Haryana के फरीदाबाद जिले के नीमका जेल से गलती से रिहा हुआ कैदी नितेश पांडेय को उसके पैतृक गांव पटना से पुलिस ने पकड़ लिया है। यह जानकारी फरीदाबाद पुलिस ने रविवार 1 जून 2025 को दी। नितेश पांडेय पर नाबालिग से बलात्कार का गंभीर आरोप था, जिस वजह से वह जेल में बंद था। पकड़े जाने के बाद उसे फरीदाबाद की एक सिटी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में वापस नीमका जेल भेज दिया गया।
दरअसल, नितेश पांडेय की जगह नीमका जेल से एक और नितेश को कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन जेल प्रशासन की चूक की वजह से नितेश पांडेय को ही जमानत वाला समझकर रिहा कर दिया गया। दोनों नितेशों के पिता का नाम रविंद्र पांडे है, जिसकी वजह से यह पहचान में गलतफहमी हुई। इस लापरवाही के कारण जेल के पांच अधिकारी निलंबित कर दिए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में नितेश पांडेय ने स्वीकार किया कि उसे पहले से पता था कि दूसरा नितेश जमानत पर आ रहा है।
कैसे किया नितेश पांडेय ने जेल से रिहाई का फायदा उठाया
पूछताछ में नितेश पांडेय ने बताया कि जब दूसरे नितेश को सोमवार को जमानत मिली और मंगलवार को उसे रिहा होने के लिए बुलाया गया, तो वह मौके पर मौजूद नहीं था। नितेश पांडेय ने इस मौके का फायदा उठाया और खुद को जमानत प्राप्त नितेश बताकर जेल से बाहर निकल गया। नितेश पांडेय पर सेक्टर-58 पुलिस स्टेशन में 2021 में बलात्कार और बाल संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत मामला दर्ज है। गिरफ्तारी के बाद उसे नीमका जेल में रखा गया था।
जेल प्रशासन की लापरवाही और कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि दूसरे नितेश के पिता रविंद्र भी शास्त्री कॉलोनी, पुराने फरीदाबाद के रहने वाले हैं और वे एक हमले के मामले में जेल में थे। जेल प्रशासन ने इस पूरी घटना को गंभीर लापरवाही बताया और कहा कि नितेश पांडेय ने अपनी असली पहचान छुपाकर रिहाई का रास्ता निकाला। इस मामले में सदर फरीदाबाद पुलिस स्टेशन में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। जेल के निर्देशक मोहम्मद अकील, जेल सहायक अधीक्षक मोहनलाल, उप सहायक प्रदीप त्यागी, हवलदार राजेंद्र और दो वार्डन संजीव और राजेश को निलंबित कर दिया गया है।
इस घटना ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और प्रशासन मामले की पूरी जांच कर रहे हैं ताकि ऐसी गलती भविष्य में न हो। दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि न्याय प्रक्रिया में कोई बाधा न आए और कानून का शासन कायम रहे।