Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक ऐसा पवित्र अवसर होता है जिसे हर शिवभक्त अपने जीवन में कम से कम एक बार जरूर पूरा करना चाहता है। यह यात्रा कठिन होती है लेकिन फिर भी हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहाड़ों और बर्फ की कठिनाइयों को पार करते हैं। ऐसा माना जाता है कि बाबा बर्फानी के दर्शन मात्र से सारे दुख दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह आस्था और श्रद्धा का वो रूप है जो इंसान को पर्वतों से भी टकराने की ताकत देता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमरनाथ गुफा के पहले दर्शन करने वाले ऋषि महर्षि भृगु माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब कश्मीर घाटी जलमग्न थी तो महर्षि कश्यप ने नदियों और नालों के माध्यम से उस पानी को बाहर निकाला था। उसी समय महर्षि भृगु हिमालय की ओर तपस्या के लिए एक एकांत स्थान की तलाश में निकले थे और तभी उन्हें बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा दिखाई दी। कहा जाता है कि अमरनाथ यात्रा की शुरुआत भी यहीं से हुई थी। अमरनाथ की गुफा में जो शिवलिंग बनता है वह बर्फ से बनता है और यह छत से टपकती पानी की बूंदों से धीरे धीरे आकार लेता है। यह शिवलिंग चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ भी आकार बदलता है और इसी कारण इसे ‘बाबा बर्फानी’ कहा जाता है।
अमरनाथ यात्रा 2025 की तारीखें क्या हैं
इस साल अमरनाथ यात्रा 25 जुलाई 2025 से शुरू होगी और 19 अगस्त 2025 को समाप्त होगी। यानी शिवभक्त 25 जुलाई से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अपनी यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा हर साल श्रावण मास में होती है जो भगवान शिव को समर्पित होता है। इस बार यात्रा की तारीखों की घोषणा के साथ ही श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। यह यात्रा दो प्रमुख मार्गों से होती है जिनमें से एक पहलगाम और दूसरा बालटाल मार्ग है। दोनों रास्तों पर प्रशासन द्वारा उचित व्यवस्था की जाती है जिसमें स्वास्थ्य सुविधा, खाने-पीने का इंतज़ाम और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम शामिल होते हैं।
किन्हें नहीं मिल सकती यात्रा की अनुमति
अगर आप इस बार अमरनाथ यात्रा पर जाना चाहते हैं तो ध्यान दें कि इसके लिए पंजीकरण 14 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुका है। लेकिन कुछ विशेष दिशा-निर्देश भी हैं जिनका पालन करना जरूरी है। 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 70 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं इस यात्रा के लिए पात्र नहीं हैं। यात्रा का पंजीकरण केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जो शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं और जिनका मेडिकल सर्टिफिकेट मौजूद है। अधिक जानकारी और ऑनलाइन पंजीकरण के लिए श्रद्धालु jksasb.nic.in वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।