लेंगे।

50,000 से अधिक लोग हुए विस्थापित

NALSA ने 17 मार्च को जारी एक बयान में कहा कि मई 2023 में मणिपुर में हुई विनाशकारी सांप्रदायिक हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी और 50,000 से अधिक लोग बेघर हो गए थे। दो साल बाद भी बड़ी संख्या में लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।

Manipur Violence: 22 मार्च को मणिपुर में राहत शिविरों का निरीक्षण करेंगे सुप्रीम कोर्ट के छह जज

हिंसा में बेघर हुए लोग अब भी सरकारी सहायता और पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं। जजों का दौरा कानूनी और मानवीय सहायता की निरंतर आवश्यकता को दर्शाता है।

विधिक सेवा और स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन

दौरे के दौरान जस्टिस गवई मणिपुर के विभिन्न जिलों में वर्चुअली विधिक सेवा शिविर और मेडिकल कैंप का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, इम्फाल ईस्ट, इम्फाल वेस्ट और उखरुल जिलों में नए विधिक सहायता क्लीनिक भी शुरू किए जाएंगे।

इस दौरान हिंसा प्रभावित आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (IDPs) को आवश्यक राहत सामग्री वितरित की जाएगी। इसमें भोजन, दवा, कंबल और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल होंगी।

कांग्रेस ने स्वागत किया, केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के मणिपुर दौरे का स्वागत किया है। कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2023 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि उस समय अदालत ने मणिपुर में संवैधानिक व्यवस्था के पूरी तरह चरमरा जाने की बात कही थी।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “मोदी जी दुनिया घूमते हैं, असम और अन्य जगहों पर जाते हैं, लेकिन मणिपुर नहीं जाते। वहां के लोग अब भी उनके दौरे का इंतजार कर रहे हैं।” जयराम रमेश ने सरकार की मणिपुर को लेकर निष्क्रियता पर सवाल उठाए।

सुप्रीम कोर्ट के जजों का मणिपुर दौरा जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए राहत भरी खबर है। इस दौरे से न केवल राहत शिविरों में रह रहे लोगों को सहायता मिलेगी, बल्कि कानूनी सेवाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं को भी मजबूती मिलेगी। कांग्रेस ने जहां इस पहल का स्वागत किया, वहीं केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। मणिपुर में हिंसा पीड़ितों को न्याय और पुनर्वास दिलाने में यह दौरा महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।