UPSC Result 2025: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 22 अप्रैल, मंगलवार को 2025 परीक्षा के परिणाम घोषित किए। इस बार कुल 1009 उम्मीदवारों को चयनित किया गया है, जिनमें से 335 सामान्य, 109 EWS, 318 OBC, 160 SC और 87 ST वर्ग के उम्मीदवार शामिल हैं। इस बार खास बात यह रही कि यूपी के दो उम्मीदवारों ने टॉप 10 में अपनी जगह बनाई है। जानकारी के मुताबिक, इस बार UPSC परीक्षा में टॉप करने वाले शाक्ति दुबे प्रयागराज के रहने वाले हैं, जबकि टॉप 10 में 10वें स्थान पर कन्नauj के मयंक त्रिपाठी ने अपनी जगह बनाई है।
टॉप करने वाले शाक्ति दुबे के बारे में जानें
प्रयागराज के रहने वाले शाक्ति दुबे ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से की। इसके बाद, उन्होंने इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। इसके बाद शाक्ति ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से पोस्ट-ग्रेजुएशन की। 2016 में उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में बायोकैमिस्ट्री में पोस्ट-ग्रेजुएट की पढ़ाई शुरू की और अपनी मेहनत और संघर्ष से UPSC की कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की। शाक्ति की सफलता न केवल उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह उनकी निरंतरता और समर्पण का प्रतीक भी है।
Kannuaj के निवासी मयंक त्रिपाठी ने UPSC परीक्षा में 10वां स्थान प्राप्त किया है। मयंक ने दिल्ली के प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज से अपनी पढ़ाई की। 2023 में UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद मयंक भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में सेवा दे रहे हैं। मयंक की इस सफलता से यह भी साबित होता है कि यूपी के छात्र संघ लोक सेवा आयोग की कठिन परीक्षा में लगातार अपना दबदबा बनाए हुए हैं। इसके पहले, मयंक को 2022 में यूपीपीएससी परीक्षा के माध्यम से पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के पद पर नियुक्त किया गया था।
गोरखपुर के शिवम सिंह ने दोबारा हासिल किया सफलता
गोरखपुर के एसडीएम शिवम सिंह ने UPSC परीक्षा में एक बार फिर सफलता प्राप्त की है। इस बार उन्हें 73वीं रैंक मिली है। खास बात यह है कि यह उनकी लगातार दूसरी सफलता है। शिवम सिंह पहले भी 2023 में UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके थे, लेकिन उस समय उनका रैंक उनकी इच्छानुसार नहीं था। इस बार उन्होंने UPSC 2024 की परीक्षा में फिर से भाग लिया और 73वीं रैंक हासिल कर अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। शिवम सिंह पहले गोरखपुर के चौरिचौरा और खजनी के एसडीएम रह चुके हैं और अब वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी बन गए हैं। उनकी यह सफलता यह दर्शाती है कि निरंतर प्रयास से ही किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।