नासा के अंतरिक्ष यात्री Sunita Williams और बुच विलमोर बुधवार (भारतीय समयानुसार) को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए। ये दोनों अंतरिक्ष यात्री करीब नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहे। वे 5 जून 2024 को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू वाहन से अंतरिक्ष गए थे और उन्हें एक हफ्ते के भीतर लौटना था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उन्हें लंबे समय तक वहीं रहना पड़ा। उनके सुरक्षित लौटने पर दुनियाभर से बधाई मिल रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं।
PM मोदी ने कहा – धैर्य और साहस की मिसाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “स्वागत है #Crew9! पृथ्वी ने आपको याद किया।” पीएम मोदी ने कहा कि सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने धैर्य, साहस और मानवता की अदम्य भावना का परिचय दिया है। उन्होंने लिखा, “सुनीता विलियम्स और #Crew9 के अंतरिक्ष यात्रियों ने एक बार फिर हमें यह दिखाया कि दृढ़ता का असली अर्थ क्या है। उनका अटल संकल्प लाखों लोगों को प्रेरित करेगा।”
Welcome back, #Crew9! The Earth missed you.
Theirs has been a test of grit, courage and the boundless human spirit. Sunita Williams and the #Crew9 astronauts have once again shown us what perseverance truly means. Their unwavering determination in the face of the vast unknown… pic.twitter.com/FkgagekJ7C
— Narendra Modi (@narendramodi) March 19, 2025
सुनीता विलियम्स को बताया प्रेरणा का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा, “अंतरिक्ष अनुसंधान का मतलब है मानव क्षमता की सीमाओं को लांघना, बड़े सपने देखना और उन्हें पूरा करने का साहस रखना।” उन्होंने सुनीता विलियम्स को एक प्रेरणादायक प्रतीक बताया और कहा कि उन्होंने अपने करियर के दौरान इस भावना को बार-बार साबित किया है। पीएम मोदी ने यह भी कहा, “हम उन सभी लोगों पर गर्व करते हैं, जिन्होंने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए अथक परिश्रम किया। उन्होंने यह दिखाया है कि जब सटीकता जुनून से मिलती है और तकनीक धैर्य से मिलती है, तब असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।”
सुनीता विलियम्स का भारत से संबंध
सुनीता विलियम्स अमेरिकी नागरिक हैं, लेकिन उनके पिता भारतीय मूल के हैं। उनके पिता दीपक पंड्या गुजरात के मेहसाणा जिले के झूलासन गांव के निवासी हैं। सुनीता का यह तीसरा अंतरिक्ष मिशन था। उन्होंने अब तक कुल 608 दिन अंतरिक्ष में बिताए हैं। इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने एक महिला के रूप में सबसे अधिक अंतरिक्ष में चहलकदमी (स्पेसवॉक) का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है।
सुनीता विलियम्स को पद्म भूषण से नवाजा गया
सुनीता विलियम्स भारत में कम से कम तीन बार आ चुकी हैं, जिनमें 2007 और 2013 की यात्राएं शामिल हैं। भारत सरकार ने उन्हें 2008 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने सुनीता विलियम्स को एक पत्र लिखकर “भारत की बेटी” कहा था और उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया था।
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर का नौ महीने बाद अंतरिक्ष से सुरक्षित लौटना एक ऐतिहासिक क्षण है। उनकी दृढ़ता, साहस और लगन ने दुनियाभर के लोगों को प्रेरित किया है। सुनीता विलियम्स का भारत से गहरा संबंध है, जिससे भारतीयों का उन पर गर्व और भी बढ़ जाता है। उनका यह मिशन अंतरिक्ष अनुसंधान में एक नई मिसाल बनेगा।