संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 2024 की सिविल सर्विसेज परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। इस परीक्षा में Shakti Dubey ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर परिवार और शहर का नाम रोशन किया है। शाक्ति की इस उपलब्धि से उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। प्रयागराज स्थित उनके घर का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उनके परिवार के सदस्य एक-दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं। इस खुशी के मौके पर शाक्ति के माता-पिता ने मीडिया से बातचीत की और अपनी बेटी की सफलता पर खुशी जताई।
Shakti Dubey के पिता का बयान
Shakti Dubey के पिता देवेंद्र दुबे ने मीडिया से बात करते हुए अपनी बेटी की सफलता पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। भगवान ने जो मेहनत शाक्ति ने की थी, उसका फल उसे मिल गया है। हम सभी को उसकी सफलता पर खुशी है। हमें उम्मीद थी कि वह सफल होगी, क्योंकि उसने बहुत मेहनत की और पढ़ाई में हमेशा रुचि ली। मैं सोचता था कि वह कुछ बड़ा करेगी। पिछले साल वह इंटरव्यू तक पहुंची थी, लेकिन चयन नहीं हो सका था। लेकिन इस साल भगवान ने उसे बड़ी सफलता दी। फिलहाल शाक्ति घर से बाहर है, वह कल (बुधवार) घर वापस आएगी।”

शाक्ति दुबे की मां, प्रेमा दुबे ने भी अपनी बेटी की सफलता पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी की सफलता को देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। हर कोई मुझे बधाई दे रहा है। हमें उम्मीद थी कि वह जरूर सफल होगी, क्योंकि वह हर कक्षा में टॉप करती थी। यह सब महादेव की कृपा से हुआ है। हमारे तीन बच्चे हैं और सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।” शाक्ति की सफलता के कारण उनके घर में अब खुशी का माहौल है और रिश्तेदार लगातार उन्हें बधाई दे रहे हैं।
Shakti Dubey की पहचान और शिक्षा
Shakti Dubey उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूलिंग और ग्रेजुएशन प्रयागराज से ही की है। शाक्ति ने अपनी बैचलर डिग्री इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की है, जबकि अपनी पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से की है। शाक्ति ने बायोकैमिस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल की है और वह 2018 से UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। शाक्ति ने यह जानकारी एक मॉक इंटरव्यू के दौरान साझा की थी। उनके परिवार में शाक्ति के अलावा दो और बच्चे हैं, जो भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
शाक्ति की इस सफलता ने उनके परिवार को गर्व महसूस कराया है और उनके छोटे से शहर प्रयागराज का नाम रोशन किया है। शाक्ति की मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि वह इस कठिन परीक्षा में पहले स्थान पर आ पाई। उनकी सफलता एक प्रेरणा है उन सभी युवाओं के लिए जो UPSC जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।