प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर में 51 हजार से ज्यादा नव नियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। यह आयोजन Rozgar Mela के 15वें संस्करण के तहत हुआ। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी बयान के मुताबिक रोजगार मेला देशभर के 47 स्थानों पर आयोजित किया गया। यह केंद्र सरकार की रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रोजगार मेले से युवाओं को सशक्त बनाने और देश की प्रगति में उनकी भूमिका को मजबूत करने का अवसर मिलेगा।
देशभर से चुने गए नए उम्मीदवारों ने राजस्व विभाग, कार्मिक और लोक शिकायत मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, रेलवे मंत्रालय और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय जैसे केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में अपनी नियुक्ति पाई। रोजगार मेला की शुरुआत अक्टूबर 2022 में हुई थी और तब से अब तक केंद्र सरकार ने 10 लाख से ज्यादा स्थायी सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं। पिछले साल दिसंबर में आयोजित 14वें रोजगार मेला के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था कि 71 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि रोजगार मेले के जरिए रोजगार प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की सरकार की व्यापक सोच सामने आती है।
रोजगार मेला की शुरुआत और उद्देश्य
रोजगार मेला का पहला आयोजन 22 अक्टूबर 2022 को हुआ था जिसमें 75 हजार नियुक्ति पत्र बांटे गए थे। यह सरकार की ओर से युवाओं के लिए मजबूत रोजगार अवसर सृजित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। सरकार ने 10 लाख कर्मियों की भर्ती का विशेष अभियान भी शुरू किया था ताकि रोजगार सृजन को बढ़ावा मिले और नौकरी चाहने वालों तथा सरकारी विभागों के बीच की दूरी कम की जा सके। इस पहल को देश में बेरोजगारी दर को घटाने और युवाओं को देश की विकास यात्रा में सक्रिय भागीदारी के लिए तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
अन्य देशों के साथ हुए रोजगार समझौते
पिछले रोजगार मेला में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया था कि भारत ने हाल के वर्षों में 21 देशों के साथ प्रवास और रोजगार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन देशों में जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, इजराइल, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, इटली और कई खाड़ी देश शामिल हैं। इन समझौतों के जरिए भारतीय युवाओं को विदेशों में भी रोजगार के बेहतर अवसर मिलने का रास्ता खुला है। इससे न केवल रोजगार के नए रास्ते बनेंगे बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की श्रमिक शक्ति की पहचान भी और मजबूत होगी।