Amitabh Bachchan Post: 1965 की कविता और आज का जज़्बा – बिग बी ने साझा की हरिवंश राय बच्चन की कालजयी रचना

Amitabh Bachchan Post: 1965 की कविता और आज का जज़्बा – बिग बी ने साझा की हरिवंश राय बच्चन की कालजयी रचना

Amitabh Bachchan Post: बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में हैं। पहले उन्हें पहलगाम आतंकी हमले पर चुप्पी के कारण सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया। लेकिन अब उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ कर हर किसी का दिल जीत लिया है। बिग बी ने न सिर्फ भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की बल्कि अपने पिता हरिवंश राय बच्चन द्वारा 1965 की जंग के दौरान लिखी गई एक जोशीली कविता भी शेयर की। इस पोस्ट में उन्होंने तुलसीदास की रामचरितमानस से भी एक पंक्ति का उल्लेख किया है जिससे देशभक्ति की भावना और भी गहराई से झलकती है।

कविता के साथ ‘जय हिंद’ का संदेश और रामचरितमानस की पंक्ति

अमिताभ बच्चन ने जो कविता पोस्ट की है वह हरिवंश राय बच्चन द्वारा 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान लिखी गई थी। उन्होंने इस कविता के साथ लिखा – ‘जय हिंद। बाबूजी की कुछ पंक्तियां।’ इसके बाद उन्होंने बताया कि कविता की पंक्ति “सुर समर करनी करहिं, कहि न जानवहिं आप” का अर्थ यह है कि वीर अपनी वीरता युद्ध में दिखाते हैं न कि सिर्फ बातें बनाते हैं। यह पंक्ति रामचरितमानस के लक्ष्मण-परशुराम संवाद से ली गई है। बिग बी ने लिखा कि असली वीर कभी अपनी बहादुरी का ढिंढोरा नहीं पीटते बल्कि युद्ध के मैदान में अपना पराक्रम दिखाते हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्ट, फैंस ने की जमकर तारीफ

अमिताभ बच्चन की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वायरल हो गई। हजारों की संख्या में लोग इसे लाइक और शेयर कर रहे हैं। कई लोगों ने कमेंट कर लिखा कि बच्चन साहब ने एक बार फिर दिल जीत लिया। देशभक्ति और साहित्य को साथ जोड़ने का जो तरीका उन्होंने चुना वह आज की पीढ़ी के लिए भी प्रेरणादायक है। पोस्ट में उन्होंने यह भी लिखा कि उनके पिता की ये कविता उस समय लिखी गई थी जब भारत पाकिस्तान युद्ध चल रहा था और इसके लिए हरिवंश राय बच्चन को 1968 में साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था।

आज भी उतनी ही प्रासंगिक है 60 साल पुरानी कविता

बिग बी ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि यह कविता लगभग 60 साल पहले लिखी गई थी लेकिन आज के हालातों में भी यह उतनी ही सटीक बैठती है। उन्होंने लिखा – “शब्दों ने वह सच बयां किया है जो शायद पहले से भी ज़्यादा प्रासंगिक है। एक कवि और उसका दृष्टिकोण जो समय से आगे था। बाबूजी की यह कविता आज भी जिंदा है और हालातों को बयां करती है।” अमिताभ की यह भावनात्मक और देशभक्ति से भरी पोस्ट उन सभी लोगों के लिए एक करारा जवाब मानी जा रही है जिन्होंने उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए थे।