UP News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। सरकारी अस्पतालों में इलाज की जगह अब अभद्रता और लापरवाही की खबरें सामने आ रही हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है और जिम्मेदार मंत्री अस्पतालों की सुध लेने के बजाय अन्य कामों में लगे हुए हैं। सरकार मरीजों और उनके परिवारों की समस्याओं के प्रति बिलकुल असंवेदनशील हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकारी और निजी अस्पतालों में मनमानी अपने चरम पर है। गरीब मरीज इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों के चक्कर लगाते रहते हैं। कई जगह अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। कहीं बिस्तर और स्ट्रेचर नहीं मिलते तो कहीं जरूरी जांच ही नहीं हो पा रही है। स्थिति इतनी खराब हो गई है कि इलाज न मिलने से मरीजों की मौतें हो रही हैं। उन्होंने कन्नौज के छिबरामऊ में हुई एक दर्दनाक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक बेटी रूचि गुप्ता की निजी अस्पताल की लापरवाही के कारण मौत हुई, लेकिन सरकार न्याय की मांग करने वालों पर लाठीचार्ज करा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में भाजपा की सांसद सुभद्रा पाठक, विधायक अर्चना पांडेय और सरकार स्वयं दोषियों की रक्षा कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साधा
अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य के चिकित्सा मंत्री अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में विफल रहे हैं। अब वह ध्यान भटकाने के लिए दूसरों पर कीचड़ उछालने का काम कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश के लोग ऐसे बड़े-बोलने वाले नेताओं को सबक जरूर सिखाएंगे। अखिलेश यादव ने समाजवादी सरकार के कार्यों को उदाहरण के तौर पर पेश किया। उन्होंने बताया कि समाजवादी सरकार ने आजमगढ़, जौनपुर, जालौन और कन्नौज में मेडिकल कॉलेज बनाए थे। लखनऊ का विश्व स्तरीय कैंसर संस्थान भी समाजवादी सरकार की देन है। लेकिन वर्तमान सरकार ने इन संस्थानों को बजट और सुविधाएं तक नहीं दी, जिससे उनकी हालत खराब हो गई।
स्वास्थ्य सेवा पर विपक्ष का लगातार हमला
यह ध्यान देने योग्य है कि विपक्ष लगातार उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर योगी सरकार पर हमलावर रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को कई बार जवाब देना पड़ा है। कन्नौज की बेटी की मौत के बाद यह मुद्दा फिर से गरमा गया है। विपक्ष की नकेल कसने की मांग तेज हो गई है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या योगी सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दे पाएगी या फिर अगले चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।